महिला SI बोली- रेपिस्ट की गोली बगल से निकली:सीतापुर में स्वाति ने एनकाउंटर कर पकड़ा; इंजीनियरिंग छोड़ दरोगा बनी थीं

महिला SI बोली- रेपिस्ट की गोली बगल से निकली:सीतापुर में स्वाति ने एनकाउंटर कर पकड़ा; इंजीनियरिंग छोड़ दरोगा बनी थीं
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‘रोज शाम की तरह हम अपनी टीम के साथ चेकिंग पर निकले थे। वायरलेस पर मैसेज चला- 12 साल की बच्ची से रेप करने वाला राशिद खान आपके साइड छिपा है। हम अलर्ट पर थे, तभी एक व्यक्ति आता दिखा। रोका, तो वह भागने लगा। हम लोग पीछा करने लगे, तो फायर झोंक दिया। गोली मेरे एकदम बगल से निकल गई। मैं सहम गई, लेकिन अगले ही पल पिस्टल निकाली और फायरिंग कर दी। उसके पैर में गोली लगी। इस तरह से यह मेरा पहला एनकाउंटर है।’ यह बात सीतापुर में एनकाउंटर करने वाली एसआई स्वाति चतुर्वेदी ने बताई। लखनऊ जोन में किसी महिला दरोगा का यह पहला एनकाउंटर था। वह पूरे यूपी में उन 4 एनकाउंटर करने वाली महिला अफसरों में शामिल हो गई हैं। अब हर तरफ उनकी चर्चा है। लोग दुर्गा तक की संज्ञा दे रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने उनसे इस एनकाउंटर पर, महिला पुलिस की चुनौतियों और उनके जीवन पर विस्तार से बात की। सबसे पहले उस घटना को जानते हैं, जो एनकाउंटर की वजह बनी… सीतापुर शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में मुस्लिम समाज के लोग किराए पर रहते थे। उन्हीं के पास लत्तेपुर का राशिद अक्सर आता-जाता रहता था। वह रिश्ते में दामाद लगता है। मकान मालिक की 12 साल की बेटी 18 सितंबर को घर में अकेली थी। राशिद ने उसके साथ रेप किया और भाग गया। बच्ची मानसिक रूप से कमजोर है। बच्ची ने जब यह बात बताई, तो परिवार के लोगों ने लोक-लाज के चलते किसी से कुछ नहीं कहा। राशिद दोबारा लौटा। अब वह दुस्साहसी हो गया था। उसने धमकी दी कि मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। मैं जो चाहूं, कर सकता हूं। इसके बाद परिवार ने तय किया कि वह पुलिस के पास जाएंगे। 23 सितंबर को पीड़ित परिवार कोतवाली थाना पहुंचा और राशिद के खिलाफ मुकदमा लिखवा दिया। नाबालिग और मानसिक रूप से कमजोर बच्ची से रेप की घटना हैरान करने वाली थी। पुलिस ने 4 टीमें बनाईं और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी। लेकिन, राशिद को पकड़ नहीं सकी। वायरलेस मैसेज पर अलर्ट हो गई
हमारी मुलाकात दरोगा स्वाति चतुर्वेदी से हुई। वह इस वक्त सदर बाजार चौकी इंचार्ज हैं। कहती हैं- हम लोग हर दिन शाम को क्षेत्र में चेकिंग के लिए निकलते हैं। बाकी चौकी इंचार्ज, एसएचओ और सीओ भी निकलते हैं। चेकिंग के वक्त हम लोग संदिग्ध व्यक्ति, उसकी गाड़ी की चेकिंग करते हैं। 25 सितंबर को भी हम लोग चेकिंग पर ही थे। तभी वायरलेस हुआ कि रेप का आरोपी राशिद खान या फिर उससे मिलता-जुलता व्यक्ति आपके इलाके में देखा गया है। इस व्यक्ति ने मेंटली डिस्टर्ब बच्ची का रेप किया था। स्वाति कहती हैं- इस सूचना के बाद हम और हमारे साथ मौजूद 2 सिपाहियों ने वैदेही गेस्ट हाउस के पास जांच कड़ी कर दी। तभी एक व्यक्ति पैदल आता दिखा। वह जैसे ही हमारे पास पहुंचा, भागने लगा। हमने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन रुकने के बजाय वह और तेजी से भागा। हम भी उसके पीछे भागे। इतने में उसने हथियार निकाला और मुझे निशाना बनाकर फायरिंग कर दी। गोली मेरे एकदम बगल से निकल गई। क्या आपको सामने से फायरिंग की उम्मीद थी?
इस सवाल के जवाब में स्वाति कहती हैं- इस तरह की कोई उम्मीद नहीं थी। क्योंकि, पहले कभी एनकाउंटर जैसी स्थिति आई नहीं थी। यह उम्मीद ही नहीं थी कि वह व्यक्ति फायरिंग भी कर सकता है। लेकिन, हमने खुद को संभाला और जवाबी फायरिंग कर दी। गोली उसके पैर में लगी। इस तरह से यह मेरा पहला हाफ एनकाउंटर हुआ। स्वाति कहती हैं- राशिद को पकड़ना इसलिए भी कठिन था, क्योंकि वह न तो कोई मोबाइल फोन यूज कर रहा था, न कोई अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस। वह इतना शातिर था कि लगातार जगह बदल रहा था। पुलिस ने आसपास के सभी थानों तक उसकी सूचना भेज दी थी। पुलिस खोज भी रही थी, लेकिन पकड़ में नहीं आया। पुलिस की नौकरी चुनौतीपूर्ण नहीं लगती? इस सवाल के जवाब से पहले स्वाति अपने बारे में बताती हैं। वह कहती हैं- मेरा घर उत्तराखंड के पौड़ी गड़वाल जिले में है। हमारे पिता वेद प्रकाश चतुर्वेदी पुलिस की नौकरी में ही थे। मैंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर 2013 से नौकरी की शुरुआत की। पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में नौकरी की फिर दिल्ली और देहरादून में काम किया। लेकिन, मन में हमेशा वर्दी की चाहत थी और 2019 में यह मिल गई। पुलिस की नौकरी मुझे तो चुनौतीपूर्ण नहीं लगती। क्योंकि आज जो कुछ कर रही हूं, यहीं तो मेरी हॉबी थी। इन्हीं से निपटने के लिए तो मैंने वर्दी पहनी है। वो अगर कुछ भी कर सकते हैं, तो हम भी बहुत कुछ कर सकते हैं। एनकाउंटर के बाद पति बोले- आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ
स्वाति के पति रोहित चमोली उत्तराखंड के रहने वाले हैं। वह वैज्ञानिक हैं और कैंसर थेरेपी जैसे रोगों पर रिसर्च कर रहे हैं। स्वाति कहती हैं- एनकाउंटर के बाद वह खुश हैं। कहते हैं कि तुम आगे बढ़ो, मैं हर तरह से तुम्हारे साथ हूं। परिवार के लोग भी खुश हैं। सब यही कहते हैं कि अपराध की रोकथाम के लिए ऐसे ही आगे बढ़ती रहो। बाकी अगर कभी फिर से एनकाउंटर की स्थिति बनी, तो फिर से करूंगी। क्या इस सरकार में पुलिस को फ्री-हैंड दिया गया है? इस सवाल के जवाब में स्वाति कहती हैं- मैंने 2019 में नौकरी जॉइन की थी। उस वक्त भी बीजेपी की ही सरकार थी। शुरुआत के 3 साल तो मैं फील्ड की नौकरी में नहीं थी। 2022 से फील्ड की नौकरी पर आई। अभी तक मुझे किसी राजनीतिक पार्टी या फिर किसी व्यक्ति का दबाव नहीं आया। हम पूरी आजादी के साथ अपना काम कर रहे हैं। मिशन शक्ति 0.5 महिलाओं को ताकत देता है
यूपी सरकार इस वक्त मिशन शक्ति 5.0 चला रही है। 22 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान अगले 30 दिन तक चलेगा। इस विशेष अभियान में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान को पहली प्राथमिकता दी गई है। स्वाति का यह एनकाउंटर महिला शक्ति का ही प्रमाण है। स्वाति कहती हैं- मिशन शक्ति 5.0 हमारे आसपास रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा से ही जुड़ा है। हम उन सबसे यही कहना चाहते हैं कि आप अकेली नहीं हो, हम आपके साथ हैं। सरकार की हेल्पलाइन आपके लिए ही है। आपके साथ कुछ भी गलत हो, तो उसके बारे में बताइए। आवाज उठाइए, हमारे पास आइए। हमारा बस यही कहना है कि चुप्पी तोड़ो, अब तो बोलो। ————————–
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