तारीख : 1 अगस्त 2025। जगह : मध्यांचल बिजली वितरण का हेल्पलाइन 1912 का ऑफिस। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा औचक निरीक्षण पर थे। बहराइच के एक कस्टमर ने बिजली काटने और लाइनमैन की 2 हजार रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत की। ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर 4 घंटे के अंदर लाइनमैन बर्खास्त कर दिया गया। लेकिन, प्रदेश भर में बिजली के कॉल सेंटरों पर रोज आने वाले 30 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं की शिकायतों पर इतनी तेज एक्शन नहीं हो पाता। ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने, जर्जर तारों और पोल की शिफ्टिंग, मीटर बदलवाने, कनेक्शन लेने और अधिक बिल जैसी शिकायतें 3 साल से लंबित हैं। खुद ऊर्जा मंत्री ने 1912 कॉल सेंटर का निरीक्षण करने के बाद शिकायतों के निराकरण के तरीके पर नाखुशी जाहिर की थी। दैनिक भास्कर ने प्रदेश की पांचों बिजली वितरण कंपनियों के हेल्पलाइन सेंटर्स पर आने वाली शिकायतों की पड़ताल की। इसमें हालात में कोई सुधार नहीं दिखा। आइए, जानते हैं क्या है हकीकत… 1912 हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद क्या होता है?
प्रदेश में पूर्वांचल, दक्षिणांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और केस्को कानपुर निगम मंडलों में बिजली उपभोक्ताओं के लिए 24 घंटे टोल-फ्री हेल्पलाइन 1912 की सुविधा है। शिकायत दर्ज होने पर उपभोक्ता को एक नंबर मिलता है। यह शिकायत वेबसाइट पर अपलोड होते ही संबंधित कंपनी के एमडी, जिले के एसडीओ और क्षेत्र के जेई तक ऑटोमेशन से पहुंचती है। नियम है, समस्या का समाधान होने के बाद अधिकारी अपनी टिप्पणी के साथ शिकायत को क्लोज करें। नियामक आयोग के आदेश के बाद भी ओटीपी सिस्टम लागू नहीं
उत्तर प्रदेश राज्य नियामक आयोग ने सितंबर, 2024 में यूपीपीसीएल को OTP सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया था। जिससे उपभोक्ता की संतुष्टि के बाद ही शिकायत बंद हो। अगर समय पर समाधान न हो, तो विभाग को मुआवजा देना होगा। लेकिन, एक साल बाद भी यह सिस्टम लागू नहीं हुआ। अधिकारी बिना समाधान के शिकायतें बंद कर देते हैं, क्योंकि क्रॉस-चेक की कोई व्यवस्था नहीं है। 1912 पर आने वाली शिकायतें कैसे क्लोज की जाती हैं जानिए…. केस- 1 : 2 साल से जर्जर तारों की शिकायत
वाराणसी के सेवापुरी सब स्टेशन के बाराडीह गांव में रहने वाले कृष्ण कुमार मिश्रा उर्फ सनी मिश्रा 2 साल से जर्जर तारों और पोल बदलने की शिकायत कर रहे हैं। गर्मियों में वोल्टेज 100 से नीचे चला जाता है। विभाग हर बार मैसेज भेजता है कि ‘शीघ्र समाधान होगा।’ 29 मार्च, 2025 को अधिशासी अभियंता मनीष कुमार झा ने बताया कि काम मॉडर्नाइजेशन योजना में शामिल है। 3 महीने में हो जाएगा, लेकिन 4 महीने बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई। केस- 2 : आधा गांव अंधेरे में
आजमगढ़ जिले के पिपरौली गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य सुशील कुमार राय ने 16 सितंबर, 2022 को ऊर्जा मंत्री से शिकायत की थी। सौभाग्य योजना के तहत ठेकेदार मेसर्स बजाज लिमिटेड ने आधे गांव का विद्युतीकरण किया। बाकी को अंधेरे में छोड़ गया। 2022 में जवाब मिला कि फेज-3 में काम होगा। लेकिन, 3 साल बाद भी आधा गांव अंधेरे में है। ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने की मांग भी अनसुनी है। 1912 समेत दूसरे माध्यमों से सैकड़ों बार शिकायत कर चुके हैं। बिना समाधान के उनकी शिकायत क्लोज कर दी जाती है। केस-3 : उन्नाव में गलत शिकायत बंद
गौरईया गांव के सचिन ने 26 अगस्त, 2022 को जर्जर केबल और ट्रांसफॉर्मर की शिकायत की। 3 साल बाद भी कोई समाधान नहीं। उनकी शिकायत को ‘केबल उपलब्ध होने पर बदलने’ का हवाला देकर बंद कर दिया गया। लेकिन विभाग ने गलत नंबर डाला, जो इसी जिले के बड़ा खेरा गांव के रामराज शर्मा का है। रामराज की मां सावित्री देवी के नाम कनेक्शन है। उनका बिल 13 हजार से बढ़कर 23 हजार हो गया। मीटर चेक की उनकी शिकायत भी अनसुनी है। केस- 4 : बिना रीडिंग के लखनऊ में जारी हो रहा बिल
लखनऊ में इंदिरा नगर नंदन विहार में रहने वाले लाल मोहन सिंह के घर 3 किलोवाट का कनेक्शन है। 8 अगस्त, 2025 को उनके मीटर में खपत की रीडिंग 25,396 दर्शा रही है। लेकिन, उन्हें विभाग की ओर से 25540 रीडिंग का बिल भेजा गया है। इसमें बाकायदा जिक्र है कि मीटर रीडिंग 31 जुलाई, 2025 को दोपहर 1.20 बजे ली गई। कई बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। परेशान होकर उन्होंने बिल और मीटर का फोटो-वीडियो ऊर्जा मंत्री के सोशल X पर रिप्लाई किया है। लिखा है- मंत्रीजी आपका बहुत सम्मान करते हैं, लेकिन आपके विभाग वाले लोग महाभ्रष्ट हैं। बिना घर आए रीडिंग करके लगातार उत्पीड़न जारी रखे हैं। अब आपसे और आपके विभाग से कोई उम्मीद नहीं है। मध्यांचल के उपभोक्ता सबसे ज्यादा परेशान
मध्यांचल बिजली वितरण का कॉल सेंटर लखनऊ में है। मुख्यालय में होने की वजह ये माना जाता है कि यहां अधिक तत्परता से काम होते होंगे। लेकिन, शिकायतों की संख्या को देखें तो इस कंपनी के उपभोक्ता सबसे अधिक परेशान हैं। 5 कंपनी क्षेत्रों में जहां कुल शिकायतें तीन साल में 1.80 करोड़ के लगभग आईं। वहीं, अकेले मध्यांचल में 71 लाख के लगभग आईं। इसे आंकड़ों से भी समझा जा सकता है। बारिश की वजह से फाल्ट बढ़े, शिकायतें हुईं दोगुनी
बारिश ने बिजली कंपनियों के मेंटेनेंस की पोल खोल दी है। जबकि, मानसून से पहले बिजली कंपनियों की ओर से अभियान चलाकर मेंटेनेंस के काम किए जाते हैं। इसकी वजह से भीषण गर्मी में पावर कट किया जाता है। मानसून में हाल और बुरा हो चुका है। प्रदेश के 5 कॉल सेंटरों पर जहां औसतन रोज 14 हजार के लगभग कॉल आती थीं। वहीं, अब ये बढ़कर दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं। सबसे अधिक मध्यांचल कंपनी में शिकायतें आई हैं। 5 हजार से ज्यादा शिकायतें 2022 के पहले की पेंडिंग
बिजली विभाग के कॉल सेंटर पर आने वाली शिकायतों का निराकरण कैसे होता है? इसका अंदाजा विभाग के आंकड़ों से लगा सकते हैं। 12 अप्रैल, 2017 से 3 अगस्त, 2025 तक पांचों कॉल सेंटरों पर कुल 2.72 करोड़ कॉल रिसीव हुए। विभाग का दावा है कि इनमें से 2.71 करोड़ शिकायतों का समाधान कर दिया गया। 49 हजार 200 शिकायतें अब भी पेंडिंग हैं। इसमें 44 हजार 489 शिकायतें 1 अप्रैल, 2022 के बाद की शामिल हैं। मतलब 4 हजार 711 लोगों की शिकायतें 2022 के पहले की हैं। जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया। कॉल सेंटर पर सबसे अधिक बिजली सप्लाई संबंधी शिकायतें
प्रदेश में शहर, तहसील मुख्यालय और गांवों में बिजली के घंटों का रोस्टर तय है। जो क्रमश: 24, 22 और 18 घंटे है। लेकिन, लोगों को रोस्टर के मुताबिक कभी बिजली नहीं मिलती है। प्रदेश के पांचों कॉल सेंटर्स पर सबसे अधिक शिकायतें बिजली सप्लाई से संबंधित होती हैं। ऊर्जा मंत्री के आदेश पर यूपीपीसीएल चेयरमैन ने जारी किया पत्र
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के 30 जुलाई को दिए गए आदेश के क्रम में 10 दिन बाद 9 अगस्त को यूपीपीसीएल चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने प्रदेश की पांचों वितरण कंपनियों के एमडी को एक पत्र जारी किया। इस पत्र के जरिए उन्हें निर्देश दिया गया कि ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सप्लाई मिले। उनकी शिकायतों का त्वरित निवारण हो। 5 बिंदुओं पर कार्रवाई के निर्देश विभाग ने कॉल सेंटर के अलावा वॉट्सऐप चैटबॉट तैयार किया
पावर कॉर्पोरेशन की ओर से वॉट्सऐप चैटबॉट तैयार किया गया है। दावा किया गया है कि हर समस्या का डिजिटल उपचार होगा। न कॉल का तनाव और न 1912 का इंतजार, सीधे आप वॉट्सऐप चैटबॉट पर शिकायत करें। पांचों कंपनियों के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए गए हैं। ये सुविधा 24 घंटे काम करेगी। ———————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी में 9 पड़ोसी राज्यों से महंगी बिजली, बिहार पर तंज कसने वाले मंत्री एके शर्मा सिर्फ किसानों को फ्री बिजली दे रहे यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बीते दिनों 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने के बिहार सरकार के फैसले पर तंज कसा था। मथुरा में दिए इस बयान ने तूल पकड़ा, तो सफाई भी दी। शर्मा ने कहा कि उनका मतलब लालटेन वाली राजद को लेकर था। अगर वह सत्ता में आई तो न बिजली मिलेगी और न ही बिल देना पड़ेगा। बिजली कंपनियों की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दरों में 45% तक बढ़ाने की याचिका नियामक आयोग में दायर की है। इसकी जनसुनवाई भी पूरी हो चुकी है। बिजली की दरें बढ़ेंगी या नहीं, ये तो नियामक आयोग तय करेगा। लेकिन, वर्तमान दरों की बात करें तो यूपी में अभी 9 पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे महंगी बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही है। सबसे सस्ती बिजली दिल्ली के बाद बिहार में मिल रही है। पढ़ें पूरी खबर
यूपी में बिजली की 33 हजार शिकायतें रोजाना:जर्जर तार, मीटर जैसी 3 साल पुरानी शिकायतें भी सॉल्व नहीं हुई
