प्रयागराज में तेंदुए का खौफ चार दिन से बरकरार है। करीब 15 गांवों के लोग दहशत में हैंं और पूरी रात पहरेदारी कर रहे हैं। चार दिनों से भूखा, प्यासा तेंदुआ खूंखार हो चला है। उसके गुर्राने की आवाज और दहशत पैदा कर रही है। एक्सपर्ट की टीमें जेसीबी के सहारे आसपास मौजूद हैं। तेंदुए का जो वीडियो पेड़ों के बीच से बनाया गया, उससे तेंदुआ गुर्राता नजर आ रहा है। चार दिन से वह भूखा है, ऐसे में शिकार के लिए तड़प रहा है। उसने बकरों के झुंड पर हमला किया था, लेकिन वह बकरे को जख्मी ही कर सका, ले नहीं जा सका। आसपास पानी नहीं है, ऐसे में माना जा रहा है कि वह प्यासा भी होगा। भूख की वजह से तेंदुआ अब पेड़ की डाल पर पंजे मार रहा है। वन विभाग की टीमों को पता है कि भूख की वजह से उसमें छटपटाहट है। मलखानपुर धनईचा गांव में घेरेबंदी के बाद तेंदुआ भागकर गांवों से होता हुआ सुदनीपुर गांव के पास जंगल में पहुंच गया है। पूरे गांव की घेराबंदी कर जाल बांध दिए गए हैं। एक्सपर्ट की टीमों ने शिकारियों जैसा जाल बिछाया
जहां तेंदुआ है, वहां रस्सी, तार और जाल बांधकर तेंदुए के शिकार की तैयारी है। तेंदुआ को पकड़ने के लिए अब एक्सपर्ट की टीमों ने शिकारियों जैसा जाल बिछाया है। चार तरफ पिंजरा, जाल फैलाकर मेमने, बकरे को बांधा गया है।वन विभाग के अधिकारी और एक्सपर्ट जेसीबी से आसपास का मुआयना कर रहे हैं। लेजर लाइट के साथ ही ट्रेंकुलाइजर गन लेकर मौजूद हैं। 20 टीमें, 5 ट्रेंकुलाइजर गन, 10 जाल लगाए गए
डीएफओ अरविंद कुमार समेत 20 टीमें, 5 ट्रेंकुलाइजर गन, 10 जाल और लखनऊ से आए दो एक्सपर्ट उसे पकड़ने की जुगत में हैं। घेराबंदी यूं की गई है कि तेंदुआ आगे की तरफ न जाए, बस भूख की वजह से मेमने, बकरे की आवाज सुनकर शिकार को आए और फंस जाए। पिंजरों के आसपास और बकरों को रखा गया है। बार बार बकरों को छेड़ा जा रहा ताकि वह आवाज निकालें और तेंदुए का ध्यान शिकार की तरफ आए। गांव के लोग लाठी, डंडे लेकर तैयार हैं, जबकि आसपास के गांवों में रहने वाली महिलाएं और बच्चों को एक जगह जमा कर सुरक्षा के लिए रात में पहरेदारी की जा रही है। अब तक तेंदुआ तीन युवकों और दो बकरों पर हमला कर घायल कर चुका है। 5 दिन पहले बाढ़ में बह कर एक लेपर्ड सराय इनायत बहादुरपुर वन रेंज में आ गया था। कुछ लोगों ने उसे एक पेड़ पर बैठा देख कर पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन दोनों विभागों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लेपर्ड ब्लाक के सराय इनायत थाना क्षेत्र के धनईचा गांव में आ गया। दो दिनों की घेराबंदी के बाद तेंदुआ वहां से निकल गया। पहले तेंदुए की 2 तस्वीरें… अब नौ अगस्त की घटना पढ़िए…
9 अगस्त को तेंदुए ने 3 किसानों पर हमला कर दिया था। किसान खेतों में काम कर रहे थे। तेंदुआ अचानक गन्ने के खेत से निकला और उनपर टूट पड़ा। घटना को देख आस-पास के खेतों में काम कर रहे लोग लाठी-डंडे लेकर दौड़े। तब तेंदुआ दूसरे गन्ने के खेत में जाकर छिप गया। घायल किसानों को CHC में भर्ती कराया गया था। घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोग लाठी-डंडे लेकर तेंदुए की तलाश कर रहे हैं। वह एक गन्ने के खेत में छिपा हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही कमिश्नर ऑफ फारेस्ट प्रयागराज तुलसी दास, डीएफओ अरविन्द यादव और एसीएफ संगीता फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। गन्ने में खेत में तेंदुए की घेराबंदी की जा रही है। साथ ही वन विभाग एक किलोमीटर के एरिया में पिंजड़ा लगाने की तैयारी कर रहा है। क्षेत्र में पिछले 4 दिनों की तेंदुए की दहशत है। आज तेंदुए के हमले की खबर से करीब 3 किलोमीटर के एरिया में दहशत है। घटना शनिवार शाम की बहादुरपुर ब्लॉक के धनइचा मलखानपुर गांव की है। अब पढ़िए पूरा मामला…
शनिवार को गंगा पार के गांव धनइचा मलखानपुर में लोग खेतों में काम कर रहे थे। तभी एक खेत में काम कर रहे संजीव पर तेंदुए ने हमला कर दिया। वह चिल्लाया तो उसकी मदद के लिए दूसरे किसान दौड़े। उसको बचाने आए अन्य 2 किसानों पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया। इसके बाद अन्य किसान लाठी-डंडे लेकर दौड़े। भीड़ को देखकर तेंदुए गन्ने के खेत में घुस गया। ये खबर जैसे ही गांव में फैली, लोगों की भीड़ खेतों की तरफ टूट पड़ी। लोग तेंदुए की घेराबंदी करने लगे। तब तक पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। तेंदुआ खेत से निकला, तो लोग इधर-उधर भागने लगे
इसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए घेराबंदी करने लगी। गन्ने के खेत के चारों तरफ जाल लगा रहे थे, तभी तेंदुआ खेत से निकला और लोगों पर दोबारा अटैक करने की कोशिश की। इसके बाद दूसरे खेत में घुस गया। इस दौरान वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान कुछ किसान जमीन पर गिर गए। उन्हें हल्की चोट आई है। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए जगह-जगह जाल बिछा रही है। उसकी तलाश की जा रही है। 4 दिन से तेंदुआ की चर्चा थी, आज दिखा
तेंदुआ को लेकर पिछले 4 दिन से फूलपुर तहसील के गांवों में चर्चा फैली हुई थी। मगर वन विभाग और पुलिस को इन बातों पर यकीन नहीं था। शनिवार को तेंदुआ के हमलावर होने के बाद अब पिजड़े लगाए जा रहे हैं।विन विभाग की टीमों के साथ 2 गांवों के लोग लाठी-डंडे और जाल लेकर तेंदुआ को पकड़ने में लगे हैं। दहशत की वजह से पूरे गांव के लाेग खेतों में जमा हो गए हैं। बारिश की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत
तेंदुए के लिए रेस्क्यू टीम में कुल 20 लोग हैं। 5 ट्रेगलाइजर बंदूक और 10 जाल से उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों की मदद से घेरा बंदी की जा रही है। वह इस समय बाजरे के खेत में बैठा है। बारिश की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। ———————— यह भी पढ़ें :
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