आगरा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में नहीं चली AC:गर्मी और उमस से बेहाल दिखे स्टूडेंट्स; राज्यपाल बोलीं- केजी टू पीजी का ध्येय लेकर चलिए

आगरा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में नहीं चली AC:गर्मी और उमस से बेहाल दिखे स्टूडेंट्स; राज्यपाल बोलीं- केजी टू पीजी का ध्येय लेकर चलिए

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 91वां दीक्षांत समारोह में बुधवार को राज्यपाल आंनदीबेन पटेल पहुंचीं। दीक्षांत समारोह में इंडियन हैबिटेट सेंटर के निदेशक प्रो. केजी सुरेश भी मौजूद रहे। इस दौरान शिवाजी मंडपम में एसी नहीं चला। इससे गर्मी और उमस के चलते उपाधि वाले स्टूडेंट परेशान रहे और इन्विटेशन कार्ड से हवा किया। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने कहा- रिसर्च पर फोकस करना होगा। यूनिवर्सिटी में पेपर बदलना, बार कोड बदलना जैसे काम बंद कराने होंगे। ऐसे देश विकसित नहीं होगा। फर्जी डिग्री लेकर घूमने से देश को लाभ नहीं मिलेगा। यूनिवर्सिटी में ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें बंद कराने की जरूरत है। केजी टू पीजी का ध्येय लेकर चलिए। सिलेबस पर मंथन हो। 10 साल का विजन होना चाहिए। वहीं कुलपति प्रो. आशु रानी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा- इस साल दीक्षांत समारोह दीक्षोत्सव के रूप में मनाया है। विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं। 82 हजार से ज्यादा डिग्रियां दी जाएंगी। 144 पीएचडी डिग्रियां दी जाएंगी। नैक में विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिला, जो टीम वर्क का नतीजा है। विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाते हुए कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि इस साल समर्थ से एडमिशन लिए गए। सेंट्रल लाइब्रेरी के बारे में जानकारी दी। कहा कि हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए छात्रों को तैयार कर रहे हैं। पांडुलिपियों का संरक्षण शुरू हो चुका है। 15 से अधिक इंटरनेशनल एमओयू किए हैं। छात्रों का इसरो में भी चयन हुआ है। खेलो इंडिया के लिए 13 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। एक लाख से ज्यादा छात्रों को मोबाइल दिए गए हैं। 22 पेटेंट हुए हैं। दीक्षांत समारोह में बेस्ट टीचर रिसर्च डॉ. जैसवार गौतम, बेस्ट टीचर सोशल वर्क डॉ. अर्चना और बेस्ट टीचर ओवर ऑल प्रो. मनु प्रताप सिंह को अवॉर्ड मिला। दीक्षांत समारोह से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल के आगमन पर विरोध जताने पहुंचे आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष पंडित सिद्धार्थ चतुर्वेदी को एसओजी टीम ने रास्ते से हिरासत में ले लिया। जिलाध्यक्ष गले में काला कपड़ा डाल कर सरकारी स्कूल बंद करने के ख़िलाफ़ विरोध करना चाहते थे। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पहले उन्हें रोक लिया और पुलिस लाइन ले गए। राज्यपाल के जाने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया।
इसी तरह एनएसयूआई और सपा छात्रसभा के पदाधिकारियों को भी विरोध से पहले ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दोनों संगठनों ने आधे अधूरे परिणामों, विभिन्न अव्यवस्थाओं के बीच हो रहे समारोह का विरोध किया था।

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