सैन्य बलों की एलीट कमांडो फोर्स का संयुक्त युद्ध सिद्धांत बनाया गया है। यह साझा दस्तावेज सेना की स्पेशल फोर्स, वायु सेना की गरुड़ कमांडो फोर्स और नौसेना के मार्कोस कमांडो के लिए बनाया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई इस कवायद में तीनों सेनाओं की एलीट फोर्स की तैयारी का हर पहलू स्पष्ट किया गया है। मसलन, अगर किसी देश या उसकी शह में पलने वाले आतंकी, भारत विरोधी कार्रवाई करते हैं तो उनके खिलाफ क्या होगा? यही नहीं, युद्ध होने पर ये कमांडो क्या करेंगे और शांतिकाल में भूमिका क्या होगी, यह भी स्पष्ट किया गया है। इसका मकसद, दुश्मन के सामरिक महत्व के टारगेट्स को भीतर घुसकर वार करने की क्षमता विकसित करना है। साथ ही, दुश्मन के उन कीमती ठिकानों पर हमला बोलने की रणनीति बनी है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाए और उसका युद्ध छेड़ने का हौसला भी टूट जाए। अमेरिका की डेल्टा फोर्स और नेवी सील्स, स्पेत्सनाज और इजराइल की सयरेट मतकाल दुनिया की सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्सेज हैं। इनके ऑपरेशन दुश्मन के घर में घुसकर सटीक वार के लिए मशहूर हैं। थल, जल और नभ में ताकत जानिए अमेरिका, रूस और इजराइल की स्पेशल फोर्सेस के बारे में… 1. डेल्टा फोर्स यह अमेरिका की आर्मी स्पेशल ऑपरेशन्स यूनिट है। 1977 में बनी। मुख्य काम- आतंकवाद-रोधी, होस्टेज रेस्क्यू, कवर्ट ऑपरेशन, हाई-वैल्यू टारगेट्स को पकड़ना/मारना। सदस्य ज्यादातर अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स और रेंजर्स से चुने जाते हैं। ट्रेनिंग बहुत कठिन होती है, जिसमें दिमागी और शारीरिक सहनशक्ति की परीक्षा ली जाती है। 2. नेवी सील्स यह अमेरिकी नौसेना की स्पेशल ऑपरेशन्स यूनिट है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1962 में बनी। इनका ऑपरेशन हर जगह हो सकता है। मुख्य काम- समुद्री और तटीय इलाके में मिशन, खुफिया ऑपरेशन, आतंकवादियों पर हमला (जैसे ओसामा बिन लादेन को मारने का मिशन) ट्रेनिंग बेहद कठिन, हेल वीक नाम का फेज जिसमें कई दिन बिना नींद और आराम के खतरनाक एक्सरसाइज करनी होती है। 3. स्पेत्सनाज रूस की स्पेशल फोर्स, इसका मतलब है विशेष प्रयोजन बल। सोवियत संघ के समय से अस्तित्व में हैं, अब रूस की सेना, खुफिया एजेंसी और आंतरिक सुरक्षा बलों के अलग-अलग स्पेत्सनाज़ यूनिट्स हैं। मुख्य काम- जासूसी, आतंकवाद-रोधी अभियान, दुश्मन के इलाके में गुप्त हमले, बंधक बचाना, तोड़फोड़ करना। इन्हें निर्दयी और सख्त ट्रेनिंग के लिए जाना जाता है। इनकी ट्रेनिंग में वास्तविक लड़ाई जैसे हालात बनाए जाते हैं। 4. सायरेट मतकाल इजराइल की फोर्स इसे यूनिट 269 कहते हैं। 1957 में बनाई गई। मुख्य काम- खुफिया ऑपरेशन, आतंकवाद-रोधी अभियान, सीक्रेट मिशन को अंजाम देती है। पूरी दुनिया में बंधक छुड़ाने के ऑपरेशन में इनका नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। बेहद गुप्त यूनिट है, इनके बारे में जानकारी बहुत सीमित है। एहुद बराक और बेंजामिन नेतन्याहू जैसे कई इजराइली पीएम और अधिकारी कभी न कभी इस यूनिट का हिस्सा रहे हैं। ——————– ये खबर भी पढ़ें… भारत 5वीं जनरेशन के विमान के इंजन अमेरिका से लेगा: 14000 करोड़ की डील, अमेरिकी कंपनी 80% तकनीक देने भी तैयार भारत की विमान निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच जेट इंजन को लेकर कई रक्षा सौदे फाइनल स्टेज में हैं। HAL सूत्रों के मुताबिक सबसे बड़ा सौदा जेट GE 414 इंजन का होने जा रहा है। यह इंजन भारत के 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान एम्का (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) में लगेगा। GE ने इस इंजन की 80% तकनीकी ट्रांसफर की HAL की शर्त मान ली है। पढ़ें पूरी खबर…
भारत बनाएगा अमेरिका-रूस-इजराइल जैसी स्पेशल फोर्स:ये दुश्मन के घर में भी घुसकर मारेगी; जॉइंट वॉर थ्योरी का ब्लूप्रिंट तैयार
