बेतिया नगर के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार उर्फ भोला कुमार की शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उन्हें पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला था, जिस कारण आर्थिक तंगी में समय पर इलाज नहीं हो सका। धर्मेंद्र बीते 18 जून से अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर महाविद्यालय दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बेतिया जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। शुक्रवार को धर्मेंद्र के परिजनों और साथी कर्मचारियों ने उनका शव कॉलेज के प्रशासनिक भवन के सामने रखकर जोरदार प्रदर्शन शुरू किया। जमीन बेचकर कराया इलाज मृतक की पत्नी मुन्नी देवी ने बताया कि इलाज के लिए परिवार को चार कट्ठा जमीन बेचनी पड़ी, फिर भी पैसों की कमी के कारण समुचित इलाज नहीं हो सका। उनका आरोप है कि प्राचार्य अभय कुमार से कई बार वेतन के भुगतान के लिए विनती की गई, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। यदि समय रहते वेतन दे दिया गया होता, तो शायद आज धर्मेंद्र जिंदा होते। सरकार से मुआवजे और परिवार को नौकरी देने की मांग की संघ के सदस्य ऋषि कुमार ने बताया कि जब धरना स्थल पर धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, तो वह खुद प्राचार्य के पास गए थे और सिर्फ धर्मेंद्र का वेतन भुगतान करने की अपील की थी, ताकि उसका इलाज हो सके, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। आज हम सब अपने एक साथी को खो चुके हैं। कर्मचारी संघ ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाए, पत्नी को नौकरी दी जाए और सभी कर्मचारियों का लंबित वेतन तुरंत भुगतान किया जाए। इस घटना से कर्मचारी वर्ग में आक्रोश है और यह साफ संदेश गया है कि प्रशासन की लापरवाही और वेतन भुगतान में देरी सीधे जान पर भारी पड़ सकती है। धरना तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।
बेतिया कॉलेज के कर्मी की इलाज के दौरान मौत:परिजन बोले-10 महीने से वेतन नहीं मिलने से नहीं हो सका इलाज, शव रखकर किया प्रदर्शन
