मैंने पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती को ही अपना मुख्य पेशा बनाया। पहले पारंपरिक खेती करता था, लेकिन उससे आमदनी न के बराबर होती थी। राज्य सरकार की मदद और आदर्श ग्राम सेवा समिति, नावाडीह से मिले प्रशिक्षण ने मेरी खेती की दिशा बदल दी। मैंने मल्चिंग सिस्टम प्लास्टिक लगाया जिससे खरपतवार की समस्या से छुटकारा मिला और फसल बेहतर हुई। वहीं ड्रिप सिस्टम से फसल में जरूरत के अनुसार ही पानी जाता है, जिससे पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ी। गर्मी में मचान पद्धति से करेला और कद्दू की खेती की। इससे फल एक समान आकार और आकर्षक रूप में तैयार हुए। इसका मुझे अच्छा लाभ मिला। सरकार से मुझे फोलिक हाउस शेड मिला है। इसकी वजह से पौधों को ज्यादा धूप और बारिश से बचाया जा सकता है। यहां से गोभी, मिर्चा, बैंगन, धनिया, पालक आदि पौधों का उत्पादन कर रहा हूं। इससे भी अच्छी आमदनी हो रही है। मैंने जिसे मॉडर्न और व्यवसायिक सोच से खेत में काम किया उसमें मलचिंग और ड्रिप सिस्टम महत्वपूर्ण है। मचान पद्धति से करेला और कद्दू जैसे सब्जियों के उत्पादन में दोगुनी तीन गुनी तक वृद्धि हुई। इसी तरह आय भी बढ़ी। फोलिक हाउस शेड से पौधा उत्पादन सुरक्षित और बेहतर हो गया। सूखा या अतिवृष्टि से बचने के उपाय अपनाएं तो लागत डूबेगी नहीं जब से मैं आदर्श ग्राम सेवा समिति से जुड़ा तब से खेती के तरीके में छोटे-छोटे परिवर्तन किए जिसका बहुत लाभ मिला। मैंने कई किसान दोस्तों के साथ यह बात साझा की जिससे उनके खेतों में भी बेहतर उत्पादन होने लगे। सब्जियां हमें तुरंत आमदनी देती है। अतिवृष्टि या कम वर्षा से बचने के लिए हम अगर बताई गई तकनीक को अपनाते हैं तो हमारी फसल भी सुरक्षित रहती है और लागत भी नहीं डूबती। बल्कि यह हमें लाभ देकर ही जाता है। जानिए… कौन हैं कृष्णदेव महतो कृष्ण देव महतो इंटर पास है और वर्तमान में लगभग 1 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। नौकरी की तलाश करने के बजाय खेती को ही अपनाया। आज मेहनत और तकनीक के सहारे सालाना दो से ढाई लाख रुपए की आमदनी कर लेते हैं। गांव और आसपास के लोग भी इनकी खेती को देखकर प्रेरित होते हैं। कुछ लोग जानकारी लेते आते हैं जिन्हें स्वेच्छा से पूरी जानकारी देते हैं। इससे भी बढ़िया खेती कर सकें। महतो की दो बेटी एक बेटा है। एक बेटी का विवाह हो चुका है। बेटा इंटर में पढ़ रहा है।
बोकारो नावाडीह के किसान कृष्ण देव महतो की कहानी:खेती में आधुनिक सोच से सब्जियों का उत्पादन बढ़ा, आय तीन गुनी हुई
