शाह ने सपा सांसद को बर्थडे विश किया, उनका इंटरव्यू:बोले- जब रेड पड़ी थी, तभी मैं उनकी वाशिंग मशीन में धुल जाता

शाह ने सपा सांसद को बर्थडे विश किया, उनका इंटरव्यू:बोले- जब रेड पड़ी थी, तभी मैं उनकी वाशिंग मशीन में धुल जाता

‘जब मेरे यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था, तभी भाजपा में चला जाता और वाशिंग मशीन में धुल गया होता। जिसे आज भी झेल रहा हूं। मैं समाजवादी था, हूं और रहूंगा।’ दैनिक भास्कर के भाजपा में शामिल होने की संभावना पर किए गए सवाल पर यह बात सपा के राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय प्रवक्ता और घोसी से सांसद राजीव राय ने कही। राजीव राय के जन्मदिन पर गृहमंत्री अमित शाह ने फोन करके बधाई दी थी। तभी से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अमित शाह से बातचीत का वीडियो कैसे बाहर आया? उम्र 53 या 56 साल? क्या चुनाव लड़ने के लिए सपा सांसद ने उम्र ज्यादा लिखाई? ऐसे ही सवालों के जवाब सपा सांसद राजीव राय से दिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: अमित शाह ने आपको जन्मदिन की बधाई दी। क्या ये पहली बार था?
राजीव राय: इसे अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा। अमित शाह ने पिछली बार भी फोन किया था, मंत्रियों ने भी फोन किया था। ये गलत हुआ, जो भी हुआ। मैं इंसुलिन लगाकर खाने के टेबल पर था, बाहर भीड़ लगी थी। मैं नहीं चाहता था कि जन्मदिन के मौके पर लोग आएं, घंटों इंतजार करें। जल्दी में था, फोन की घंटी बजी। सोचा 10-20 सेकेंड लगेगा, वो विश करेंगे और हो जाएगा। मुझे नहीं पता था कि पीछे कोई है? लड़का था, अति उत्साह में उसने रिकार्ड कर लिया। मैं बात खत्म की बाहर भीड़ में चला गया। आधे घंटे बाद पता चला की वीडियो वायरल हो गया है। फिर मैंने जो करना था किया, किसी को फांसी पर लटका नहीं देंगे। तमाम मंत्रियों के फोन आए। अगर मुझे वायरल कराना होता, तो पिछले साल भी फोन आया था। ये शिष्टाचार है, जो राजनीति से अलग है। इसे राजनीति से जोड़ना गलत है। मैंने चंद्रशेखर, जनेश्वर मिश्रा, चौधरी चरण सिंह, नेताजी से राजनीति का ककहरा सीखा है। न रिकार्डिंग करता हूं और न वायरल करता हूं। सवाल: क्या अखिलेश यादव से कोई चर्चा इसे लेकर हुई?
राजीव राय: नेताओं को मेरे ऊपर इतना भरोसा है। मैं कितनी अग्निपरीक्षा दूंगा। मुझे भाजपा में जाना होता, तो जिस दिन इनकम टैक्स का छापा पड़ा था, उसी दिन चला गया होता। आज भी उसे झेल रहा हूं, शायद लोग उसे भूल गए होंगे। मैं भी भाजपा की वाशिंग मशीन में साफ हो गया होता। मेरी रगों में समाजवाद है, जन्म से समाजवादी हूं और आखिरी सांस तक समाजवादी रहूंगा। सवाल: धनखड़ साहब कहां हैं? क्या सपा ने भी इसे लेकर सवाल किए?
राजीव राय: हम पार्टी की ओर से लगातार सवाल पूछते रहे कि उपराष्ट्रपति गए कहां? मैंने सबसे पहले दिन पूछा था कि अगर तबीयत खराब है, तो 18 घंटे तक किसी का एक संदेश नहीं आया। कोई उनको देखने नहीं जाए, ये बात किसी को हजम नहीं हो रही। इससे ये साबित हो गया है कि सरकार किसी की नहीं। धनखड़ साहब से ज्यादा सरकार के लिए कोई क्या करेगा? भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के भरोसे अपनी परिपाटी चलाने वाले लोगों को धनखड़ साहब का हश्र याद रखना चाहिए। सवाल: आपकी सीट कभी कल्पनाथ राय के नाम से जानी जाती थी। क्या उनकी कमी दूर कर पा रहे?
राजीव राय: कल्पनाथ राय ने विकास की जो रेखा खींच दी, उससे बड़ी रेखा खींचना इतना आसान नहीं। ये भी सच है कि जब कल्पनाथ राय सांसद थे, उस समय देश और प्रदेश दोनों जगह उनकी सरकार थी। उनके मन में जो जुनून था, जो सपना था, उसे पूरा करना उनके लिए आसान था। इस समय हमारी सरकार न केंद्र में है और न प्रदेश में। जिस तरह से माहौल चल रहा है, उससे निश्चित ही 2027 में हमारी सरकार आएगी। घोसी के लोगों ने मुझे ऐतिहासिक जीत दी है। शायद आपको पता होगा कि 1952 से लेकर आज तक इतनी बड़ी जीत किसी की नहीं हुई। मुझे इस बात का एहसास है कि जितनी बड़ी जीत, उतनी बड़ी जिम्मेदारी। पिछले 20 साल में घोसी की आवाज उठाने वाला कोई नहीं रहा। पिछले 3-4 सांसद कौन थे, ये किसी को याद नहीं है। मैं जब जीतकर आया, तो मुझे पार्टी के प्रवक्ता और नेता के रूप में लोग जानते थे। लेकिन, घोसी कहां है ये किसी को नहीं पता था। आज मेरे घोसी के मालिकों को लगता है कि उनका एक सांसद है। जिसका शत प्रतिशत उपस्थिति का रिकार्ड है। सबसे ज्यादा बोलने का रिकार्ड है, सबसे ज्यादा सत्ता पक्ष से सवाल पूछने का रिकार्ड है। कम समय में भी मैंने बहुत कुछ करने का प्रयास किया। बरसों से हमारे यहां प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कई सड़कें लंबित थीं, उन्हें पूरा कराया। बलिया-मऊ का फोरलेन पास कराया। अभी एक साल हुए हैं। बहुत सारी योजनाएं चल रही हैं। लगा हुआ हूं। मेरे लिए सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि जो कल्पनाथ राय छोड़कर गए थे, उन्हें आगे बढ़ाया जाए। सवाल: आपने कहा कि मऊ में चिकित्सा माफिया लूट रहे हैं, इशारा किसकी ओर था?
राजीव राय: मऊ की दो पहचान थी। सबसे पहले बुनकरों से पहचान थी, वो खत्म हो रही। दूसरी पहचान बनी मेडिकल हब की। कुछ अच्छे डॉक्टर आए। जैसे मैं बलिया का हूं, सुना करता था कि जो इलाज के लिए वाराणसी नहीं जा सकता था, वह मऊ चला जाता था। अभी आज आप जाएंगे तो मऊ से लेकर लखनऊ तक संरक्षण में फर्जी अस्पतालों के लगातार बोर्ड लगे हैं। एक-एक अस्पताल के सामने देखेंगे कि अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों के नाम लिखे हैं। भीतर जाओगे तो फर्मासिस्ट, बीएमएस वाले इलाज कर रहे हैं। चार मरीज ऑफिशियली मर गए। न जाने कितने गलत इलाज की वजह से मर जाते हैं, दबा दिए जाते हैं, पता नहीं। उपमुख्यमंत्री पहले बोलते थे कि मैं बहुत शर्मिंदा हूं। पता नहीं कितनी रकम जा रही है कि अब शर्मिंदगी भी खत्म हो गई। सवाल: क्या बुलडोजर कार्रवाई को लेकर यूपी में अपनी सरकार बनने पर कार्रवाई करेंगे?
राजीव राय: हमारे यहां एक गांव है, मैं वहां गया। चिह्नित करके उस गांव में यादवों और मुस्लिमों के घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया। उन लोगों पर मर चुके लोगों के नाम से पीआईएल कराई गई। मैं फिर दोहरा रहा हूं कि अगर सत्ता पक्ष या किसी नेता के दबाव में जाति या मजहब पूछकर बुलडोजर चलाएंगे, तो ऐसे अधिकारियों को याद रखना चाहिए कि सत्ता बदलती भी है। मैं कानूनी रूप से रिटायरमेंट के बाद भी नहीं छोड़ूंगा। ऐसे लोगों को जेल भेजूंगा। सवाल: आपकी उम्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं? क्या मामला है 53 और 56 का? जवाब: (मजाकिया लहजे में) मैंने ये बात कही थी, जब गृहमंत्री का फोन आया था। हंस भी तो रहा था। सवाल: विपक्षी कह रहे कि आपने चुनाव में फायदा लेने के लिए उम्र घटाई?
राजीव राय: आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि पूरा खर्च मैं उठाऊंगा। ऐसे लोग किसी पागलखाने में जाकर इलाज कराएं, पैसे की चिंता बिल्कुल ना करें। 53 साल या 56 साल में उम्र घटाने बढ़ाने से क्या फायदा होगा? उम्र का फायदा तो तब होता है, जब आप 23 साल के हों या 25 साल के हों। ऐसे लोग जो आरोप लगाते हैं, वो कितने करप्ट हैं। मैं ऐसे लोगों को आश्वासन देता हूं कि इलाज में जो खर्च आएगा, वो सब राजीव राय उठाएगा। सवाल: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता गिनाने के लिए सरकार ने आपको विदेश भेजा था, क्या अखिलेश की सहमति थी?
राजीव राय: सफलता गिनाने के लिए नहीं भेजा था। पाकिस्तान आतंकवाद को कैसे फैला रहा, उसके लिए भेजा था। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही भेजा था। उन्होंने ही मेरा नाम सुझाया था, उन्होंने ही मुझे भेजा था। जो कुछ भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं। सवाल: आपने कहा था, पूर्वजों की बनाई संपत्ति जो बेचते हैं, उसे नालायक कहा जाता है। इशारा किस की ओर था?
राजीव राय: सबको पता है, किसके ऊपर है। आप बताते हैं कि इतने एयरपोर्ट बना दिए। बचपन में हम लोग सुनते थे कि राशन ब्लैक होता है। कुंभ के दौरान आपने भी देखा कि किस तरह से एयर फेयर बढ़ा दिया गया। एयरलाइंस ने टिकट महंगा कर दिया। मंत्री ने कहा कि एयरफेयर सरकार के हाथ में नहीं होता, कंपनियों के हाथ में होता है। इस पर मैंने एक सवाल पूछ लिया- नारा किसने दिया था कि हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में बिठाएंगे। जहां तक एयरपोर्ट की बात कर रहे हैं, आप संपत्तियां बनाते हैं बेचने के लिए। जितनी संपत्तियां बेची आपने, हमारे पूर्वजों ने सोचा भी नहीं था। सवाल: आपके पास विदेशी नंबरों से धमकी भरे फोन आ रहे थे, कोई कार्रवाई हुई कि नहीं?
राजीव राय: मेरे ऊपर खतरा आज भी बना हुआ है। इन्हीं के अधिकारी बताते हैं कि सुरक्षा देना मेरे हाथ में नहीं है, आप अपनी सुरक्षा कर लीजिए। सरकार को कई बार लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेरे घर में एक नौकर था, पता चला कि उसके डीपी पर दिल्ली पुलिस लिखा है। अचानक हमने एक दिन उससे पूछताछ शुरू की, तो वह भाग गया। मैंने पुलिस कमिश्नर को उसके फोटो के साथ भेजा। बताया कि वह संदेहास्पद स्थिति में यहां से गया है। मुझे थ्रेड है कि कहीं प्लांट तो नहीं किया गया। सांसद के पत्र का दिल्ली पुलिस ने जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा, जो गृहमंत्री के सीधे अंडर में आती है। गृहमंत्री से लेकर पुलिस कमिश्नर तक इग्नोर कर रहे हैं। मारने वाला और बचाने वाला ऊपर वाला है। सवाल: किससे खतरा है आपको?
राजीव राय: मैं कभी चिकित्सा माफिया के खिलाफ लड़ जाता हूं, कभी ठेकेदारों के खिलाफ। कभी अधिकारियों, कभी अपराधियों के खिलाफ लड़ जाता हूं। समाज में जो भी इस तरह का तत्व है, उससे कोई खुश तो होगा नहीं। पूर्वांचल की धरती के बारे में सब जानते हैं। सवाल: आपने कहा कि आपके क्षेत्र के बुनकर जीएसटी से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए। अब अमेरिकी टैरिफ से धंधा चौपट है?
राजीव राय: मोदीजी 2014 से पहले जिन-जिन बातों का गाजे-बाजे के साथ विरोध करते थे, अब उन्हें अपनी उपलब्धियां बताते हैं। एक माइक्रो इंडस्ट्रियल को एक साल में 170 आफिशियल कंप्लाएंसेस भरना पड़ता है। हर कंप्लायंस पर चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। ये डुइंग ऑफ बिजनेस नहीं, पेन ऑफ बिजनेस है। टैरिफ…ओबामा मेरे लंगोटिया यार से लेकर अबकी बारी ट्रंप सरकार। सरकार को सोचना चाहिए कि डिप्लोमेसी एक गंभीर विषय है। लपक कर गले पड़ जाना बिजनेस नहीं होता। आज क्या हाल है? पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद रोकने की जो कमेटी होती है, सुरक्षा परिषद की चेयर दे दी गई। आपके साथ कोई खड़ा नहीं हो रहा। सवाल: राजभर कहते हैं कि उनकी वजह से सपा ने मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ में स्वीप किया था?
राजीव राय: अपने बबुआ को कभी बनारस से लड़ाया, कभी घोसी, तो कभी बांसडीह से लड़ाया। जो आदमी अपने बेटे को नहीं जिता सकता, वह किसी पार्टी को जिता दे, ऐसी खुशफहमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मोदी और योगी के बारे में क्या कहा था? बेशर्मी भी ऐसे लोगों के सामने आत्महत्या कर लेगी। इसलिए मैं ऐसे लोगों की बातों को तरजीह नहीं देता। सवाल: 2024 के लोकसभा चुनाव में आपने ओपी राजभर के बेटे को हराया। कितना कठिन था मुकाबला?
राजीव राय: मैंने अपनी कैंपेन के दौरान भी कहा था कि इन लोगों का बोलना मेरे लिए वोट बढ़ाने की मशीन हैं। उनको तो सभी ने हराया है। अब बिहार चले जाएं, वहां भी लड़ लें। सवाल: यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए आपकी पार्टी की क्या रणनीति है?
राजीव राय: समाजवादी पार्टी और पीडीए की सरकार बन रही है। पूरे प्रदेश को पता चल गया है कि कोई सगा नहीं, जिसे ठगा नहीं। कांवड़ियों पर फूलों की बारिश होती है, हमें कोई एतराज नहीं। कौन धर्म कहता है कि कांवड़ियों के ऊपर फूल बरसाओ और नौकरी के लिए परीक्षा देने वालों बच्चों पर लाठी चलवाओ। एक बच्चे का, जिसका मऊ घर है, उसे आप लखीमपुर परीक्षा देने के लिए भेज रहे हो। आप मजबूर कर रहे हो। जब टिकट नहीं मिलेगा, रहने की जगह नहीं मिलेगी तो लाठी से मरवाओगे। योगीजी लाठी से मरवा लीजिए सबको। जनता के वोट की मार वैसी ही पड़ेगी कि आप वापस वहीं जाएंगे, जहां से आए थे। सवाल: संभल में हुई हिंसा के लिए आयोग बना था, उसकी रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट को कैसे देखते हैं?
राजीव राय: इनके पास फर्जी बातें हैं। जिसे कांफिडेंशियल रिपोर्ट कहा गया, वह लिफाफा खुलने से पहले ही मीडिया में लीक हो गई। फिर जो सेंसेस हुए, वो क्या गलत हैं और फर्जी थे? इनके पास झूठ और नफरत का पूरा कैलेंडर है। जब आप फंसने लगते हैं तो उसमें से एक निकाल कर आगे छोड़ देते हैं। आप लोगों के माध्यम जनता को भटका देते हैं। अब ऐसी हालत हो गई कि भूल से ये सच बोलें तो भी जनता इन पर भरोसा करने वाली नहीं। इनकी अंतिम सांसें चल रही हैं, दिल्ली की भी और यूपी की भी। सवाल: यूपी के सीएम को उनके काम-काज के लिए आप 100 में से कितने नंबर देना चाहेंगे?
राजीव राय: मैने पहले भी कहा था कि माइनस मार्किंग की कोई गुंजाइश होती, तो मैं बताता। सवाल: प्रधानमंत्री से आपके रिश्ते कैसे हैं?
राजीव राय: प्रधानमंत्री से मेरा कोई रिश्ता नहीं। मैं विदेश से लौटकर आया था, उन्होंने मेरे नाम से बुलाया तो मैं मिलने चला गया। मेरा रिश्ता मेरी जनता से और मेरे नेता से है। सवाल: सपा ने 2022 में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। क्या 2027 में ये दोहरा पाएंगे?
राजीव राय: पूरे देश में शानदार प्रदर्शन होगा। प्रचंड बहुमत के साथ पीडीए की सरकार बनेगी, सपा की सरकार बनेगी। सबका सम्मान होगा। सवाल: मऊ में जमीन कब्जा करने को लेकर आप पर आरोप लग रहे। क्या मामला है?
राजीव राय: फर्जी बातों का मैं क्या कहूं? मैंने मानहानि का मुकदमा कर दिया है। जिस आदमी का कागजों में है कि पहले नगर पालिका की जमीन, फिर पोखरे की जमीन सब कब्जा कर रहा था। फिर कोर्ट से भी चल रहा था। आपकी जमीन है तो आप कोर्ट जाओगे न कि सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर दिन भी ट्वीट करोगे? मैं भेजूंगा जेल, राजीव राय बेदाग था। जब सरकार थी, तब एक इंच जमीन नहीं ली, अब मैं भूमाफिया हूं? जिंदगी में कोई एक केस नहीं। चंद लोगों के कहने पर, चढ़ाने पर वह ऐसा कर रहा है। उसके पोस्ट पर कौन जा रहा है, भाजपा बात कर रही है, राजभर बात कर रहे हैं। जब सरकार थी, तब राजीव राय के घर पर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की लाइन लगती थी। तब तो राजीव राय ने कब्जा किया नहीं…। —————————— ये खबर भी पढ़ें… प्रिया सरोज बोलीं- रिंकू से अरेंज नहीं, लव मैरिज, मछलीशहर मेरी कर्मभूमि है, इसे नहीं छोड़ सकती लोकसभा में सबसे युवा महिला सांसद प्रिया सरोज ने पहली बार क्रिकेटर रिंकू सिंह से अफेयर और अपनी आगे की राजनीति पर बेबाकी से बात रखी। उनका अफेयर 2022 में शुरू हुआ था। जल्द ही दोनों शादी करेंगे। प्रिया सरोज सपा के कद्दावर नेता तूफानी सरोज की बेटी हैं। वह मछलीशहर से सांसद हैं। उनकी रिंकू से अरेंज मैरिज है या लव मैरिज? शादी कब होगी? शादी के बाद कहां जाने का प्रोग्राम है? मोदी पसंद हैं या योगी? दैनिक भास्कर के इन सवालों के उन्होंने जवाब दिए। पढ़िए पूरी खबर…

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