पंजाब के फरीदकोट में शुक्रवार की सुबह एक मकान की छत गिर गई। छत गिरने से घर के अंदर सो रहे मां-बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। लोगों ने कहा कि बारिश के कारण मकान की छत कमजोर हो गई थी, जो शुक्रवार सुबह धराम से गिर गई। घटना कोटकपूरा इलाके की है। हादसे के बाद के PHOTOS… सिलसिलेवार समझिए, कैसे हुई घटना पड़ोसियों ने दोनों को मलबे से निकाला बाहर: शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे नरेश सिंगला की पत्नी पूनम रानी और उनका बेटा अश्वनी कुमार कमरे के अंदर सो रहे थे। तभी अचानक धमाके के साथ छत गिर गई और दोनों मलबे में दब गए। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बड़ी मुश्किल से दोनों को मलबे से बाहर निकाला। हादसे में दोनों को गंभीर चोटें आईं। काउंसलर पति ने लिया जायजा: घटना कोटकपूरा के सुरगापुरी इलाके में काला राम प्रधान वाली पुरानी गली में हुई। सूचना मिलते ही कांग्रेस पार्टी के हलका इंचार्ज अजयपाल सिंह संधू, वार्ड के काउंसलर चंचल कुमार और वार्ड नंबर 25 की काउंसलर के पति मनजिंदर सिंह गोपी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। पड़ोसी ने मां-बेटे को निकाला: पड़ोसी जसकरण सिंह ने बताया कि सुबह जोरदार धमाके की आवाज सुनकर जब वे बाहर आए, तो देखा कि नरेश सिंगला के घर की छत गिर चुकी थी। उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे मां-बेटे को बाहर निकाला। प्रशासन और सरकार से मदद की अपील की
पीड़ित नरेश सिंगला ने बताया कि हादसे के समय वह कमरे से बाहर थे, जबकि उनकी पत्नी और बेटा अंदर सो रहे थे। उन्होंने कहा कि घर की छत की मरम्मत के लिए उन्होंने नगर परिषद को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 3 बार आवेदन पत्र दिए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने प्रशासन और सरकार से मदद की अपील की है। तीन बार नगर परिषद को आवेदन दिए
इस मौके पर नगर काउंसलर चंचल कुमार ने कहा कि परिवार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत की मरम्मत के लिए तीन बार आवेदन नगर परिषद को दिए जा चुके हैं, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की और आज उनकी छत गिर गई।
फरीदकोट में धमाके के साथ गिरी छत:सो रहे मां-बेटे दबे; अस्पताल में भर्ती, बारिश से कमजोर हुई थी छत
