दीपावली और छठ महापर्व में देश के विभिन्न शहरों से धनबाद आने के लिए रेल टिकट कटाने में भारी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। यहां के सैकड़ों-हजारों लोग दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चंडीगढ़, चेन्नई में रहते हैं। त्योहार मानाने के लिए घर आते हैं। दीपावली 20 अक्टूबर को और छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक है। रेलवे के नियमों के मुताबिक, यात्रा के 60 दिन पहले आरक्षण शुरू होता है। 18 अक्टूबर की यात्रा के लिए मंगलवार को बुकिंग शुरू होने के महज 10 मिनट में दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अजमेर से धनबाद की सभी प्रमुख ट्रेनों में सीटें फुल हो गईं और नो रूम हो गया। 17 और 18 अक्टूबर का वेटिंग टिकट तक नहीं मिल रहा। बिहार जाने वाली मौर्य एक्सप्रेस में भी 17 व 18 अक्टूबर को सभी श्रेणियों में वेटिंग लग गई है। तत्काल का विकल्प बचा है, पर इस कोटे से टिकट कटाना कभी आसान नहीं होता। हालांकि, बिहार जाने के लिए गंगा-दामोदर, वनांचल, पाटलिपुत्र में अभी सीटें उपलब्ध हैं।
25% वेटलिस्ट टिकट के नए नियम से हो रही परेशानी रेलवे के नए नियमों के तहत, ट्रेनों में आरक्षित सीटों की कुल संख्या के 25% तक ही वेटिंग टिकट जारी किए जा रहे हैं। विभिन्न स्टेशनों से धनबाद के लिए पूल कोटे में अधिकतम 50-60 सीटें ही हैं। ऐसे में उन ट्रेनों में सीटें फुल होने पर 10-20 वेटिंग टिकट के बाद नो-रूम हो जा रहा है। हवाई मार्ग : बुक कराएं रांची, दुर्गापुर, देवघर की फ्लाइट धनबाद आने के लिए विभिन्न शहरों से रांची, दुर्गापुर और देवघर की फ्लाइट बुक करा सकते हैं। अभी बुकिंग कराने पर किराया कुछ कम पड़ेगा। पर्व नजदीक आने के साथ टिकटों की मांग बढ़ने के साथ डायनामिक फेयर प्राइसिंग के कारण किराया भी बढ़ता चला जाएगा। विमान अगर 180 सीटों वाला है, तो एयरलाइंस कंपनियां पहली 10 सीटें सामान्य किराए पर बुक करती हैं। उसके बाद की हर 10 सीटों के बाद किराया बढ़ता जाता है।