गोंडा में रविवार सुबह सरयू नहर में बोलेरो गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई। 4 लोग घायल हैं, जबकि एक 10 साल की बच्ची लापता है। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने जिस तरह से मदद की, वह काबिलेतारीफ है। गाड़ी के नहर में गिरते ही मौके पर मौजूद 15 लोगों ने जान की परवाह किए बिना तेज बह रही नहर में छलांग लगा दी। लेकिन, तब तक गाड़ी नहर के किनारे से बहकर करीब 6 फीट दूर जा चुकी थी। साथ ही बोलेरो करीब 8 फीट तक पानी में डूब चुकी थी। इसके बावजूद लोगों ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पहले खुद ईंट से गाड़ी के शीशे को तोड़ने की कोशिश की। जब शीशे नहीं टूटे, तो ट्रैक्टर मंगवाकर रस्सी के सहारे गाड़ी को किनारे तक खींचा। इसके बाद ईंट से कार के शीशे तोड़े। फिर एक-एक करके कार में फंसे सभी 11 शवों को बाहर निकाला। इस पूरे रेस्क्यू में 35 मिनट लगे। इसके बाद भी सभी युवक कार सवार लोगों को अस्पताल ले जाने में जुट गए। अब रेस्क्यू की 3 तस्वीरें… अब पढ़िए हादसे के बाद रेस्क्यू की कहानी… स्थानीय निवासी सन्ने ने बताया- जिस जगह हादसा हुआ, वहां से महज 15 मीटर दूर मेरी और साज की झोपड़ी है। हम कुम्हार हैं। झोपड़ी में मिट्टी के बर्तन बना रहे थे। सुबह करीब 10 बजे तेज आवाज हुई। इस पर हम लोग भागकर झोपड़ी से बाहर आए। तेज रफ्तार बोलेरो के ड्राइवर ने अंधे मोड़ के पास अचानक से ब्रेक मारा था। बारिश होने से रोड पर फिसलन थी। इसलिए गाड़ी फिसल गई और बेकाबू होकर नहर में गिर पड़ी। गाड़ी को नहर में गिरते देख मेरे अलावा राहुल, साजन, खुर्शीद, जमशेद, अयोध्या प्रसाद, वेदप्रकाश, रामनिवास, तुलाराम समेत 15 लोगों ने नहर में छलांग लगा दी। उस समय 10 बजकर 10 मिनट हो रहे ते। लेकिन, जब तक हम लोग नहर में कूदते, तब तक गाड़ी बहकर नहर के बीच में पहुंच गई थी और पूरी तरह डूब चुकी थी। इसके बाद हम लोग गाड़ी के पास पहुंचे। फिर हमने पहले ईंट से कार के शीशे तोड़ने की कोशिश की। एक के बाद एक लगभग 8 बार ईंट मारी, लेकिन शीशा नहीं टूटा। इसके बाद फोन करके ट्रैक्टर मंगवाया। फिर नहर की तलहटी में जाकर रस्सी का एक सिरा कार में बांधा और दूसरा ट्रैक्टर में। ट्रैक्टर के सहारे कार को खींच कर आधे घंटे में किनारे पर ला दिया। CPR देकर बताने की कोशिश की
स्थानीय निवासी राहुल बताते हैं- काफी देर तक पानी में डूबे रहने से कार में सवार सभी 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। इसके बाद हमने ईंट की मदद से कार के शीशे तोड़े। फिर एक-एक करके सभी 11 शवों को बाहर निकाला। इसके बाद भी हम लोगों की उम्मीद बची थी। हमने सभी की सांसें और नब्ज चेक की। कुछ लोगों को सीपीआर देकर सांस देने की कोशिश की। सोचा, शायद किसी में जान लौट आए। सेंट्रल लॉक होने से पहले ही बह गई रचना
राहुल ने बताया कि नहर के किनारे मौजूद कार के ड्राइवर और अन्य 3 लोग मौजूद थे। उन्होंने बताया कि कार के अंदर एक 10 साल की बच्ची रचना भी थी। पानी में गिरने के बाद कार के सभी डोर सेंट्रल लॉक हो गए। लेकिन, शायद डोर लॉक होने से पहले ही रचना तेज बहाव में बह गई। मोड़ के बाद पुल पर चढ़नी थी कार
हादसे में बचे रामकरण ने बताया- हम लोग घर से 50 किलोमीटर दूर पृथ्वीनाथ मंदिर जा रहे थे। करीब 30 किलोमीटर आगे आ चुके थे। जिस अंधे मोड़ के पास कार नहर में गिरी, उससे 20 मीटर आगे एक पुल था। इसी पुल को पार करके जाना था। नहर के किनारे कोई रेलिंग नहीं थी। इसी कारण कार फिसलते हुए सीधे नहर में गिर गई। SDRF ने 8 किमी दूर बरामद किया रचना का शव
SDRF ने मौके पर रेस्क्यू शुरू कर दिया। घटना के 7 घंटे बाद रचना का शव बरामद हो गया। SDRF ने शव को खोजने के लिए नहर के पानी को रुकवाया। पानी रुकने के बाद जैसे ही बहाव धीमा हुआ, रचना का शव पानी की सतह पर तैरने लगा। घटनास्थल से 8 किलोमीटर दूर उसका शव उतराता हुआ मिला। —————————- यहां पढ़े पूरी घटना गोंडा में बोलेरो नहर में गिरी, 11 की मौत, गाड़ी में छटपटाते रहे, बाहर नहीं निकल पाए; जल चढ़ाने मंदिर जा रहे थे यूपी के गोंडा में तेज रफ्तार बोलेरो बेकाबू होकर सरयू नहर में गिर गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर एक ही परिवार के हैं। बोलेरो में 15 लोग थे। 4 को शीशा तोड़कर स्थानीय लोगों ने बचा लिया। यह सभी जल चढ़ाने पृथ्वीनाथ मंदिर जा रहे थे। पढ़ें पूरी खबर
गोंडा में तेज धार के बीच से खींच लाए बोलेरो:जान की परवाह किए बिना नहर में कूदे 15 युवक, 35 मिनट में निकाले 11 शव
