रांची रांची यूनिवर्सिटी ने यूजी, पीजी और वोकेशनल कोर्स के पासआउट छात्रों को डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन का विकल्प दिया है, लेकिन यह व्यवस्था कागजों तक ही सीमित नजर आ रही है। शनिवार को शहीद चौक स्थित विश्वविद्यालय मुख्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं डिग्री फार्म शुल्क जमा करने पहुंचे। इनमें दर्जनों छात्र रांची के बाहर से आए थे। छात्रों का कहना था कि ऑनलाइन व्यवस्था महज दिखावा है, परेशानी पहले जैसी ही बनी हुई है। डिग्री के लिए सबसे पहले छात्रों को वेबसाइट से फार्म डाउनलोड कर प्रिंट कराते हैं। इसके बाद फार्म को भरकर संबंधित कॉलेज या पीजी विभाग के एचओडी/प्रिंसिपल से अग्रसारित कराना पड़ता है, जहां से यूजी-पीजी की पढ़ाई पूरी की है। अग्रसारित करने के बाद आवेदन को फिर वेबसाइट पर फार्म अपलोड और शुल्क जमा करना होता है। डिग्री लेने आए छात्रों का कहना था कि जब यूनिवर्सिटी मुख्यालय में परीक्षा से संबंधित पूरा रिकॉर्ड मौजूद है तो कॉलेज से अग्रसारित कराने की आवश्यकता समझ से परे है। रांची यूनिवर्सिटी में विभिन्न सेशनों की करीब चार लाख डिग्रियां लंबित हैं, जिसका शुल्क पहले ही विवि प्रशासन ले चुका है। नियम के मुताबिक जिन छात्रों का शुल्क जमा है, उनकी डिग्रियां उनके पते पर पासआउट होने के बाद भेज देनी चाहिए थीं, लेकिन हकीकत यह है कि डिग्री के लिए छात्रों को विवि मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। डिग्री के लिए वेबसाइट से फार्म डाउनलोड कर, प्रिंट कराकर, कॉलेज से साइन कराना पड़ता है। फिर इसे ऑनलाइन कहना मजाक नहीं तो और क्या है। अमित कुमार, खूंटी हमने रिजल्ट से पहले ही डिग्री का शुल्क दे दिया था, फिर भी डिग्री लेने के लिए विवि दौड़ना पड़ रहा है। साथ ही फार्म के 100 रुपए देने पड़ रहे हैं। पूजा कुमारी, रांची आरयू के विभिन्न कॉलेजों के विभिन्न सेशन के चार लाख से ज्यादा डिग्रियां पेंडिंग हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इसका जवाब विवि प्रशासन को देना चाहिए। शिव शंकर महतो, गुमला डिग्री का शुल्क जिन छात्रों से पहले ही ले लिया गया है, उनके घर डिग्री भेजने में विवि को क्या परेशानी है। 100 रुपए आवेदन का क्यों लिया जा रहा है। आकाश कुमार, रांची
रांची यूनिवर्सिटी कैंपस में डिग्री लेने आए छात्र-छात्राओं ने क्या कहा-
