बक्सर में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गंगा और कर्मनाशा नदियों के उफान ने बक्सर-मोहनिया स्टेट हाइवे को जलमग्न कर दिया है। सड़क यातायात पूरी तरह बंद होने के बाद प्रशासन ने नावों का संचालन शुरू किया था। शुक्रवार को चौसा गोला के पास एक छोटी नाव पर 2 बाइक के साथ 10 यात्री सवार होकर उपरी इलाकों की ओर जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाव चालक ने बिना प्रशासनिक अनुमति के नाव पर बाइक चढ़ाई थी। नाव खुलते ही पानी भरने लगा और थोड़ी दूरी पर वह डूब गई। कमर-भर पानी थी, इसलिए बच गए लोग जहां नाव डूबी, वहां पानी की गहराई केवल कमर तक थी। आसपास के ग्रामीणों और अन्य नावों की मदद से सभी यात्रियों को सुरक्षित किनारे पहुंचा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर नाव कुछ दूर आगे जाकर डूबती, तो गहरी धारा में बड़ी जनहानि हो सकती थी। सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल जिला पार्षद पूजा देवी ने आरोप लगाया कि सड़क पर पानी चढ़ने के बाद केवल 4 नावें लगाई गईं, जबकि प्रभावित आबादी काफी अधिक है। न तो तकनीकी जांच हुई और न ही लाइफ जैकेट जैसी बुनियादी सुविधाएं दी गईं। ग्रामीण धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि प्रशासन केवल नाव उपलब्ध कराने तक सीमित है, निगरानी नहीं हो रही। कई नावों में क्षमता से अधिक सवारियां और सामान भरा जा रहा है। अधिकारियों ने मानी लापरवाही चौसा के सीओ उद्धव मिश्रा ने स्वीकार किया कि कुछ प्राइवेट नावें क्षमता से अधिक लोगों को ले जा रही हैं। उन्होंने कहा, “अगर लिखित शिकायत मिले तो कार्रवाई करेंगे।” मौके पर तैनात चौकीदार ने भी माना कि चेतावनी के बावजूद लोग नियम तोड़ रहे हैं। जांच के आदेश, नाव चालक पर होगी कार्रवाई प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित नाव चालक पर कार्रवाई की बात कही है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ कार्रवाई नहीं, सख्त निगरानी और ठोस योजना से ही ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।
बक्सर स्टेट हाइवे जलमग्न, ओवरलोड से नाव डूबी:छोटी नाव पर 2 बाइक सहित 10 लोग थे सवार, ग्रामीणों ने बचाई जान
