पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए काउंसिल ऑफ लॉयर्स द्वारा दायर जनहित याचिका पर आज (1अक्टूबर) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान बाढ़ से हुए नुकसान और मुआवजे के मुद्दे पर दोनों पक्षों की दलील रखी गईं। इसके बाद कोर्ट ने पंजाब सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को निर्देश दिए कि वे याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत मांगों और प्रतिनिधित्व पर यथाशीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें। याचिका में कोर्ट से अपील की गई है कि हाईकोर्ट की देखरेख में 3 सदस्यीय SIT का गठन किया जाए। इसमें किसी सेवानिवृत्त या कार्यरत हाईकोर्ट जस्टिस को अध्यक्ष बनाया जाए। एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य, अभिषेक मल्होत्रा व ईशान भारद्वाज ने बताया कि याचिका को डिस्पोज कर दिया है और सरकार को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो फिर से कोर्ट का रुख करेंगे । जनहित याचिका का मकसद पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन करने, राहत कार्यों की निगरानी करने और किसानों को समय पर मुआवजा सुनिश्चित करना है। याचिका में उठाए गए ये 7 पॉइंट… याचिका किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई काउंसिल ऑफ लॉयर्स के अध्यक्ष, एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि यह याचिका किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई है, ताकि उन्हें निराशा में आत्महत्या करने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गिरदावरी रिकॉर्ड को अपडेट करने और ठोस राहत उपाय करने में विफलता के कारण यह याचिका दायर करना आवश्यक हो गया था। शांडिल्य ने विश्वास व्यक्त किया कि हाईकोर्ट किसानों को राहत प्रदान करेगा और काउंसिल ऑफ लॉयर्स निस्वार्थ भाव से उनकी लड़ाई जारी रखेगा।
पंजाब बाढ़ पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई:सरकार को आदेश-याचिकाकर्ता के सुझावों पर तुरंत कार्रवाई करें; जांच के लिए SIT की मांग की थी
