निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्हें जेल से निकलने के लिए इंतजार करना होगा। क्योंकि एसीबी में उनके विरुद्ध अबतक कुल तीन मामले दर्ज हो गए। इनमें से सिर्फ एक मामले में ही उन्हें जमानत मिल सकी है। विनय चौबे 20 मई से न्यायिक हिरासत में हैं। पहली प्राथमिकी विनय चौबे के विरुद्ध 20 मई 2025 को एसीबी में शराब घोटाला में दर्ज की गई थी। जिसमें उन पर 38 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान सरकार को पहुंचाने का आरोप है। एसीबी ने उन्हें 20 मई को ही गिरफ्तार भी किया था। शराब घोटाला मामले में एसीबी को 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करनी थी, लेकिन नहीं कर सकी। जिसका नतीजा यह हुआ कि विनय चौबे को कोर्ट ने 19 अगस्त को जमानत दे दी। शराब घोटाले में विनय चौबे को जमानत तो मिल गई, लेकिन वे जेल से बाहर नहीं निकल पाए। क्योंकि एसीबी ने उन्हें हजारीबाग में खास महाल जमीन घोटाला मामले में भी उन्हें आरोपी बना दिया। हजारीबाग के खास महाल जमीन घोटाला में भी आरोपी हजारीबाग में खास महाल जमीन घोटाला मामले में विनय चौबे को 13 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। इस मामले में भी उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई। खास महाल जमीन मामले में अभी तक विनय चौबे को जमानत नहीं मिली है। इस वजह से वे 20 मई से न्यायिक हिरासत में हैं। अब विनय चौबे के विरुद्ध तीसरा केस एसीबी में दर्ज कर लिया गया है। हजारीबाग में हुए वन भूमि घोटाला में एसीबी ने 25 सितंबर को मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति मिलने के बाद एसीबी हजारीबाग थाना कांड संख्या 11/25 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस प्राथमिकी में भी विनय कुमार चौबे को नामजद आरोपी बनाया गया है। अब इस मामले में भी एसीबी उन्हें गिरफ्तार करती है तो उनका जेल से निकलना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि हजारीबाग खास महाल मामले में अब तक जमानत नहीं मिली है।
निलंबित आईएएस विनय चौबे की मुश्किलें बढ़ीं, जेल से निकलने के लिए लगेगा समय
