शिक्षक नियुक्ति मामले में जांच आयोग के अध्यक्ष ने जांच से किया इनकार

शिक्षक नियुक्ति मामले में जांच आयोग के अध्यक्ष ने जांच से किया इनकार
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स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 के रिक्त पदों पर नियुक्ति के मामले में फिर नया मोड़ आ गया है। कोर्ट के आदश पर बने जांच आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसएन पाठक ने जांच करने में असमर्थता जताई है। उन्होंने 14 सितंबर को हाईकोर्ट को पत्र भेजकर किसी और से इसकी जान कराने का आग्रह किया है। उधर, राज्य सरकार ने कोर्ट के पूर्व के आदेश को चुनौती देते हुए 2200 पन्नों की अपील याचिका दायर कर दी है। इससे तय हो गया कि सरकार मेरिट लिस्ट में सुधार के पक्ष में नहीं है। इससे 2034 पदों पर नियुक्तियों में अब और समय लग सकता है। जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरेवाल ने बताया कि सरकार अपना पक्ष मजबूती से कोर्ट में रखेगी। हमने अपील याचिका दायर कर दी है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में एक सितंबर को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। सरकार द्वारा बनाई गई मेरिट लिस्ट में कई विसंगतियों को देखते हुए पूरे मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस एसएन पाठक की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया था। कहा था कि आयोग सभी पक्षों को देखकर तीन माह में राज्य सरकार को रिपोर्ट दे। सरकार रिपोर्ट के आधार पर अगले छह सप्ताह में कार्रवाई करे। वहीं याचकाकर्ताओं को आठ सप्ताह के भीतर जेएसएससी में आवेदन देने को कहा था। 2016 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया, विवाद अब भी जारी जेएसएससी ने साल 2016 में हाईस्कूल शिक्षक के 17,786 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। कोर्ट के आदेश के बाद जेएसएससी ने 26 विषयों का स्टेट मेरिट लिस्ट व कट अॉफ जारी किया। इसमें जिलास्तरीय व राज्यस्तरीय मेरिट के आधार पर नियुक्ति की गई। पर इनमें कई ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हुई, जिनके अंक कटअॉफ से अधिक थे। ऐसे लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने एक सितंबर को ऐसी 258 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मेरिट लिस्ट की जांच के लिए कमिशन बनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा था-आयोग तीन माह में रिपोर्ट दे, फिर मंत्रिमंडल छह सप्ताह में फैसला ले नियुक्ति प्रक्रिया में विसंगतियों से कोर्ट प्रथम दृषटया संतुष्ट है, एक सदस्यीय आयोग जांच कर तीन माह में सरकार को रिपोर्ट दे।​ फिर रिपोर्ट के आधार पर मंत्रिमंडल अगले छह सप्ताह में निर्णय ले। अभ्यर्थियों की दलील: मेरिट लिस्ट में सरकार ने की गड़बड़ी, परीक्षा में कट ऑफ से अधिक अंक लाने वालों की भी नहीं की नियुक्ति


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