पक्के घर की आस – अब जाकर हुई पास

पक्के घर की आस – अब जाकर हुई पास
Share Now

भोपाल : बारिश सबके लिये खुशियां लेकर आती है। पर कच्चे घर वाले लोग बारिश की आहट से ही सहम जाते हैं। शहडोल शहर के वार्ड नं. 23 में रहने वाली रनिया बाई कोल भी कच्ची झोपड़ी में रहती थीं। उनकी कई पीढ़ियां इसी झोपड़ीनुमा घर में रहते हुए पक्के घर की आस में गुजर गईं। पर अब जाकर रनिया बाई की किस्मत रंग लाई। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से पक्का घर मंजूर हो गया है। देखते ही देखते घर तैयार हो गया और अब वे अपने परिवार के साथ इसी घर में खुशी-खुशी रहती हैं।

दिहाड़ी मजदूरी कर अपना परिवार चलाने वाली रनिया बाई अपने कड़वे दिनों को याद करते हुए बताती हैं पहले वे परिवार के साथ झोपड़ी में रहती थीं।तेज बारिश होने पर झोपड़ी के छप्पर से कई जगह पानी टपकता था।पॉलीथिन की शीट से ढककर गृहस्थी का सामान बचाते थे। बहुत ज्यादा बारिश होने पर झोपड़ी के गिरने का डर भी बना रहता था। कई बार छप्पर से सांप-बिच्छू गिरकर सबको डरा देते थे। तब वे सोचती थीं कि काश उनका भी पक्का घर होता। जानकारी मिली तो उन्होंने पीएम आवास योजना में आवेदन लगाया। पात्र होने पर उन्हें पक्का घर मिल गया। पक्के घर ने उन्हें सर्दी-गर्मी, बारिश, ओला-पाला की सभी परेशानियों से निजात दिला दी है।

रनिया बाई उसे पक्का घर दिलाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताती हैं।


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *