वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने-हटाने का प्रोसेस बदला:ई- वेरिफिकेशन जरूरी, रजिस्टर्ड नंबर पर OTP आएगा; राहुल बोले- चोरी पकड़ाई तो ताला लगाया

वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने-हटाने का प्रोसेस बदला:ई- वेरिफिकेशन जरूरी, रजिस्टर्ड नंबर पर OTP आएगा; राहुल बोले- चोरी पकड़ाई तो ताला लगाया
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वोटर लिस्ट से नाम हटाने-जोड़ने के लिए अब ई-वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इसके लिए चुनाव आयोग (EC) ने अपने पोर्टल और एप पर एक नया ‘ई-साइन’ फीचर शुरू किया है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने या उस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि आवेदन करने वाला वही व्यक्ति है, जिसका नाम या नंबर इस्तेमाल किया गया है।यह मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 सितंबर से पहले ई-वेरिफिकेशन जरूरी नहीं था। एक अधिकारी ने बताया कि पहले कई बार ऐसा हुआ कि किसी और का नाम या मोबाइल नंबर देकर फॉर्म भरे जाते थे। नई सुविधा इस तरह के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगी। वहीं, राहुल गांधी ने इस प्रोसेस में बदलाव के बाद कहा- ज्ञानेश जी (मु​​​ख्य निर्वाचन आयुक्त), हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया। अब चोरों को भी पकड़ेंगे। तो बताइए, CID को सबूत कब दे रहे हैं आप। राहुल लगातार चुनाव आयोग पर वोट डिलीट करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने 18 सितंबर को कहा था कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट से 6000 से अधिक वोटों को हटाया गया। चुनाव आयोग का नया फीचर ई-साइन आलंद सीट पर नाम हटाने के 5,994 आवेदन गलत थे चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी वोटर अपने इलाके की वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म-7 भर सकता है, लेकिन सिर्फ फॉर्म जमा कर देने से नाम अपने-आप नहीं हटता। हर आवेदन की जांच होती है। आलंद क्षेत्र में कुल 6,018 फॉर्म-7 जमा किए गए थे। जांच के बाद सिर्फ 24 आवेदन सही पाए गए और उन्हें मंजूर किया गया जबकि बाकी 5,994 आवेदन गलत पाए गए और उन्हें खारिज कर दिया गया। पोर्टल पर नए वोटर के रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म 6, वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने/हटाने के प्रस्ताव पर आपत्ति के लिए फॉर्म 7 और सुधार के लिए फॉर्म 8 भरने वाले आवेदक को अब पहचान वेरिफाई करानी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पहले चुनाव आयोग के एप और पोर्टल पर फॉर्म भरने के लिए लोग सिर्फ अपना मोबाइल नंबर और वोटर आईडी (EPIC) नंबर डालकर आवेदन कर सकते थे। उस समय यह जांच नहीं होती थी कि दी गई जानकारी सच में उसी व्यक्ति की है या नहीं। अब ECINet पोर्टल पर एक नया फीचर दिखाई दे रहा है, जिससे जानकारी की पुष्टि करना जरूरी हो गया है। हालांकि चुनाव आयोग ने इस बदलाव की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है। राहुल ने EC पर वोट चोरी के आरोप लगाए दरअसल, राहुल गांधी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, वोटों का अवैध जोड़-घटाव और संस्थानों का दुरुपयोग कर चुनाव जीते गए। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने महादेवपुरा और आलंद जैसे इलाकों में इसके उदाहरण भी सामने रखे हैं और आने वाले समय में और भी सबूत जनता को दिखाए जाएंगे। राहुल ने 20 सितंबर को कहा था- ‘वह जल्द ही ऐसा सबूत सामने लाने वाले हैं जिससे साबित हो जाएगा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने वोट चोरी कर चुनाव जीते।’ राहुल ने इसे “हाइड्रोजन बम” करार दिया और कहा कि उनके पास खुले-और-बंद सबूत हैं। पूरी खबर पढ़ें… राहुल की वोट चोरी पर पिछली 2 प्रेस कॉन्फ्रेंस… 18 सितंबर: राहुल ने ECI प्रमुख पर लगाए वोट चोरों की रक्षा करने के आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को कहा था- ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं।’ राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए। राहुल ने दावा किया कि आलंद में जिन वोटर्स के नाम डिलीट किए गए, उनको हटाने के लिए दूसरे राज्यों में ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने प्रेजेंटेशन में उनके नंबर भी बताए। गोदावाई के 12 पड़ोसी के नाम भी हैं, जिन्हें इन मोबाइल नंबर्स से डिलीट किया गया। उधर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया था। कहा था कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। पढ़ें पूरी खबर… 7 अगस्त- राहुल ने वोटर लिस्ट में अवैध नाम जोड़ने के आरोप लगाए राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि EC ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव चोरी किया है। हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया। मुझे लगता है इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ। पढ़ें पूरी खबर… राहुल के आरोपों पर EC का जवाब… 17 अगस्त को कहा- प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं चुनाव आयोग (EC) ने 17 अगस्त को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल गांधी का नाम लिए बिना चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा- PPT प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं है। वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे। 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला तो आरोपों को निराधार समझा जाएगा। पूरी खबर पढ़ें… 18 सितंबर- किसी वोटर का नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं होता राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि किसी भी वोटर का नाम ऑनलाइन तरीके से नहीं हटाया जा सकता और आलंद विधानसभा क्षेत्र में किसी भी वोटर का गलत तरीके से नाम नहीं काटा गया है। ————————————- ये खबर भी पढ़ें… राहुल बोले- चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, 36 सेकेंड में 2 वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 19 सितंबर को ‘वोट चोरी’ और ‘वोट हटाने’ के मामले पर चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, चोरों को बचाता रहा।’ राहुल ने X पर वीडियो क्लिप शेयर की। कैप्शन में लिखा- सुबह 4 बजे उठो, 36 सेकेंड में 2 वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ- ऐसे भी हुई वोट चोरी! पूरी खबर पढ़ें…


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