मुझे शादी के मंडप से उठवाने का प्रयास किया। मेरे मेरे खिलाफ अश्लील किताबें छपवा कर बंटवा दी। झूठी शिकायत की, मेरे होटल खरीदने के बाद वो रंगदारी के चक्कर में मेरे पीछे पड़ गया था। औरतें अमूमन क्या करती हैं या तो आत्महत्या कर लेती हैं या गिड़गिड़ा लेती हैं। दो ही विकल्प हैं, लेकिन जब से भाजपा सरकार आई तब से ये काम बहुत अच्छा हुआ। यह कहना है कानपुर की प्रज्ञा त्रिवेदी का। उन्होंने बताया कि एक होटल मालकिन होने के बाद भी आखिर अखिलेश दुबे ने किस कदर उनको पांच-पांच रुपए के लिए तरसा दिया था। उनको होटल छोड़ना पड़ा और सड़क पर आ गईं। अब वकील अखिलेश दुबे के जेल जाने के बाद न्याय की आस जगी है। प्रज्ञा त्रिवेदी ने भी अखिलेश दुबे के खिलाफ तहरीर दी है। दैनिक भास्कर ने अखिलेश दुबे के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… अब पढ़िए महिला ने जो बताया… कोई कमजोर महिला होती तो आत्महत्या कर लेती
साकेत नगर के सरस्वती अपार्टमेंट निवासी प्रज्ञा त्रिवेदी ने बताया कि साकेत नगर अखिलेश दुबे की तूती बोलती थी। उसके सामने कोई नहीं आना चाहता था। 2009 में जब मैंने होटल खरीदा था तो मुझे नहीं पता था कि अखिलेश दुबे कौन है। नाम का वकील है, उसने कभी कोई केस तो लड़ा नहीं है। महिलाओं का हनन और उनके चरित्र पर लांछन लगाकर परेशान करता था। उसने यही गलती मेरे साथ भी की थी, मेरे खिलाफ तो अश्लील किताबें लिखवाकर बंटवा दी। मेरी खिलाफ तो कोई भी हरकत उसने नहीं छोड़ी है। जब मैंने अखिलेश दुबे के खिलाफ 2009 में मोर्चा खोला था तब मैं अनमैरिड थी। इसका ये मकसद था कि मेरी शादी न हो। मेरा पूरा कॅरियर खत्म करने में लगा हुआ था। दुबे चाहता था कि मैं उसके पैरों में गिर जाऊं, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। ससुराल और मायके वालों ने मेरा पूरा साथ दिया जब मेरी शादी तय हुई इस दौरान की ही बात है। मेरी ससुराल और मायके वालों दोनों ने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया। दुबे की शिकायत मैंने थाने से लेकर एसपी तक को दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शादी वाले दिन तो दुबे ने मुझे उठवाने की कोशिश की, कह रहा था कि तुमको पूरे दिन थाने में बैठाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं कर पाया। मेरे खिलाफ झूठी शिकायत की, मेरे होटल खरीदने के बाद वो रंगदारी के चक्कर में मेरे पीछे पड़ गया था। औरतें अमूमन क्या करती हैं या तो आत्महत्या कर लेती हैं या गिड़गिड़ा लेती हैं। दो ही विकल्प हैं, लेकिन जब से भाजपा सरकार आई तब से ये काम बहुत अच्छा हुआ है। अब चाहे साधारण घर की महिला हो या मंत्री सब एक बराबर हैं। मेरी कभी भी हत्या हो सकती है
उस समय क्या था, मारो पीटो, रंगदारी वसूलो और जेवरात छीन लो, चरित्र का लांछन लगाकर महिला को बदनाम कर दो। दुबे ने मुझे इतना मेंटल टॉर्चर कर दिया था कि जहां जाओ पीछे-पीछे गाड़ी लगाना, थ्रेड करना, मेरे पीछे तो गुंडों की फौज लगा दी थी। होटल चलाना तो इतना मुश्किल हो गया था कि दुबे के गुर्गे वकील जब मन होता फ्री खाना खाने पहुंच जाते, पैसा छीनते। मैंने जो बात कही है, अब मैं पता भी नहीं की जिंदा रहूंगी या मेरी कब हत्या हो जाएगी। बस सच का साथ देना है। भाजपा नेता रवि सतीजा ने भी अच्छा किया कि इसके पैरों में नहीं गिरा और मोर्चा लिया। उन्हें भी बदनाम करने के लिए रेप केस में फंसाया था। मैंने ही सबसे पहले दुबे को भूमाफिया बताया प्रज्ञा ने कहा- मुझे तब भी जान का खतरा था और आज भी खतरा है। मैंने ही सबसे पहले दुबे को भूमाफिया बताया था। अखिलेश दुबे को सब जानते हैं, लेकिन इसके खिलाफ कोई आवाज उठाने वाला नहीं है। होटल की मालकिन को दुबे ने सड़क पर ला दिया। पांच-पांच रुपए के लिए तरसा दिया। मेरा तो पूरा वर्चस्व ही खत्म कर दिया, लेकिन मेरी जीत यही रही कि मैं लड़ती रही और हार नहीं मानी। दुबे ने गलत किया तभी जेल में है। जल्द ही दुनिया को पता चलेगा कि अखिलेश दुबे कितना गंदा आदमी था। मैं अनमैरिड थी तब लिया था दुबे से मोर्चा
मैं अनमैरिड थी तब अखिलेश दुबे से लड़ाई शुरू हुई थी। इसके बाद मैं प्रेग्नेंट हुई थी तब दर-दर भटकी अखिलेश के खिलाफ तहरीर लेकर। तब भी हम अपने बच्चे को गोद में लेकर दुबे के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस समय मेरे बच्चों को मां चाहिए थी। इसलिए मुझे पीछे हटना पड़ा था। अखिलेश दुबे ने मेरी हत्या कराने की कोशिश की थी, लेकिन मैं बच गई और जीवित हूं। भाजपा नेता रवि सतीजा ने इसे जेल भिजवाया तो मेरी भी हिम्मत बढ़ी और उसके खिलाफ तहरीर दी है। थाने से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक किसी ने नहीं सुना
दुबे के यहां रात दिन पुलिस बैठी रहती है। अफसरों का जमावड़ा लगा रहता था। वह पुलिस की केस डायरी लिखता था। जब मैं दोषी नहीं थी तो मेरे खिलाफ पुलिस ने मुकदमा कैसे दर्ज कर दिया था। थाने के चक्कर काटते-काटते आदमी थक जाता है, लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं होती, लेकिन अखिलेश दुबे के तो एक फोन कॉल पर FIR दर्ज हो जाती थी। दुबे के साथ पुलिस की मिलीभगत तो थी और है। पुलिस को दुबे जेब में रखता था। दुबे ने ये सब रंगदारी वसूलने के लिए किया था। थाने से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक शिकायत की, लेकिन दुबे के खिलाफ कहीं सुनवाई नहीं हुई थी। 15 साल पहले भी एसपी तक दुबे के पैर छूते थे, मैं तो हार्ट पेशेंट हो गई
अखिलेश दुबे ने मेरे खिलाफ गंदी किताबें छपवाई थीं, मेरे खिलाफ बेहद अश्लील बातों को किताब में छपवाकर बंटवा दिया था। उसमें मेरे लिए बहुत अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया था। मुझे चरित्रहीन बनाने से लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। एक 25 साल की लड़की को कोई इस तरह से बदनाम कराएगा तो उसके लिए तो मर जाना ही बेहतर होगा। या तो हम अखिलेश दुबे के पैरों पर गिर जाते या मर जाते। लेकिन ये सब मेरे वजूद में नहीं था। मैं जिस परिवार से हूं कि मैंने दुबे से लड़ने की ठान ली। होटल मालकिन को पांच-पांच रुपए के लिए तरसा दिया
प्रज्ञा ने कहा- समाज के लोगों ने मेरा साथ दिया। क्योंकि लोग मुझे जानते थे। मैं तो बैंक गई तो मुझे वो किताब मिली जो मेरे खिलाफ छपवाई गई थी। आज तक मैंने वो किताब संभाल कर रखी है। मैंने उसके खिलाफ आवाज उठाई है। मेरे पास आज भी दुबे के खिलाफ एक-एक साक्ष्य हैं। दुबे रंगदारी के लिए मुझे बदनाम करने से लेकर सड़क पर ला दिया था। दुबे के खिलाफ न्यायिक जांच होनी चाहिए। आप ये समझिए कि दुबे ने एक होटल मालकिन को पांच-पांच रुपए के लिए तरसा दिया था। कितने दिन मैं भूखी रही और परेशान हुई। मुझे जीवन में क्या-क्या नहीं झेलना पड़ा। मैं हार्ट पेशेंट हो गई और मुझे इलाज कराना पड़ा। मैंने दुबे से लड़कर 15 साल खपाए हैं। इसके खिलाफ विधि के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। उस समय 2009 में भी एसपी से लेकर सीओ तक सब उसके पैर छूते थे। मेरे पार्टनर के खिलाफ इतने मुकदमे कराए कि दोनों पार्टनर दुबे की दहशत से होटल छोड़कर भाग निकले। अब जानिए कौन है शिकायत करने वाली महिला
साकेत नगर के मां सरस्वती अपार्टमेंट में रहने वाले कारोबारी डॉ. कुलदीप त्रिवेदी की पत्नी प्रज्ञा त्रिवेदी ने अखिलेश दुबे के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायत की है। महिला ने बताया- 2009 में उन्होंने बारादेवी चौराहे पर 3 करोड़ की लागत से गणेश होटल को खरीदकर क्लासिक कांटीनेंटल के नाम से नया होटल शुरू किया था। इसमें तीन पार्टनर ओम जायसवाल और उर्वशी रस्तोगी के साथ मैं थी। अखिलेश दुबे ने तब 2 लाख रुपए महीने की रंगदारी मांगी थी। नहीं देने पर मेरे साथ मारपीट, लूटपाट और चरित्र हनन तक किया था। दुबे ने मेरे पार्टनर ओम जायसवाल पर तो आधा दर्जन से ज्यादा झूठे मुकदमे दर्ज कराए और वो कानपुर से सबकुछ बेचकर लुधियाना शिफ्ट हो गए थे। ———————— ये खबर भी पढ़ें… माफिया वकील ने 1500 करोड़ की सरकारी जमीन कब्जाई:कानपुर में लड़कियों से फर्जी रेप केस करवाता, अतीक की पुलिस चार्जशीट लिखी
कानपुर का वकील अखिलेश दुबे लड़कियों से फर्जी मुकदमे लिखवाकर लोगों से करोड़ों वसूलता था। हाल में एक BJP नेता ने अखिलेश पर झूठा मुकदमा करने का आरोप लगाया कि उन पर फर्जी केस लगाकर 50 लाख की वसूली की। पढ़ें पूरी खबर…
अखिलेश दुबे ने मेरी गंदी किताबें छपवाकर बंटवाई:मंडप से उठवाने की कोशिश की; कानपुर में होटल मालकिन का दर्द
