वर्ल्ड अपडेट्स:स्विट्जरलैंड ने भारतीय अल्पसंख्यकों की रक्षा की मांग की, भारत बोला- अपने देश के मुद्दों पर ध्यान दें

वर्ल्ड अपडेट्स:स्विट्जरलैंड ने भारतीय अल्पसंख्यकों की रक्षा की मांग की, भारत बोला- अपने देश के मुद्दों पर ध्यान दें

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की 60वीं सत्र में बुधवार को भारत ने स्विट्जरलैंड और पाकिस्तान के बयानों का कड़ा जवाब दिया। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने भारत से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मजबूत करने की मांग की थी। भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा, ‘स्विट्जरलैंड UNHRC का अध्यक्ष है। उन्होंने गलत जानकारी पर आधारित टिप्पणी की। त्यागी ने कहा- भारत एक विविध और जीवंत लोकतंत्र है, जो बहुलवाद को अपनाता है। स्विट्जरलैंड को अपने देश में नस्लवाद और भेदभाव जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि भारत के बारे में गलत बातें फैलानी चाहिए। इसी दौरान, पाकिस्तान ने भी भारत पर टिप्पणी की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। त्यागी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थक बताते हुए कहा, ‘पाकिस्तान इस मंच का दुरुपयोग अपनी झूठी कहानियों के लिए करता है। पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई और हाल ही में पहलगाम जैसे हमलों में पाकिस्तान का हाथ रहा है।’ उन्होंने 9/11 हमले की बरसी का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। त्यागी ने कहा, ‘हमें आतंकवाद के समर्थक से कोई सलाह नहीं चाहिए।’ भारत ने दोनों देशों के बयानों को खारिज करते हुए अपनी स्थिति मजबूती से रखी। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राष्ट्रपति ट्रम्प ने इजराइली पीएम को फोन पर फटकार लगाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइली पीएम नेतन्याहू को कतर पर हमले के लिए फटकार लगाई है। वाल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले को लेकर ट्रम्प और नेतन्याहू के बीच बहस हो गई। ट्रम्प ने इस हमले को बेवकूफी भरा कदम बताया। उन्होंने नेतन्याहू से हमले की सफलता के बारे में जानकारी ली, जिसका इजराइली पीएम ने साफ-साफ जवाब नहीं दिया। इजराइल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में हमास के ठिकानों पर हमला किया था। हमला हमास चीफ खलील अल-हय्या को निशाना बनाकर किया गया था। हमले में अल-हय्या बच गया, जबकि हमास के 6 लोग मारे गए थे। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इजराइल ने ट्रम्प को कतर हमले की जानकारी नहीं दी इसलिए वे नाराज हैं। कतर अमेरिका का सहयोगी देश है। यह गाजा युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल और अमेरिका के बीच दूरियां आ रही हैं। नेतन्याहू, ट्रम्प के नीतियों के खिलाफ काम कर रहे हैं। ट्रम्प सीजफायर और कैदियों की रिहाई के लिए कोशिश कर रहे हैं, जबकि नेतन्याहू अपने हमलों को और बढ़ा रहे हैं। कतर के बाद इजराइल का यमन पर हवाई हमला, 9 लोगों की मौत, 118 घायल, नेतन्याहू बोले- हम पर हमला करने वालों को नहीं बख्शेंगे इजराइली सेना ने बुधवार को यमन पर हवाई हमले किए। ज्यादातर हमले ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर किए गए। इन हमलों में 9 लोग मारे गए और 118 अन्य घायल हुए। एक दिन पहले इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा पर हमला किया था। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला दक्षिणी इजराइल के एक हवाई अड्डे पर किए गए हूती विद्रोहियों के हमले का जवाब था। उन्होंने कहा, ‘जो भी हम पर हमला करेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हमने उनके आतंकी ठिकानों और सुविधाओं को निशाना बनाया।’ हूती विद्रोही पिछले एक दशक से यमन की राजधानी सना और उत्तरी क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते हैं। हूती विद्रोहियों ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजराइल पर हमले के बाद गाजा युद्ध के समर्थन में इजराइल और लाल सागर में जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए। हूती का कहना है कि यह हमास के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए है। जवाब में इजराइल ने कई बार हूती ठिकानों पर बमबारी की है। इजराइली सेना ने बताया कि उनके लड़ाकू विमानों ने यमन के उत्तरी अल-जौफ प्रांत और सना में सैन्य शिविरों, हूती के सूचना विभाग के दफ्तर और ईंधन भंडारण स्थल को निशाना बनाया। हूती के सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के अध्यक्ष महदी अल-मशात ने कहा कि वे इजराइल के इन हमलों का जवाब देंगे। उन्होंने इसे “क्रूर जायोनी हमला” करार दिया। पिछले महीने इजराइल ने यमन में हूती मंत्रिमंडल की बैठक पर हमला किया था, जिसमें हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहवी और कई अन्य अधिकारी मारे गए थे। हालांकि, हूती संगठन का असली नियंत्रण इसके संस्थापक अब्दुल मलिक अल-हूती के हाथों में है। इजराइल ने हाल के महीनों में क्षेत्र में अपने दुश्मनों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। गाजा में दो साल से चल रहे युद्ध के अलावा, इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में कई ठिकानों पर हमले किए हैं। अमेरिका के कोलोराडो में एक स्कूली छात्र ने दो बच्चों को गोली मारी, खुद भी आत्महत्या की कोशिश की, 1 की मौत अमेरिका के कोलोराडो के एक स्कूल में बुधवार दोपहर करीब 12:30 बजे एक छात्र ने दो अन्य छात्रों पर गोली चलाई और फिर खुद को गोली मार ली। इसमें एक छात्र की मौत हो गई है। गोलीबारी स्कूल के अंदर और बाहर दोनों जगह हुई। हमलावर स्कूल का ही छात्र था, उसने खुद को गोली मारी। पुलिस ने पांच मिनट के भीतर हमलावर को ढूंढ लिया। घायल किशोरों को अस्पताल ले जाया गया, एक की हालत गंभीर है, और तीसरा (हमलावर) स्थिर स्थिति में है। स्कूल में 900 से अधिक छात्र पढ़ते हैं, ये इलाका जंगल से घिरा हुआ है। घटना के बाद डेनवर क्षेत्र से 100 से अधिक पुलिस अधिकारी स्कूल पहुंचे। यह घटना 1999 के कोलंबाइन हाई स्कूल नरसंहार की याद दिलाती है, जिसमें 14 बच्चों की मौत हुई थी।

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