तेलंगाना की कमाई का 57% चुनावी वादों में जा रहा:कर्नाटक में 35%, MP में ये खर्च 27% तक; बुनियादी जरूरतों में हाथ तंग

तेलंगाना की कमाई का 57% चुनावी वादों में जा रहा:कर्नाटक में 35%, MP में ये खर्च 27% तक; बुनियादी जरूरतों में हाथ तंग
Share Now

बिहार में चुनावों से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए अब तक ₹33,920 करोड़ के वादे किए गए हैं। लेकिन लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आए सियासी दलों को राज्यों में वित्तीय मोर्चे पर बड़ी मुश्किल आ रही है। ब्याज अदायगी और वेतन-भत्ते जैसे खर्च तो काट नहीं सकते। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा चुनावी वादे पूरे करने में जा रहा है। इसके चलते सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए सरकारी खर्च में उनके हाथ तंग हैं। तेलंगाना सरकार की कमाई का 57% चुनावी वादों में, कमाई का 80% हिस्सा वेतन-भत्तों पर जा रहा है। यही सरकार पुरानी पेंशन का वादा लाई थी। लाड़ली बहन योजना पर कमाई का 22% हिस्सा चला जाता है। 6 गारंटी के वादे के साथ सत्ता में आई कर्नाटक सरकार की कमाई का 35% हिस्सा इन्हीं गारंटी को पूरा करने में जा रहा है। 40% राशि वेतन-भत्ते और कर्ज के ब्याज चुकाने में चली जाती है। इससे राज्य सरकार को सड़क की मरम्मत तक के लिए बजट जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं। 2024-25 में जिन बड़े राज्यों में उधारी बढ़ी, उनमें मध्य प्रदेश टॉप पर है। कमाई का 42% वेतन-भत्ते, ब्याज, 27% मुफ्त की योजना में जा रहा है। छत्तीसगढ़ में खुद की कमाई की 18% राशि वादे पूरे करने पर खर्च हो रही है। स्वास्थ्य पर खर्च घटा है। बिहार: ₹33,920 करोड़ के नए वादे, 62% खर्च होगा बाजार से कर्ज लेकर खर्च कर रहे राज्य देश की प्रमुख प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, राज्यों का सोशल वेलफेयर खर्च बढ़ गया है। खपत को बढ़ावा देने के लिए बाजार से कर्ज लेकर खर्च कर रहे हैं। इससे ​वित्तीय सेहत बिगड़ रही है। आरबीआई भी चेता चुका है कि बेवजह खर्चे ​आर्थिक परेशानियां खड़ी करेंगे। ——————— देश से जुड़ी ये रिपोर्ट भी पढ़ें… देश के 47% मंत्रियों पर क्रिमिनल केस: 653 मंत्रियों में से 174 पर मर्डर-रेप जैसे गंभीर आरोप; इनमें भाजपा के 136, कांग्रेस के 45 मिनिस्टर देशभर के 302 मंत्री (करीब 47%) खुद पर आपराधिक केस होने की बात स्वीकार कर चुके हैं। इनमें 174 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) ने आपराधिक केस होने की बात मानी है। यह जानकारी चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की रिपोर्ट में सामने आई है। पूरी खबर पढ़ें…


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *