लखनऊ के बिजनौर थाना क्षेत्र के परवर पश्चिम गांव में पूर्व ग्राम प्रधान केके सिंह और उसके छह भाइयों से 15 से ज्यादा परिवार दहशत में हैं। केके सिंह इलाके में दुकान लगाने वालों से गुंडा टैक्स मांगता है। विरोध करने वाले दुकानदारों को लाठी डंडों से पीटता है। शुरुआत में लोग थाने पर फरियाद लेकर गए, लेकिन उसके रौब के चलते उल्टा पीड़ित को फटकार कर भगा दिया गया। इससे लोगों में और डर बैठ गया। डर का आलम यह है कि लोग उसके खिलाफ बोलने के बजाय गांव और दुकान छोड़ना बेहतर समझने लगे। 9 अक्टूबर की रात केके सिंह ने गुंडा टैक्स न देने अपने साथियों के साथ चाउमीन की दुकान लगाने वाले दो भाइयों को जमकर पीटा। पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की, तो पूर्व की तरह कार्रवाई नहीं हुई। इस पर दुकानदार, ग्रामीण और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजनौर थाने पर प्रदर्शन किया। विधायक राजेश्वर सिंह ने हस्तक्षेप किया तब आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। बावजूद इसके मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दैनिक भास्कर टीम आरोपी प्रधान के आतंक को जानने के लिए बिजनौर थाना क्षेत्र के परवर पश्चिम गांव पहुंची। जहां पूरे मामले को सिलसिलेवार ढंग से समझा…पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पूरे मामले को समझते हैं… हथियार से लैस होकर पहुंचे और पीटने लगे बिजनौर थाना क्षेत्र के परवर पश्चिम गांव के रहने वाले परवेश के अनुसार, 9 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे वह अपने भाइयों सर्वेश और उमेश के साथ प्राथमिक विद्यालय के पास चाट-अंडे की दुकान पर बैठे थे। तभी गांव के शिवकुमार सिंह, पूर्व प्रधान कृष्ण कुमार सिंह उर्फ के.के. सिंह, रामकुमार सिंह, विष्णु कुमार, विक्की सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह, बृजेश, अनिकेत सिंह और कौशल कनौजिया सहित कई अन्य लोग हथियारों से लैस होकर पहुंचे। आरोप है कि हमलावरों ने बिना गुंडा टैक्स दिए दुकान न लगाने की धमकी दी। विरोध करने पर तीनों भाइयों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया। मारपीट में सर्वेश और उमेश गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। परवेश का आरोप है कि के.के. सिंह और उसके साथी अवैध खनन और गुंडा टैक्स वसूलने का गिरोह चलाते हैं। अब पीड़ितों का दर्द समझिए… पीड़ित उमेश कश्यप बताते हैं कि आरोपी पूर्व प्रधान के.के सिंह अपने साथियों के साथ एक दुकानदार को मारते हुए उनकी दुकान पर पहुंचा। उनसे दुकान लगाने के एवज में 500 गुंडा टैक्स मांगा। विरोध करने पर बोला अगर नहीं दिया तो इसकी तरह मारे जाओगे। के.के. सिंह की बात न मानने उस पर हमला कर दिया। उनको मार खाता देख भाई बचाने पहुंचा तो उसको भी पीटने लगे। दोनों दुकान छोड़कर किसी तरह वहां से जान बचाकर भागे। शिकायत करने थाने पर थे, तब घर पहुंचकर परिवार को धमकाया उमेश ने बताया कि घटना के बाद मामला बढ़ा तो इलाके लोग न्याय के लिए थाने पर प्रदर्शन कर लगे। इस दौरान पीड़ित पक्ष भी वहां मौजूद था। तभी के.के. सिंह अपने साथियों के साथ घर पहुंचकर बहन को गाली देने लगा। घर के सभी सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने लगा। बहन काफी घबरा गई। उसने रोते हुए घटना की जानकारी उमेश उनको दी। उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी। जब तक पुलिस पहुंची आरोपी फरार हो गए। तालाब के पट्टे को लेकर भी मांगते हैं हिस्सेदारी उमेश ने गांव से कुछ दूर एक तालाब का पट्टा करवा रखा है, जिसमें वह सिंघाड़ा बोता है। मछली पालता है। उमेश का कहना है कि आरोपी उसमें भी आधी हिस्सेदारी मांगते हैं। तालाब को अपना होने का दावा करते हैं। शिकायत करने की बात कहने पर धमकी देते हैं कि कोई कुछ नहीं कर पाएगा। दबंगों की पिटाई से चलने में असमर्थ हुआ युवक सर्वेश घर के बाहर पड़े तख्त पर दर्द से कर रहा है। दबंग के.के. सिंह ने उस पर लाठी से हमला किया था, जिससे उसकी कमर में चोट आई है। उसने बताया कि वह दुकान पर था, तभी भाई ने चिल्लाकर बोला सर्वेश भाग जाओ के.के. सिंह मार देगा। जब पीछे की तरफ घूमा तभी कमर पर एक लाठी आकर लगी, जिससे वहीं गिर गए। अब दुकान भी नहीं लगा पाऊंगा। एक हाथ बुरी तरह घायल है, कमर की वजह से उठने में दिक्कत है। हरिजन सीट पर अपने प्रत्याशी को प्रधान बनाया सर्वेश ने बताया कि करीब 15 साल पहले के.के. सिंह ने प्रधानी जीती थी। इसके बाद से गांव में दबंगई शुरू कर दी। इस पंचायत चुनाव में हरिजन सीट हो गई। जिससे बृजेश रावत को चुनाव लड़ाया गया, लेकिन पूरी प्रधानी के.के. सिंह ही संभालते हैं। सिर्फ कागजों पर बृजेश का नाम दिखता है। बृजेश भी के.के. सिंह की गैंग का प्रमुख है। अब जानिए ग्रामीणों ने जो बताया… घर के बाहर मंदिर बनाने से रुकवाया गांव की रहने वाली राम प्यारी ने बताया कि फरवरी 2024 में बेटे मोहन ने प्रधान के.के. सिंह से घर के बाहर मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा। घर के बाहर लोग कूड़ा फेंकते थे। इससे कूड़ा फेंकना बंद हो जाता। इस बात पर केके सिंह ने बेटे को गाली दी। बेटे ने विरोध किया तो केके सिंह ने घर पर फोन करके अन्य भाइयों को बुला लिया। सब आकर बुरी तरह मारने लगे। घर की महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। महिलाओं के सीने पर चढ़कर मारा। इसके बाद बेटा जान बचाने के लिए घर के अंदर भागा। अगर वो भागा नहीं होता तो जान से मार देते। पुलिस के पास गए तो पुलिस ने उल्टा हमें डांट फटकार कर भगा दिया। कोई सुनवाई नहीं होती है। उल्टा आरोप लगाते हैं। गाली देने के विरोध में आते ही मारने लगे अमित बताते हैं उनका गांव के एक व्यक्ति से विवाद था। विपक्षी कॉल करके गाली दे रहे थे, जिसका विरोध किया तो सब मार्केट में मिलने के लिए बुलाए। मार्केट में खड़े थे तभी प्रधान उनके साथ आ गए। बातचीत हो रही थी तभी एक व्यक्ति ने धक्का दिया। गिरने से बचने के लिए हाथ बढ़ाया तो प्रधान का हाथ पकड़ लिया। इसके बाद लाठियों से पीटने लगे। सात भाइयों ने पूरे गांव को डराया आरोपी केके सिंह के परिवार में सात भाई हैं। सातों शुरू से ही दबंग किस्म के हैं। गांव में अगर किसी ने विवाद हो जाता तो सब एक साथ लाठी डंडा और बंदूक लेकर पहुंच जाते हैं। अब उन सबके लड़के भी गांव में दबंगई करने लगे हैं। पूरे गांव में सीधी धमकी देकर कहते हैं हम सातों का कोई कुछ नहीं कर सकता है। पुलिस प्रशासन मैनेज है। किसान यूनियन के लीडर बनकर हर काम अपने हिसाब से करवाते हैं। कोई किसी ने खिलाफ में बोल दिया तो किसानों की भीड़ लेकर कार्यालय का घेराव करके अपनी बात मनवाते हैं। ————– संबंधित खबर भी पढ़िए… लखनऊ में गुंडा टैक्स नहीं देने पर भाइयों को पीटा:पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप, लोगों ने बिजनौर थाना घेरा लखनऊ में ‘गुंडा टैक्स’ न देने पर तीन भाइयों पर दबंगों ने जानलेवा हमला किया। पुलिस पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया। एडीसीपी दक्षिणी रल्लापल्ली वसंत कुमार के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। पूरी खबर पढ़ें
लखनऊ में गुंडा टैक्स से बंद हुईं दुकानें:15 परिवारों में दहशत, लोग बोले- वसूली नहीं देने पर दबंग पीटते हैं, पुलिस मैनेज
