चान्हो प्रखंड के पतरातु पंचायत स्थित महुआ टोली गांव के घुमकुड़िया में आयोजित एक सम्मान समारोह में मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बेटियां रोज नए इतिहास रच रही हैं। कल तक जो बेटियां गुमनामी और अभाव में अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रही थीं, आज वे अफसर बेटियों के रूप में समाज के लिए गर्व बन गई हैं। उनके संघर्ष, अनुशासन और मेहनत ने यह सफलता दिलाई है। पूरा आदिवासी समाज आज इन बेटियों पर गर्व महसूस कर रहा है।
मंत्री ने कहा कि यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है और यह संदेश देती है कि सीमित संसाधनों में भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये दोनों बेटियां प्रशासनिक सेवा में अपने कार्यों से समाज का नाम रौशन करेंगी।
वहीं मौके पर सम्मान पाने के बाद दिव्या और विद्या भगत ने कहा कि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की हमेशा उनकी प्रेरणाश्रोत रही हैं और उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। दोनों ने बताया कि उनका सपना था कि वे प्रखंड विकास पदाधिकारी बनें। जो सपना अब पूरा हुआ। उन्होंने गांव के अन्य बच्चों से भी प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर समाज में बदलाव लाने की अपील की।
इस अवसर पर उनके परिजनों के अलावा महादेव उरांव, अब्दुल्ला अंसारी, मंगलेश्वर उरांव, एतवा उरांव, इरशाद खान, निधिया उरांव, जुल्फेकार अंसारी, सहित अन्य मौजूद थे।