पंजाब में अगले 5 दिन बारिश को लेकर कोई अलर्ट नहीं है। राज्य के लिए ये राहत की खबर है। इसी बीच प्रदेश में बचाव कार्य तेज हो गए हैं। अमृतसर के रमदास में रावी के कारण टूटे धुस्सी बांध को भरने के प्रयास भी शुरू हो चुके हैं। पठानकोट से तरनतारन तक पानी में कमी देखने को मिली है। दूसरी तरफ पहाड़ों पर बारिश ने बांधों के जलस्तर को बढ़ा दिया है। गुरुवार शाम 5 बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर तकरीबन 1679.05 फीट दर्ज किया गया, जो अब खतरे के निशान से एक फीट से भी कम है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भाखड़ा से सामान्य से 15 हजार क्यूसेक तक अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि भाखड़ा में पानी की आवक तकरीबन 95 हजार क्यूसेक के आसपास है। जबकि निकासी को अभी 85 हजार क्यूसेक तक सीमित किया जा रहा है। इससे बांध का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। भाखड़ा से छोड़े गए पानी का असर रूपनगर से लेकर लुधियाना व उससे आगे हरिके हैडवर्क तक देखने को मिल रहा है। बीते दिन लुधियाना के ससराली गांव में धुस्सी बांध की मिट्टी खिसक गई। जिसके बाद आर्मी को वहां बुलाया गया। घग्गर-नरवाना नदी का बांध टूटने के कारण घनौर गांव के पास पूरा इलाका पानी में डूब गया है। वहीं राजपुरा के नजदीकी गांवों में भी पिछले चार दिनों से सड़क संपर्क पूरी तरह प्रभावित है। ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ और राहत बचाव की PHOTOS पंजाब में बाढ़ की मौजूदा स्थिति… मौसम से जुड़े अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
भाखड़ा खतरे के निशान से 1 फीट नीचे:पानी छोड़ने से सतलुज उफान पर, घर-खेत डूबे; 5 दिन बारिश से राहत
