मैसूर में 1 सितंबर को अखिल भारतीय वाणी एवं श्रवण संस्थान (एआईआईएसएच) का गोल्डर जुबली समारोह था। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू थीं। प्रोटोकॉल के मुताबिक कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी मौजूद थे, लेकिन स्वागत भाषण के दौरान सिद्धारमैया ने राष्ट्रपति से ही पूछ लिया कि क्या उन्हें कन्नड़ आती है, वे अपनी स्पीच कन्नड़ में देने वाले हैं। सिद्धारमैया की स्पीच के बाद द्रौपदी मुर्मू ने सिद्धारमैया को लाजवाब कर दिया। उन्होंने कहा- मैं देश की हर भाषा, संस्कृति और परंपरा का सम्मान करती हूं। मैं कामना करती हूं कि सभी अपनी भाषा को जीवित रखें, अपनी परंपरा-संस्कृति को संरक्षित रखें। मैं शुभकामनाएं देती हूं। मैं धीरे-धीरे कन्नड़ सीखने का प्रयास करूंगी। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आने के बाद BJP ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया। पूर्व मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि सद्धारमैया में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी से यही सवाल पूछने की हिम्मत नहीं है। BJP प्रदेशाध्यक्ष बोले- सिद्धारमैया की टिप्पणी अहंकार से भरी इस घटना पर पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि सिद्धारमैया की टिप्पणी अहंकार, अपमानजनक और राजनीतिक दिखावे से भरी है। इसने राज्य की आतिथ्य परंपरा का उल्लंघन किया है। विजयेंद्र ने आगे लिखा, “कन्नड़ हमारा गौरव है, लेकिन एक भाषा को एकजुट करना चाहिए और पुल का निर्माण करना चाहिए, न कि इसे कभी भी दूसरों को नीचा दिखाने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।” कर्नाटक में लागू हैं कन्नड़ से जुड़े तीन कानून कर्नाटक में कन्नड़ लैंग्वेज लर्निंग एक्ट- 2015, कन्नड़ लैंग्वेज लर्निंग रूल- 2017 और कर्नाटक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट रूल- 2022 कानून लागू हैं। वहीं सिद्धारमैया सरकार के नियमों के मुताबिक सभी सरकारी ऑफिस, स्कूलों, कॉलेजों और बिजनेस में कन्नड़ भाषा को प्राथमिकता दी जाएगी। सार्वजनिक साइनबोर्ड, एडवर्टाइजमेंट और वर्क प्लेस पर कन्नड़ भाषा बोली-लिखी जाएगी। सामानों की पैकेजिंग पर नाम और जानकारी कन्नड़ में छापना अनिवार्य होगा। यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों के लिए होगा। लैंग्वेज को लेकर पहले भी विवाद कर्नाटक में लंबे समय से कन्नड़ भाषा के संरक्षण और प्रचार को लेकर आंदोलन होते रहे हैं। हाल ही में बेंगलुरु में दुकानों पर गैर-कन्नड़ नेम प्लेट को लेकर प्रदर्शन हुए थे। इसके अलावा, महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच बस सेवाएं भी रोकनी पड़ी थीं, क्योंकि बसों पर कन्नड़ साइनबोर्ड नहीं लगे थे। ——————- ये खबर भी पढ़ें… बेंगलुरु में कन्नड़ नहीं बोलने पर बिहार की SBI मैनेजर-कस्टमर में बहस कर्नाटक में हिंदी बोलने और कन्नड़ नहीं बोलने पर हंगामा हुआ था, दरअसल, पटना की प्रियंका बेंगलुरु के चंदापुरा में SBI बैंक में मैनेजर थीं। वहां एक कस्टमर से कन्नड़ में बात नहीं करने पर उनकी तीखी बहस हुई।वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें प्रियंका को बोलते सुना जा रहा है कि, ‘ये भारत है, हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है, मैं तो हिंदी में ही बोलूंगी।’ वीडियो वायरल होने के बाद एसबीआई की ओर से बयान जारी कर कहा गया, ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नीति ग्राहकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस की है।’ विवाद के बीच एसबीआई ने ब्रांच मैनेजर का तबादला कर दिया गया। पढ़ें पूरी खबर…
CM सिद्धारमैया ने राष्ट्रपति से पूछा- कन्नड़ आती है:मुर्मू बोलीं- हर भाषा-परंपरा से प्यार, कन्नड़ भी सीखूंगी; BJP का सवाल- सोनिया से पूछने की हिम्मत है
