तारीख- 24 सितंबर
जगह- पटना का कांग्रेस दफ्तर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार चुनाव में प्रचार करने पहुंचे। उन्होंने यूपी के सीएम योगी को ही निशाने पर लिया। कहा- योगी आदित्यनाथ, जो खुद को प्रधानमंत्री पद का उत्तराधिकारी मानते हैं तो उन्होंने यूपी में एक विचित्र कदम उठाया है। योगी ने जाति के नाम पर होने वाली रैलियों पर रोक लगा दी है। इससे पहले भी योगी ने आरक्षण का विरोध करते हुए एक लेख लिखा था। खड़गे की बात से यह तो तय है कि पड़ोसी प्रदेश होने के कारण यूपी का असर बिहार पर भी दिखता है। बिहार में जो भी कुछ होगा, इसका असर यूपी की राजनीति पर भी पड़ेगा। महज 16 महीने बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। यही वजह है कि चुनाव तो बिहार में हो रहे हैं, लेकिन तैयारी यूपी में भी है। पहला दांव भाजपा ने चला है, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद को बिहार का चुनाव सह प्रभारी बनाया है। पढ़िए बिहार के नतीजे कैसे यूपी को इफेक्ट करेंगे? भाजपा और सपा की राजनीति कैसे बदलेगी? यहां पर क्या तैयारी है? बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान इसी महीने हो सकता है। बिहार चुनाव की तैयारियों के लिए यूपी से राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं का बिहार जाना भी शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं- एक ओर बिहार में विधानसभा चुनाव का शोर शुरू होगा, वहीं दूसरी ओर यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज होगी। बिहार के चुनाव नतीजे यूपी की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, सुभासपा और निषाद पार्टी के नेता स्टार प्रचारक बनकर राजनीतिक रंग जमाएंगे। सबसे पहले जानिए वो जिले, जहां सीधे असर पड़ेगा
बिहार विधानसभा चुनाव का असर यूपी में पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिलों पर पड़ता है। देवरिया, सोनभद्र, गाजीपुर, कुशीनगर, बलिया, चंदौली और महराजगंज जिले बिहार की सीमा से जुड़े हैं। इतना ही नहीं, करीब एक दर्जन जिलों में लोग रोजाना बिहार से यूपी और यूपी से बिहार कामकाज के सिलसिले में आते जाते हैं। जानकार बताते हैं कि पूर्वांचल में हजारों की संख्या में ऐसे परिवार हैं, जो बिहार से आकर यूपी में बसे हैं। इतना ही नहीं हजारों की संख्या में यूपी के लोगों की रिश्तेदारी बिहार में है। बीजेपी पर कैसे असर पड़ेगा? 1- बिहार चुनाव के बाद होंगे अहम फैसले: राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि बीजेपी ने यूपी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार का निर्णय भी बिहार चुनाव के मद्देनजर ही रोक रखा है। यदि बिहार में भाजपा परचम फहराने में कामयाब होती है तो यूपी में वह 2027 के मद्देनजर बड़े राजनीतिक बदलाव का कदम भी उठा सकती है। 2- पंचायत और विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग: राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि बिहार में भाजपा की सरकार बनती है तो यूपी में एनडीए के दलों की राजनीति पर असर पड़ेगा। पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में उनकी दबाव की राजनीति काम नहीं आएगी। उन्हें बीजेपी की शर्त पर ही समझौता करना पड़ेगा। वहीं, यदि चुनाव नतीजे भाजपा के खिलाफ आए तो सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल चुनाव में भाजपा पर दबाव बनाने में कामयाब होंगे। 3- जातीय समीकरण: यूपी और बिहार में कुर्मी और भूमिहार समाज के चुनावी रुख भी बिहार से प्रभावित होते हैं। यूपी और बिहार के कुर्मी समाज को साधे रखने के लिए बीजेपी ने बिहार में जेडीयू से ज्यादा सीटें होते हुए भी नीतिश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया था। फिर भाजपा क्या कर रही है?
खासतौर पर बीजेपी के पास इसका डेटा भी है। यही वजह है कि बीजेपी बिहार चुनाव में यूपी के नेताओं को बिहार में उन घरों में भेजते हैं, जिनकी रिश्तेदारी यूपी में हैं। डिप्टी सीएम केशव मौर्या को बिहार चुनाव का सह प्रभारी बनाकर बनाकर भेजा गया है, ताकि मौर्य, कुशवाहा जाति को लुभाया जा सके। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक स्टार भाजपा के स्टार प्रचारक बनकर बिहार जाएंगे। यूपी से जाएंगे एक हजार से अधिक बीजेपी कार्यकर्ता
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बिहार चुनाव की घोषणा से पहले ही करीब दो सौ से अधिक बीजेपी कार्यकर्ता बिहार चुनावी अभियान के लिए बिहार पहुंच गए हैं। चुनाव की घोषणा होने के बाद करीब एक हजार से अधिक विधायक, एमएलसी, बीजेपी पदाधिकारी और नेता बिहार चुनाव में प्रचार और प्रबंधन के लिए जाएंगे। 50 सीटों पर योगी करेंगे प्रचार
बिहार में योगी आदित्यनाथ करीब 15 से अधिक जिलों में 50 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में रैली करेंगे। बिहार के अगड़े वोट के साधने के लिए बीजेपी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को भी आगे करेगी। बिहार के राजभर समाज को साधने के लिए बीजेपी सुभासपा के अध्यक्ष और पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर को भी स्टार प्रचारक बना सकती है। वहीं मछुआ समाज के वोट के लिए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को भी एक-दो जगह स्टार प्रचारक बनाया जा सकता है। राजभर को मिल सकती है एक-दो सीट
बिहार चुनाव में सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे है। राजभर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी की 28 विधानसभा सीटों पर पूरी चुनावी तैयारी है। लेकिन, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बिहार में भी गठबंधन का प्रस्ताव दिया है। उधर, बीजेपी सूत्रों के मुताबिक राजभर को बिहार में बीजेपी एक-दो सीट दे सकती है। यह भी वह सीटें होंगी, जहां 2020 के बिहार चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। सपा पर क्या असर रहेगा?
बिहार चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव करना होगा। यदि इंडिया गठबंधन की जीत हुई तो अखिलेश को यूपी में खासतौर पर पिछड़ी जातियों में पकड़ बढ़ाने का अवसर मिलेगा। सपा के कार्यकर्ताओं का भी उत्साह बढ़ेगा। बिहार में जाति के मामले में सबसे ज्यादा संख्या यादवों की है। अगर तेजस्वी की सरकार बनती है तो यूपी में यादव बड़े लेवल पर संगठित होंगे। इसका फायदा सपा को मिलेगा। सपा की क्या तैयारी है?
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हो चुके हैं। वह इंडी गठबंधन की तरफ से बिहार में स्टार प्रचारक होंगे। बसपा सभी सीटों पर लड़ रही: बसपा भी बिहार में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर दो-तीन सीटें भी वहां बसपा को मिल जाती है, तो उसके के लिए संजीवनी से कम नहीं होगा। यूपी विधानसभा चुनाव में वह इसका फायदा उठा सकती है। वह मैसेज देगी कि दलित वोट उसके साथ है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आनंद राय मानते हैं कि बिहार की राजनीति का मिजाज बिल्कुल अलग है। महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, सोनभद्र और बनारस की सीमा बिहार से सटी है। बिहार के सीमावर्ती के जिलों में दो चीज तेजी से प्रभावित होती है। पूंजी का आदान प्रदान यूपी के जरिए ही किया जाता है। रेलवे स्टेशनों पर भारी भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में धन रख देते हैं। बिहार में शराब पर प्रतिबंध है, चुनाव के दौरान तेजी से बार्डर वाले जिलों से शराब की तस्करी बढ़ जाती है। फर्जी वोटिंग भी बढ़ती है, यूपी के लोग जाकर बिहार में वोट डालते हैं। सीएम योगी बिहार में राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के चेहरे होंगे, वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी भाजपा पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को साधने में लगाएगी। ……………………….. ये खबर भी पढ़ें… राजा भैया की पत्नी ने हथियारों का VIDEO जारी किया:बोलीं- मेरे चरित्र हनन के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे, पति ने कहा- कोर्ट में बात रखूंगा भानवी सिंह ने अपने पति और बाहुबली विधायक राजा भैया के अवैध हथियारों के जखीरे का वीडियो शेयर किया। उन्होंने हथियारों के साथ एक न्यूड लड़की की तस्वीर भी पोस्ट की। इसमें वह असलहे के साथ नजर आ रही है। भानवी ने बुधवार को X पर लिखा- जब से मैंने पीएमओ और गृह मंत्रालय से शिकायत की, तब से मेरे चरित्र हनन के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा। यह शायद पहली बार होगा कि बेहद खतरनाक किस्म के अवैध हथियार का जखीरा किसी व्यक्ति के पास है। इसकी जानकारी सबूत सहित देने के बाद भी संबंधित व्यक्तियों को सबूत मिटाने, तथ्यों से छेड़छाड़ करने और शिकायतकर्ता की सुरक्षा को ही जोखिम में डालने का पूरा मौका दिया जा रहा। इधर, भानवी सिंह के आरोपों पर जब ‘दैनिक भास्कर’ ने रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से की तो उन्होंने कहा… पढ़िए पूरी खबर…
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