ओडिसी नृत्य, बिरहा और कबीरी गायन से झूम उठा संगीत विभाग का सभागार

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ओडिसी नृत्य, बिरहा और कबीरी गायन से झूम उठा संगीत विभाग का सभागार

प्रयागराज, 18 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग में स्पिक मैके और एचसीएल कॉन्सर्टस के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय अनहद-नाद कार्यक्रम की कड़ी में चौथे दिन मंगलवार को आयोजन सफलतापूर्वक हुआ। बतौर ऑडियो पार्टनर जेबीएल के सहयोग से हो रहे कार्यक्रम में आज महान ओडिसी कलाकार कविता द्विवेदी की अद्भुत प्रस्तुति से सभागार झूम उठा।

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मन्नू यादव के बिरहा और पद्म श्री से सम्मानित पंडित कालूराम बमानिया के कबीरी गायन ने भी सभी का मन मोह लिया। ओडिसी की प्रतिमूर्ति कविता ने पहली प्रस्तुति ऊं नमः शिवाय (शिव पंचाक्षर), दूसरी प्रस्तुति में शुद्ध नृत्य-बट्टू और तीसरी प्रस्तुति में कृष्णजी से जुड़े ओड़िया गाने पर अभिनय-नृत्य से कार्यक्रम की आभा को बढ़ाया।

तत्पश्चात मन्नू ने बिरहा के जरिए देशभक्ति से लबरेज़ कर दिया। पंडित कालूराम बमानिया ने ’जब बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाय’ जैसे कबीरी गायन से सभागार में उपस्थित शिक्षकों और छात्रों की तालियां बटोरीं। कार्यक्रम में कलाकारों और आगंतुकों का स्वागत संगीत और प्रदर्शन कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेम कुमार मलिक़ और स्पिक मैके की प्रदेश समन्वयक मधु शुक्ला ने किया। प्रदेश सचिव श्रेयश शुक्ला ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा विभागाध्यक्ष प्रेम कुमार मलिक़ की भारतीय सांस्कृतिक विरासत को लेकर सक्रियता सराहनीय है। कार्यक्रम का संचालन आरती द्विवेदी ने किया।

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