मोदी बोले-कांग्रेस बच्चों की टॉफी पर भी टैक्स लेती थी:लोगों के घर का बजट बिगड़ा था; दिवाली-छठ पूजा से पहले खुशियां डबल कीं

मोदी बोले-कांग्रेस बच्चों की टॉफी पर भी टैक्स लेती थी:लोगों के घर का बजट बिगड़ा था; दिवाली-छठ पूजा से पहले खुशियां डबल कीं

पीएम मोदी ने टीचर्स डे से एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले 45 शिक्षकों से मुलाकात की। मोदी ने करीब 35 मिनट तक संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने जीएसटी में सुधार, ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े कानून और आत्मनिर्भर भारत पर चर्चा की। मोदी ने कहा हमने आजादी के बाद का अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। कांग्रेस बच्चों की टॉफी पर भी टैक्स लेती थी। लोगों के घर का बजट बिगड़ा हुआ था। समय पर बदलाव के बिना, हम अपने देश को आज की वैश्विक स्थिति में उसका उचित स्थान नहीं दिला सकते। मैंने इस बार 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगली पीढ़ी के सुधार करना बेहद जरूरी है। मैंने देशवासियों से यह वादा भी किया था कि इस दिवाली और छठ पूजा से पहले खुशियों का डबल धमाका होगा। PM मोदी का संबोधन, 4 बड़ी बातें…. 1. जीएसटी पर- दिवाली से पहले खुशियों का डबल धमाका देश में निरंतर रिफॉर्म होते रहने चाहिए। जहां तक सरकार का कमिटमेंट है हम पूरी तरह कमिटेड है। हमारा मानना है कि समय के हिसाब से आगे नहीं चले तो देश को उसका हक नहीं दिला सकते। मैंने लाल किले से कहा था भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म करना बहुत जरूरी है। मैंने देशवासियों से वादा किया था कि इस दिवाली और छठ पूजा से पहले खुशियों का डबल धमाका होगा। कल भारत सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर निर्णय लिया। जीएसटी पहले से ज्यादा सरल हो गया है। अब दो ही रेट बचे हैं। यह नवरात्र के पहले दिन से 22 सितंबर से लागू होगा। नवरात्रि से ही देश के करोड़ों परिवारों की जरूरतें और सस्ती हो जाएंगी। धनतेरस की रौनक बढ़ जाएगी। 2. आत्मनिर्भर भारत पर- दूसरों पर निर्भरता आगे नहीं बढ़ा सकती भारत के लिए आत्मनिर्भरता कोई नारा नहीं है। इसके लिए ठोस प्रयास हो रहे हैं। आप इस विचार का बीजारोपण स्टूडेंट के दिमाग में करते रहे। बच्चा आपकी बात मानता है, उन्हें बता सकते हैं कि दूसरे के निर्भर रहने से देश आगे नहीं बढ़ सकता। मैं चाहता हूं कि असेंबली में भी इसका जिक्र करें। हमें कभी नहीं पता चलता कि हमारे घर में विदेशी चीजें कैसे घुस गईं। बच्चे परिवार में बैठकर एक लिस्ट बनाएं कि दिनभर में कितनी विदेशी चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं। जब उन्हें पता चलेगा तो वे इस पर सोचेंगे। उन्हें इसके लिए जागरूक करने का काम शिक्षक ही कर सकते हैं। देश की आवश्यकता के साथ खुद को जोड़ना चाहिए। 3. ऑनलाइन गेमिंग पर- ये नशे की तरह, जिसकी लत लग जाती एक तरफ हमारी सरकार इनोवेशन पर युवाओं को डिजिटल इंपावर के लिए काम कर रही है। दूसरी तरफ डिजिटल दुनिया के दुष्प्रभाव से भी बचाना होगा। संसद सत्र में हमने ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा एक कानून बनाया है। गेमिंग एंड गैम्बलिंग, दुर्भाग्य से कह सकते हैं कि खेल जुआं बन जाता है। ऑनलाइन गेमिंग से युवा प्रभावित हो रहे थे। आर्थिक नुकसान हो रहा था, परिवार बर्बाद हो रहे थे। आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रहीं थीं। ये बीमारी नशे की तरह है जिसकी लत लग जाती है। ये एक चिंता का विषय था। कानून अपनी जगह है लेकिन बच्चों को जागरूक करना होगा। गेमिंग बुरा नहीं है गैंबलिंग बुरा है। हम चाहते हैं गेमिंग सेक्टर में युवा आगे आएं और मार्केट पर कब्जा करें। 4. टीचर्स पर- मां जन्म देती है गुरु जीवन देता है हमारे यहां शिक्षक के प्रति एक स्वाभाविक सम्मान होता है। शिक्षकों को समझाने के लिए खड़ा होना एक बहुत बड़ा पाप है। मैं ऐसा पाप नहीं करना चाहता हूं बस आपसे संवाद करूंगा। राष्ट्रीय पुरस्कार पाना अपने आप में कोई अंत नहीं है, इसका मतलब है आपकी रीच बहुत बढ़ गई होगी। मैं मानता हूं कि शुरुआत यहीं से है। ये साधना का प्रमाण है। एक शिक्षक सिर्फ वर्तमान नहीं होता बल्कि देश की भावी पीढ़ी को गढ़ता है वो भविष्य को निखारता है। यह भी देश सेवा की श्रेणी में आता है। आज करोड़ों टीचर्स आपकी तरह निष्ठा से देश सेवा में जुटे हैं। मां जन्म देती है गुरु जीवन देता है। आज विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य में यह परंपरा एक ताकत है।

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