रांची | झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण बात कही है। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने कहा है कि अपीलीय स्तर पर याचिकाओं में संशोधन की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक अपीलकर्ता कोई ठोस कारण नहीं देता है। अदालत ने कहा कि सीपीसी का आदेश- VI, नियम-17 न्यायालय को कार्यवाही के किसी भी चरण में विवेकाधीन अधिकार प्रदान करता है, जिससे वह किसी भी पक्ष को अपनी याचिकाओं में ऐसे तरीके से और ऐसी शर्तों पर परिवर्तन या संशोधन करने की अनुमति दे सकता है, जो न्यायोचित हों। अदालत ने कहा, नियम में यह भी प्रावधान है कि पक्षकारों के बीच विवाद के वास्तविक प्रश्नों के निर्धारण के उद्देश्य से आवश्यक सभी संशोधन किए जाएंगे। न्यायालय ने कहा- जब तक कोर्ट को यह नहीं बताया जाता कि मूल रूप से न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में किस प्रकार परिवर्तन या संशोधन प्रस्तावित है, न्यायालय संशोधन की अनुमति देने के अपने अधिकार का प्रभावी ढंग से प्रयोग नहीं कर सकता।
हाईकोर्ट में अपीलीय स्तर पर याचिका में संशोधन के लिए देना होगा ठोस कारण
