5 सूत्री मांगों को लेकर पर्यटन निगम का घेराव:चालकों ने कहा- ये ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है, आगे सीएम हाउस का करेंगे घेराव

5 सूत्री मांगों को लेकर पर्यटन निगम का घेराव:चालकों ने कहा- ये ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है, आगे सीएम हाउस का करेंगे घेराव

बिहार राज्य संविदा पर्यटन चालक संघ की ओर से आज पर्यटन निगम का घेराव किया गया। वे लोग कार्यालय के बाहर बैठे हुए हैं और पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर-पोस्टर लेकर पहुंचे हैं। उनकी मुख्य मांगे हैं कि वेतन बढ़ोतरी करके 25 हजार की जाए। अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तो ये तो ट्रेलर है अभी पिक्चर बाकी है। आगे वह लोग सीएम हाउस का भी घेराव करेंगे। वेतन बढ़ाने की मांग की गई चालक संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर हम यहां धरना दे रहे हैं। हम लोगों की वेतन वृद्धि तत्काल हो। इसके लिए ठोस नीति नियम बने। 10% हर साल वेतन वृद्धि हो। इसके लिए हम लोगों ने हवाला भी दिया है। जो लोग 10-12 साल सेवा दिया है उन्हें बेरोजगार नहीं होना पड़े। मृत्यु के बाद अनुग्रह अनुदान की राशि सरकार की ओर से देने की बात कही गई है, वो हमलोगों पर लागू किया जाए। हमलोगों पर बोनस और ग्रेच्युटी भी लागू नहीं किया गया है। इन सभी पर हम एक ठोस नीति चाहते हैं। धमकी देकर के ड्यूटी कराया जा रहा संविदा चालक महेश ने कहा कि हम लोगों को सुबह 8:00 बजे बुलाया जाता है और रात के 10:00 बजे 12:00 बजे तक छोड़ा जाता है। हम लोग से धमकी देकर के ड्यूटी कराया जा रहा है। हम लोग पिछले 12 साल से अपना ड्यूटी कर रहे हैं और हमें 15000 से ज्यादा वेतन नहीं मिल रहा है यह हम लोगो के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। पर्यटन निगम हम ड्राइवरों को बेरोजगार कर रहा है ड्राइवर मुन्ना ने कहा कि हम लोग काफी बार उनसे मिलने गए, मगर वह समय नहीं देते हैं। हमलोग लेटर भी भेजे मगर उसका भी कोई जवाब नहीं मिला। इन लोगों के नजर में ड्राइवर की कोई हैसियत ही नहीं है। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री रोजगार का नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं और दूसरी तरफ पर्यटन निगम हम ड्राइवरों को बेरोजगार कर रहा है। 4 अगस्त को हमलोग धरना प्रदर्शन करने वाले थे, मगर हमलोग को सूचना आया कि एमडी साहब मिलना चाहते हैं। हमें लगा कि सब ठीक हो जाएगा तो फिर प्रदर्शन का जरूरत ही नहीं पड़ेगा, मगर यहां आने के बाद हमें उल्टा धमकाया जा रहा था। हमें कहा गया कि हम नेतागिरी करते हैं। अपना हक मांगना अब इन साहब लोगों के लिए नेतागिरी करना है।

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