डॉक्टर की आखिरी निशानी लेने गोरखपुर आया परिवार:कमरे की दीवार पर लिखा- NO सेक्स, NO ड्रग्स, NO पोर्न; पिता ने वीडियो-फोटो बनाया

डॉक्टर की आखिरी निशानी लेने गोरखपुर आया परिवार:कमरे की दीवार पर लिखा- NO सेक्स, NO ड्रग्स, NO पोर्न; पिता ने वीडियो-फोटो बनाया

गोरखपुर में BRD मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में 11 जुलाई को एनेस्थीसिया के डॉ. अबीशो डेविड की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली थी। इसके बाद केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित घर पर डॉक्टर का अंतिम संस्कार किया गया। मौत के 22वें दिन 2 अगस्त को पिता डेविड और बड़ा भाई अभिनव डेविड अबीशो के कमरे में रखी आखिरी निशानी लेने BRD मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां करीब 2 घंटे रुककर कमरा नंबर 25-जी से डॉक्टर का सारा सामान निकाला। गाड़ी पर लादकर ट्रेन से घर के लिए भिजवाया। अबीशो के पिता बेटे के कमरे की दीवारों पर जो भी लिखा था, उसकी फोटो खींचते दिखे। कई बार बेटे को याद कर उनकी आंखाें से आंसू भी छलक पड़े। दीवारों पर लिखे स्लोगन की फोटो-वीडियो बनाते रहे पिता
BRD मेडिकल कॉलेज चौकी पर 2 अगस्त की सुबह 8 बजे डॉ. अबीशो के पिता डेविड और बड़े भाई अभिनव पहुंचे। यहां पुलिस से बात की। अभिनव ने कहा- मुझे अपने भाई का कमरा खाली करना है। उसका जो भी सामान वहां रखा है, उसे लेकर जाना है। इसके लिए क्या करना होगा। तत्काल गुलरिहा थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह वहां पहुंचे। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल को सूचना दी। इसके बाद थाना प्रभारी डेविड और अभिनव को लेकर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के कमरा नंबर 25-जी में पहुंचे। वीडियो रिकॉर्डिंग कराते हुए सील कमरा खोला गया। कमरे का ताला खोला, सभी लोग अंदर गए। बेटे के कमरे में प्रवेश करते ही पिता डेविड रोने लगे। वहां वार्डेन और अन्य मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने उन्हें समझाकर चुप कराया। इसके बाद वह कमरे की हर चीज को ध्यान से देखने लगे। दीवारों पर ढेर सारे स्लोगन लिखे थे। एक जगह दीवार पर लिखा था- NO सेक्स, NO ड्रग्स और NO पोर्न। पहले डेविड हर स्लोगन को ध्यान से पढ़े। इसके बाद दीवारों पर लगे स्लोगन का वीडियो और फोटो अपने मोबाइल से बनाने लगे। इस दौरान फ्रीज पर फोटो फ्रेम में अबीशो की पत्नी निमिषा के साथ तस्वीर लगी थी। उसे बड़े ध्यान से पिता देख रहे थे। भाई और पिता ने पैक किया सारा सामान
पिता और भाई ने पुलिस की मौजूदगी में कमरे का सारा सामान पैक किया। घर में फ्रीज, वॉशिंग मशीन, बेड, टीवी समेत अन्य घर के सामान थे। सारे सामान को पैक कर ट्रेन से पार्सल के जरिए तिरुवनंतपुरम भेज दिया गया। इस दौरान घर से भी बार-बार फोन आता रहा। पुलिस से पिता ने पूछा- मौत कैसे हुई?
बेटे की मौत का कारण कुछ पता चला? पुलिस ने इनकार करते हुए बोला- अभी तक कुछ पता नहीं चला है। तब उन्होंने कहा- घर पर भी सभी लोग अचानक अबीशो की मौत से हैरान हैं। वे इसका कारण जानना चाह रहे हैं। पुलिस का कहना था- विसरा जांच के लिए भेजा गया है। उसकी जांच रिपोर्ट आने पर ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। डेविड और अभिनव अबीशो के दोस्तों से भी मिले। उनसे भी पूछताछ की। लेकिन, कोई मौत का कारण नहीं बता पाया। डेविड और अभिनव फ्लाइट से घर के लिए निकले। मेडिकल कॉलेज में 11 जुलाई को मिली थी केरल के अबीशो की लाश केरल के रहने वाले डॉ. अबीशो डेविड की लाश 11 जुलाई को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के कमरा नंबर 25-जी में मिली थी। मेडिकल कॉलेज से ही डॉक्टर एनेस्थीसिया से पीजी कर रहे थे। इस बार उनका लास्ट ईयर था। उनकी लाश के पास से एनेस्थीसिया का इंजेक्शन और सिरिंज मिली थी। ऐसा माना जा रहा था कि एनेस्थीसिया के इंजेक्शन की अधिक डोज लेने की वजह से डॉक्टर की मौत हुई। 12 जुलाई को उनके भाई अभिनव और ससुर साल्वे राज गोरखपुर आए। यहां से पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर विसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया। पोस्टमॉर्टम के बाद भाई और ससुर डॉक्टर की लाश लेकर फ्लाइट से 13 जुलाई की रात केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित घर पहुंचे। जहां प्रेग्नेंट पत्नी डॉ. निमिषा डॉक्टर की लाश के सामने बैठकर घंटों रोती रहीं। डॉक्टर को दफनाने से पहले घर में जन्मी बेटी 14 जुलाई की भोर में 4 बजे अचानक डॉ. निमिषा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिवार के लोगों ने उन्हें तिरुवनंतपुरम के श्री एविट्टोम थिरुनल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। सुबह जब एक तरफ डॉ. अबीशो को दफनाने की तैयारी चल रही थी। तभी सुबह 7.30 बजे उनकी पत्नी निमिषा ने एक बच्ची को जन्म दिया। निमिषा ने बच्ची का नाम हैंसी अबीशो रखा। परिवार के लिए यह बहुत ही कठिन वक्त था। निमिषा को नार्मल डिलीवरी हुई थी। बच्ची और मां दोनों स्वस्थ्य हैं। अस्पताल में निमिषा बार-बार अबीशो का नाम लेती रहीं। मुझे अबीशो को देखना है, इस बात की भी जिद करती रहीं। लेकिन, डॉक्टर ने उन्हें समझाकर शांत कराया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं अबीशो की पत्नी अबीशो के पिता डेविड आर्मी से रिटायर हैं। उनकी मां जूलियट टीचर से रिटायर हैं। अबीशो के बड़े भाई अभिनव पथानामाथिट्टा तालुका अस्पताल में आर्थो के डॉक्टर हैं। अबीशो ने केरल स्थित त्रिशूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पीजी की पढ़ाई के लिए उत्तर प्रदेश चला आया। यहां एक साल पढ़ाई करने के बाद निमिषा से उसकी शादी हुई थी। निमिषा तिरुवनंतपुरम के श्री एविट्टोम थिरुनल मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग में पीजी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही हैं। —————— ये खबर भी पढ़िए पत्नी से बोला-आंखें बंद करो लॉकेट लाया हूं…गला रेत दिया: मेरठ में 7 महीने की प्रेग्नेंट को मार डाला, पति ने खुद पुलिस बुलाई मेरठ में पति ने 7 महीने की प्रेग्नेंट पत्नी की हत्या कर दी। वह घर आया और पत्नी से बोला- अपनी आंखें बंद करो। मैं तुम्हारे गले के लिए लॉकेट लाया हूं। अपने हाथों से तुम्हें लॉकेट पहनाना चाहता हूं। इस पर पत्नी ने आंखें बंद कर लीं। इसके बाद पति ने चाकू से पत्नी का गला रेत दिया। हत्या के बाद पति ने खुद पुलिस को कॉल की। कहा- मैंने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। डेडबॉडी घर पर है। आकर उठा लीजिए। 8 महीने पहले 23 जनवरी, 2025 को दोनों की शादी हुई थी। पढ़ें पूरी खबर…

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