नगर निकाय चुनाव में देरी पर झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन ने कोर्ट में मौजूद मुख्य सचिव से कहा-राज्य सरकार संविधान को नहीं मान रही है। नियम है कि हर पांच साल में नगर निकाय चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन सरकार इसे भी नहीं मान रही है। सुरेश महाजन केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी अनुपालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने सरकार को उस आदेश की प्रति रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया, जिसके तहत ट्रिपल टेस्ट के बाद निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया गया था। इस दौरान सरकार ने चुनाव के लिए समय की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार निकाय चुनाव कराने के लिए समय-सीमा तय करे। ऐसा नहीं किया गया तो मुख्य सचिव पर अवमानना की कार्रवाई चलेगी। अदालत ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 10 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। जमशेदपुर: हर साल 250 करोड़ रुपए का नुकसान धनबाद: प्रदूषण हटाने को क्लीन एयर प्रोग्राम पर ब्रेक रांची: पुल, तालाब, सड़क व नाली का निर्माण अटका केंद्र ने रोका 2000 करोड़ का फंड, विकास योजनाएं अटकीं राज्य के 13 नगर निकायों का कार्यकाल 2020 में पूरा हो गया था। वहीं 35 निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में खत्म हुआ।। निकायों में अफसरशाही हावी हो गई। विकास पर भी असर दिखने लगा। चुनाव न होने से केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग से मिलने वाले करीब 2000 करोड़ रुपए का फंड रोक दिया। जो विकास योजनाएं चल रही थीं, वह बंद हो गईं।
नगर निकाय चुनाव समय पर न कराने से हाईकोर्ट नाराज:कहा- चुनाव की समय-सीमा तय करे सरकार, वरना अवमानना की कार्रवाई होगी
