जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में गुरुवार को भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया। भारतीय सेना ने X पर बताया कि उन्हें आतंकियों के घुसपैठ की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन जारी है। इससे पहले 2 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के अखल देवसर इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (Let) के तीन आतंकवादी मारे गए थे। सेना ने आतंकियों के खिलाफ 1 अगस्त को ऑपरेशन अखल शुरू किया था, जो 12 दिनों तक चला था। इसमें दो जवान भी शहीद हुए थे। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर में 7 अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 23 आतंकवादी मारे गए हैं। आज मारे गए दो आतंकियों की पहचान सामने नहीं आई है। अन्य 21 में से बारह आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि नौ स्थानीय थे। जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल से 1 अगस्त तक 6 मुठभेड़ मुठभेड़ 1: जगह- कुलगाम, तारीख- 1 से 12 अगस्त
श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर कुलगाम में ऑपरेशन अखल नामक एक ऑपरेशन चलाया गया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकवादी मारे गए। इनकी पहचान कुलगाम के जाकिर अहमद गनी, सोपोर निवासी आदिल रहमान डेंटू और पुलवामा निवासी हरीश डार के रूप में हुई। मुठभेड़ 2: जगह- पुंछ, तारीख- 30 जुलाई
ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत, पुंछ सेक्टर में दो लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी मारे गए थे। दोनों पाकिस्तानी थे। उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए थे। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि वे घुसपैठिए थे जो हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से सीमा पार करके आए थे। मुठभेड़ 3: जगह- हरवान, तारीख- 28 जुलाई
ऑपरेशन महादेव के तहत, श्रीनगर के हरवान स्थित मुलनार गांव में तीन पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी मारे गए थे। इनकी पहचान सुलेमान, अफगान और जिबरान के रूप में हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बताया था कि तीनों आतंकियों ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। मुठभेड़ 4: जगह- पुलवामा, तारीख- 15 मई
पुलवामा शहर से लगभग 26 किमी दूर त्राल जंगल में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए थे। ये सभी त्राल के रहने वाले थे। इनकी पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट्ट के रूप में हुई थी। मुठभेड़ 5: जगह- शोपियां, तारीख- 13 मई
सेना ने शोपियां जिले के केल्लर जंगलों में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों का मारा था। इनकी पहचान शाहिद कुट्टे, अदनान शफी डार और आमिर बशीर के रूप में की गई। तीनों आतंकी शोपियां के रहने वाले थे। मुठभेड़ 6: जगह- सांबा सेक्टर, तारीख- 8 और 9 मई
सांबा जिले में बीएसएफ के जवानों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सात आतंकवादियों को मार गिराया था। सभी पाकिस्तानी नागरिक थे। यह मुठभेड़ हाल के महीनों में JeM के खिलाफ सबसे घातक मुठभेड़ों में से एक थी। अधिकारियों ने आतंकवादियों की पहचान का खुलासा नहीं किया था। ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को रात डेढ़ बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वॉर्टर और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ठिकाना भी शामिल था। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। ये खबरें भी पढ़ें… मोदी बोले- दुनिया के किसी नेता ने जंग नहीं रुकवाई: पाकिस्तान के DGMO ने गुहार लगाई- बस करो, अब झेलने की ताकत नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है।’ उन्होंने बताया, ‘दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन रोकने को नहीं कहा था।’ पूरी खबर पढ़ें… CDS से सवाल- पाकिस्तान ने कितने भारतीय फाइटर जेट गिराए: जनरल चौहान बोले- महत्वपूर्ण यह नहीं- विमान गिरे, जरूरी यह- क्यों गिरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय फाइटर जेट गिरने के दावों पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे? CDS ने यह बात ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कही। वे यहां शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़ें…
जम्मू-कश्मीर के गुरेज में मुठभेड़, दो आतंकवादी मारे गए:घुसपैठ के दौरान जवानों पर फायरिंग की थी; सेना और पुलिस का ऑपरेशन जारी
