पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि करमा पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति संरक्षण का संदेश भी देता है। आस्था से ओत-प्रोत इस पर्व में यह कामना की जाती है कि संसार में खुशहाली आए, कृषि उत्पादन अच्छा हो और मानव-प्रकृति का रिश्ता सुदृढ़ बना रहे। यही वजह है कि झारखंड के ग्रामीण और शहरी, दोनों ही इलाकों में करमा पर्व को बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। महतो रविवार को मुरी-टुंगरी के समीप आयोजित आखड़ांय करम महोत्सव में बोल रहे थे। मुरी करमा पूजा समिति के तत्वाधान में हुए इस महोत्सव का शुभारंभ अखरा में पारंपरिक नृत्य और गीत के साथ किया गया। मंच का संचालन सुनील सिंह ने किया। मांदर की थाप व करमा के गीत पर थिरके लोग कार्यक्रम से पूर्व झारखंड मोड़ से मुरी-टुंगरी कार्यक्रम स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में महिलाओं की भारी भीड़ थी। सभी मांदर की थाप एवं करमा के गीत में नृत्य करते हुए चल रहे थे। इस मौके पर गूंज परिवार के संयोजक जयपाल सिंह, आयोजन समिति के अध्यक्ष सह जिला परिषद उपाध्यक्ष वीणा चौधरी, प्रमुख जितेंद्र बड़ाईक, उप प्रमुख आरती देवी, पूर्व जिप सदस्य गौतम कृष्ण साहू, समाजसेवी श्याम सुंदर महतो, अंतरराष्ट्रीय लॉन बॉल खिलाड़ी दिनेश महतो समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। पारंपरिक वेशभूषा में सुदेश महतो व अन्य और महोत्सव में उमड़ी भीड़।
प्रकृति संरक्षण का संदेश देता है करम : सुदेश
