पंच परिवर्तन को सर्व समाज तक पहुंचाने का संकल्प लें स्वयंसेवक: डॉ. शैलेन्द्र

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सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के क्रम में बीएसएम इण्टर कॉलेज रुड़की में सेवानिवृत्त मेजर जनरल पदम कुमार गौतम की अध्यक्षता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके पश्चात नगर में पथ संचलन निकाला गया। नगरवासियों की ओर से जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर सैकड़ो गणवेशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन मालवीय चौक,रेलवे स्टेशन, शिवाजी चौक,बीएसएम तिराहा से होकर गुजरा।

इस मौके पर प्रांत प्रचारक डॉ.शैलेन्द्र ने कहा कि पंच परिवर्तन से समाज परिवर्तन का कार्य स्वयंसेवक अपने आचरण से प्रारम्भ करे। उन्होने पंच परिवर्तन में कुटुम्ब प्रबोधन,सामाजिक समरसता व पर्यावरण की चर्चा करते हुए दैनिक जीवन में स्व आधारित उपयोग और नागरिक कर्तव्य का पालन करने पर जोर दिया।

डॉ.शैलेन्द्र ने कहा कि कलयुग में संगठन शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। आत्म विस्मृत,आत्म केन्द्रित,आत्म शून्य, हिन्दू समाज को संगठित कर भारत माता को परम वैभव पर पहुंचा कर विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने के लिए आरएसएस की स्थापना सौ वर्ष पूर्व हुई थी। संघ आज सनातन विचारों पर कार्य करते हुए विभिन्न उपेक्षा,उपहास और प्रतिबन्धों से संघर्ष करते हुए विश्व का सबसे बड़ा स्वयसेवी और स्वावलम्बी सगठन है। सौ वर्षों में संघ ने लाखों कार्यकर्ता,शाखाएं,सहायक संगठनों का व्यापक नेटवर्क तैयार कर विदेशों तक भारतीय संस्कृति एव सेवाकार्य खड़े किए हैं।

उन्होंने कहा कि संघ वनवासी और वंचित क्षेत्रों में सेवा कर सामाजिक समरसता और जाति भेद मिटाते हुए सभी के लिए एक कुआं,एक मंदिर, एक शमशान के लिए प्रयासरत है। स्वतंत्रता आंदोलन व स्वतन्त्रता बाद संघ की भूमिका पर कहा कि भारत विभाजन में लाखों हिन्दुओं की सुरक्षा और पुर्नवास के लिए संघ ने वास्तुहारा समिति बनायी कशमीर,हैदरावाद,गोवा आन्दोलनों में संघ का योगदान रहा। सरकार ने 1947 मे गांधीजी की हत्या का झूठा आरोप लगाकर संघ पर प्रतिबन्ध लगाया मगर आरोप सिद्ध न होने से संघ से प्रतिबन्ध हटाना पडा। देश में आपात काल और रामजन्म भूमि आदोलन,में विवादित ढांचा ढहाने के आरोप लगाकर पुनः संघ पर तत्कालीन सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया।

प्रांत प्रचारक ने वर्तमान स्थिति पर कहा कि टैरिफ लगाकर भारत को कमजोर करने की कोशिश की गई लेकिन देश स्वदेशी की ओर आगे बढ़ने लगा है। एक सोची समझी रण्नीति से जातीय संघर्ष,हिन्दुत्व व हिन्दू दर्शन से घृणा,लव जेहाद,लैण्ड जेहाद से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।


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