शारदा यूनिवर्सिटी में बीटेक स्टूडेंट ने दी जान:ग्रेटर नोएडा में हॉस्टल में फंदे से लटका मिला, लिखा- सॉरी बाबा, मैं यूजलेस हूं

शारदा यूनिवर्सिटी में बीटेक स्टूडेंट ने दी जान:ग्रेटर नोएडा में हॉस्टल में फंदे से लटका मिला, लिखा- सॉरी बाबा, मैं यूजलेस हूं

‘मैं अपनी इच्छा से सुसाइड कर रहा हूं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं। ये दुनिया मेरे लिए नहीं है। मैं सिर्फ एक यूजलेस हूं। मैं अच्छा स्टूडेंट नहीं हूं। स्ट्रेस और प्रेशर नहीं झेल पा रहा हूं। मैं अपने ऑर्गन डोनेट करना चाहता हूं। सॉरी बाबा, मैं बुढ़ापे में आपका कोई सपोर्ट नहीं कर सका। मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं, जिनको मेरी वजह से कोई दुख पहुंचा।’ ये बातें बीटेक स्टूडेंट्स शिवम डे के सुसाइड नोट में लिखी हैं। शिवम ने 15 अगस्त को फंदे से लटककर जान दे दी थी। उसने लिखा- मैं कॉलेज प्रबंधन से स्पेशल रिक्वेस्ट करता हूं कि मेरी जितनी भी फीस लगी है, उसे मेरे पिताजी को वापस कर दें। पुलिस मेरे सुसाइड के लिए किसी को ब्लेम न करे। कॉलेज के हॉस्टल में पंखे से लटका मिला शव
बिहार के के रहने वाले कार्तिक डे ने बताया- मैंने 3 साल पहले बेटे शिवम डे को ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में बीटेक में एडमिशन दिलाया था। यह उसका फाइल ईयर चल रहा था। वह हॉस्टल में ही रह रहा था। शुक्रवार को वह अपने कमरे से देर तक बाहर नहीं आया। इस पर उसके दोस्तों ने हॉस्टल के वार्डन को सूचना दी। वार्डन ने डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला। देखा, तो शिवम का शव पंखे से बेडशीट बांधकर उसके फंदे से लटक रहा था। इसके बाद वार्डन ने इस बारे में पुलिस और हम लोगों को बताया। पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पिता बोले- वो मेरे जिगर का टुकड़ा था, नहीं पढ़ना था तो बता देता
नोएडा पहुंचे पिता कार्तिक डे ने बताया- अभी शिवम 2 महीने तक घर पर रहा। उसने ऐसा नहीं बताया कि उसके साथ क्या हो रहा है? वो आराम से बातचीत करता रहा, कोई दिक्कत नहीं थी। अभी 2 अगस्त को घर से कॉलेज लौटा था। इससे पहले हम लोग वैष्णोदेवी भी गए थे। वहां भी कुछ ऐसा नहीं था। सब कुछ ठीक था। शिवम मेरे परिवार का इकलौता बेटा था। अगर नहीं पढ़ना था, तो वह मना कर देता। वो मेरे जिगर का टुकड़ा था। पिता ने कहा- मेरा लड़का कॉलेज नहीं जाता होगा। तो वो दिन भर हॉस्टल में ही रहता होगा। कॉलेज मैनेजमेंट या हॉस्टल वार्डन को इस तरह की एक्टीविटी लगी थी, तो गार्जियन को कॉल करना चाहिए था। यूनिवर्सिटी फीस लेती है, तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि गार्जियन को इंफॉर्म करे। कॉलेज प्रशासन की गलती है, इंफॉर्म नहीं किया
दिल्ली में रहने वाले शिवम के मामा के बेटे शुभांकर ने बताया- शुक्रवार को उसके हॉस्टल से हमें फोन आया कि उसने सुसाइड कर लिया है। शिवम के पापा पूर्णिया (बिहार) में रहते हैं। ऑफिस में काम करते हैं। मैं तो कहूंगा कि यह कॉलेज वालों की लापरवाही का नतीजा है। अगर बच्चा कॉलेज नहीं आ रहा था, तो बताना चाहिए था। कॉलेज वालों ने बताया कि वह 2 साल से कॉलेज नहीं आ रहा था। फीस बराबर जा रही थी। कॉलेज प्रशासन को पेरेंट्स को कॉल करनी चाहिए थी। लेकिन, उन्होंने इंफॉर्म ही नहीं किया। कॉलेज प्रशासन ने क्यों नहीं बताया, इसकी जांच की जाए। अब हूबहू सुसाइड नोट पढ़िए अगर आप इसे पढ़ रहे हैं, मैं मर चुका हूं।
मेरी मौत का जिम्मेदार मैं खुद हूं। कोई और इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।
मैं इसके लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था। यह दुनिया मेरे लिए नहीं है या मैं ही इसके लायक नहीं हूं। मैं ही किसी काम का नहीं हूं।
पुलिस से मेरी गुजारिश है कि मेरी मौत के लिए किसी को पकड़ा नहीं जाए।
शारदा यूनिवर्सिटी से मेरा विशेष आग्रह है कि मैंने सेकेंड ईयर के बाद से कॉलेज ज्वाइन नहीं किया है।। मेरी जो फीस बची रह गई है, उसे मेरे अभिभावकों को वापस कर दें।
मैं एक अच्छा छात्र नहीं था या शायद इस एजुकेशन सिस्टम के लिए मैं सही नहीं था।
अगर यह देश महान बनना चाहता है तो उसे सही एजुकेशन सिस्टम शुरू करना होगा।
अगर मेरे शरीर का अंग काम कर रहा है तो मैं उसे दान करना चाहता हूंं। मैं उन सभी से माफी चाहता हूं जो मुझे प्यार करते हैं। बाबा, मां सॉरी। मैं आपके बुढ़ापे का सहारा नहीं बन सका। मैं इस तनाव और दबाव को और नहीं झेल सकता हूं। किसी और को न डराया जाए। मैं मरने के बाद किसी और को परेशान करना नहीं चाहता हूं।
“आई एम सॉरी”
कॉलेज प्रशासन का दावा- शिवम का सीजीपीए कम आता रहा
शारदा कॉलेज प्रशासन का कहना है कि शिवम कुमार डे ने सत्र 2022-23 में School of Engineering Technology के B.Tech (CSE) कार्यक्रम में प्रवेश लिया। सत्र 2023-24 में उन्होंने प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के बाद द्वितीय वर्ष में प्रवेश किया। मई 2024 में चौथे सेमेस्टर की नियमित परीक्षाओं के बाद शिवम को सीजीपीए तीसरे साल में प्रमोशन देने के लिए आवश्यक मानदंड तक नहीं पहुंचा। विश्वविद्यालय की मानक प्रक्रिया के अनुसार मेंटर ने शिवम का मार्गदर्शन किया। समर टर्म के माध्यम से सुधार का अवसर दिया गया। समर टर्म के परिणामों के बाद भी आवश्यक सीजीपीए शिवम नहीं प्राप्त कर सके। अगस्त 2024 में उन्हें विशेष परीक्षा का अतिरिक्त अवसर दिया गया। इसके बाद भी न्यूनतम मानदंड पूरे नहीं हुए। विश्वविद्यालय ने अपनी नीति के अनुरूप शिवम को मात्र 40% शुल्क पर द्वितीय वर्ष में पुनः प्रवेश का विकल्प प्रदान किया। हालांकि विश्वविद्यालय के खाते में शुल्क जमा कर दिया गया। सत्र 2024-25 में शिवम ने स्वयं को पुनः पंजीकृत नहीं कराया। वह किसी कक्षा में शामिल नहीं हुए। इस दौरान मेंटर ने लगातार शिवम से संपर्क रखा। इंटर्नशिप जैसी अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में शिवम शामिल हो, इसके लिए प्रयास किया। कॉलेज प्रशासन ने शिवम के परिजनों को जमा शुल्क वापसी का आश्वासन दिया है। डीसीपी बोले- परिजनों की शिकायत पर जांच करेंगे
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि शारदा विश्वविद्यालय के बीटेक के छात्र ने एक हॉस्टल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उसने किसी के भी खिलाफ कार्रवाई ने करने की बात कही है। उसमें कहा है कि वह आत्महत्या का स्वयं जिम्मेदार है, लेकिन हम हर पहलू पर जांच कर रहे हैं। अगर परिजनों के द्वारा कोई शिकायत दी जाती है तो उस आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी …………………………
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