प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर:आरा में पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत, एक्सपर्ट ने लोगों से जुड़ने की अपील की

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर:आरा में पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत, एक्सपर्ट ने लोगों से जुड़ने की अपील की

आरा में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक सिखाने और इसे व्यावहारिक रूप से अपनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र की हेड डॉ. शोभा रानी ने किया। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. सच्चिदानंद सिंह, सुप्रिया वर्मा, डॉ. विकास सिंह एवं जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. नीरज कुमार मौजूद रहे। विशेषज्ञों ने बताया कि प्राकृतिक खेती एक रसायन-मुक्त, पशु-आधारित और टिकाऊ कृषि पद्धति है। जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति और उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक है। यह पद्धति फसल वृद्धि को प्रोत्साहित करती है और पर्यावरण में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण सखियों को प्राकृतिक खेती की अवधारणा, तकनीकी पहलुओं एवं इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञों ने ग्रामीण सखियों से कहा कि वे इस तकनीक को सीखें और अपने-अपने क्षेत्रों में इसका उपयोग करते हुए अन्य किसानों को भी प्रेरित करें। प्राकृतिक खेती से जुड़ने की अपील डॉ. शोभा रानी ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने से भविष्य की पीढ़ियों को स्वस्थ जीवन और टिकाऊ कृषि व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण सखियों को प्राकृतिक कीटनाशक, खाद निर्माण एवं जैविक पद्धतियों से खेती करने के व्यावहारिक ज्ञान भी उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि पदाधिकारी डॉक्टर नीरज कुमार ने बताया कि आज कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में बिहार सरकार एवं कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से कृषि सखियों का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में जितने भी कृषि सखियों का चयन हुआ है। उन लोगों को पांच दिनों में प्राकृतिक खेती करने के लिए सारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां से हमारी सभी सखियां एक्सपर्ट बनकर जाएंगे,अपने गांव एवं प्रखंड के सभी महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी। राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक खेती करने का बढ़ावा देने जो लक्ष्य बनाया गया है उसे पूरा किया का सके ।

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