मधेपुरा में कार्यपालक सहायक सेवा संघ के बैनर तले रविवार को कला भवन परिसर में एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया। जिसमें सरकार द्वारा कार्यपालक सहायकों के साथ किए जा रहे भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर आवाज बुलंद की गई। धरना की अध्यक्षता संतोष कुमार ने की जबकि संचालन आशीष कुमार ने किया। इस दौरान करीब 250 कार्यपालक सहायकों ने भाग लिया और सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावी साल में संविदा पर काम करने वाले अन्य कर्मियों के वेतन में डेढ़ से दो गुना तक की वृद्धि की गई है। लेकिन सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों के वेतन में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई है, जो सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है। न तो सम्मान मिल रहा है, न ही उचित वेतनमान धरना में वक्ताओं ने कहा कि कार्यपालक सहायक ही वे लोग हैं जो जनता से सीधे जुड़कर सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो सम्मान मिल रहा है और न ही उचित वेतनमान। धरना के दौरान कार्यपालक सहायकों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को प्रमुखता से रखा। निधन पर मुआवजा राशि 40 लाख देने की मांग जिसमें राज्य कर्मी का दर्जा देते हुए स्थायीकरण, पद की योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर इंटरमीडिएट करने, ईपीएफ का लाभ नियुक्ति तिथि से देने, हटाए गए सहायकों का समायोजन करने, आकस्मिक निधन पर मुआवजा राशि 40 लाख तय करने, हड़ताल अवधि का मानदेय भुगतान करने, चिकित्सीय लाभ उपलब्ध कराने, सेवाकाल में मृत्यु के उपरांत 36 माह का मानदेय देने, मृतक आश्रितों को नौकरी देने और अंतर जिला स्थानांतरण की व्यवस्था शामिल है। कार्यपालक सहायकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। बैठक में मनीष कुमार, अमरदीप कुमार, आशीष कुमार, राजू सरदार, आशा कुमारी, सुनील कुमार, विपिन कुमार, मिथिलेश कुमार, निशा कुमारी, सतीश कुमार, रंजीत कुमार, सोनू कुमार झा, रतन कुमार, कैलाश राम, अमरेश कुमार, गजेंद्र कुमार, पल्लवी कुमारी और संजय कुमार समेत बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक मौजूद रहे।
कार्यपालक सहायकों का वेतन वृद्धि के लिए आंदोलन:मधेपुरा में 250 कर्मियों ने किया धरना, 10 सूत्री मांगों को लेकर सरकार को दी चेतावनी
