पूर्णिया सांसद पप्पू यादव आचार संहिता उल्लंघन मामले में विवादों में घिर गए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के बीच गुरुवार को वैशाली जिले के गणियारी गांव में कटाव पीड़ितों के बीच कैमरे के सामने पैसे बांटे। निर्दलीय सांसद ने 80 परिवारों को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की। इसी के बाद आचार संहिता उल्लंघन को लेकर सवाल खड़े होने लगे। दरअसल, गुरुवार को सांसद पप्पू यादव वैशाली जिले के सहदोई थाना क्षेत्र के गणियारी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ कटाव से प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने क्षेत्र के लगभग 80 परिवारों को करीब पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। सांसद ने कहा कि यह मदद मानवता के नाते दी जा रही है ताकि बाढ़ से विस्थापित लोग अपने जीवन को फिर से व्यवस्थित कर सकें। वैशाली जिला प्रशासन के अधिकारी बोले- मामले की जांच की जा रही है हालांकि, इस घटना के बाद आचार संहिता उल्लंघन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। चुनावी माहौल में किसी जनप्रतिनिधि की ओर से सीधे आर्थिक सहायता देना चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जा सकता है। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर जांच की बात कही है। वैशाली जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है और यदि आर्थिक सहायता सार्वजनिक रूप से दी गई है, तो यह आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन हो सकता है। मामले की जांच की जा रही है। चुनावी अवधि में ऐसे कार्यों से गलत संदेश जाता है और यह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास माना जा सकता है। पप्पू यादव बोले- मैं राजनीति नहीं, इंसानियत कर रहा हूं वहीं, पप्पू यादव ने अपने बचाव में कहा कि मैं राजनीति नहीं, इंसानियत कर रहा हूं। जब लोग बाढ़ और कटाव से बेघर हैं, तो मदद करना अपराध नहीं है। सांसद की ओर से कहा गया कि उनका ये दौरा क्षेत्र में बाढ़ और नदी कटाव से प्रभावित लोगों की समस्याओं को जानने के उद्देश्य से किया गया। उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनकी मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान सांसद स्थानीय लोगों की शिकायतें सुनी और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। 2000, 3000 रुपए बांटते नजर आए पप्पू यादव पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव वैशाली के सहदेई प्रखंड के गनियारी गांव पहुंचकर कटाव पीड़ित परिवारों एवं स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की। जिसके बाद लोगों को मदद के लिए 2000, 3000 रुपए बांटते नजर आए, कैमरे मे साफ देखा जा रहा है की लिस्ट से नाम पढ़कर एक एक कर लोगों को रुपए दिए जा रहे है। सांसद पप्पू यादव ने क्षेत्रीय सांसद चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि, ‘यहां बड़े-बड़े नेता है और सभी टिकट के चक्कर में व्यस्त हैं, लेकिन कटाव पीड़ित परिवार से मिलने का कोई जरूरत नहीं समझ रहे हैं।’ सांसद ने गांव से ही वैशाली जिलाधिकारी को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं की। उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग को नोटिस भेजना है तो भेज दे लेकिन हम गरीबों को मदद करते रहेंगे।’ बाढ़ के बाद से गंगा नदी में तेजी से कटाव सहदेई प्रखंड के गनियारी गांव में बाढ़ के बाद से गंगा नदी में तेजी से कटाव हो रहा है। इस कटाव के कारण कई परिवारों के घर गंगा नदी में समा चुके हैं, जबकि कुछ लोगों की जान भी चली गई है। कटाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण अपने घरों को खाली करने पर मजबूर हैं। लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई से बने मकानों को खुद तोड़कर ईंटें अलग कर रहे हैं। कई बार सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया कटाव से प्रभावित परिवारों को बच्चों की पढ़ाई और मवेशियों के रखरखाव में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों द्वारा कई बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद, लोगों को अभी तक किसी प्रकार की ठोस मदद नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों ने कई बार सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया है, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिलते रहे हैं। लगभग 400 परिवार विस्थापित हुए हैं वैशाली के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड अंतर्गत नयागांव पश्चिमी पंचायत का गनियारी गांव इन दिनों गंगा नदी के कटाव की चपेट में है। गंगा की तेज धार के कारण गांव पूरी तरह से कटान का शिकार हो गया है, जिससे लगभग चार सौ परिवार विस्थापित हो गए हैं। लोग अपने पुश्तैनी घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। भोजन और आवास सबसे बढ़ी समस्या कटाव के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं। वे अपना सामान समेटकर, बच्चों और बुजुर्गों के साथ खुले आसमान के नीचे या फूस के अस्थायी ठिकानों पर रहने को मजबूर हैं। कल तक अपने घरों में रहने वाले इन परिवारों के सामने अब भोजन और आवास का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों में भय और अनिश्चितता के माहौल स्थानीय ग्रामीण रामकिशोर प्रसाद ने बताया, “हमारा सब कुछ चला गया। घर, खेत और रोजी-रोटी सब गंगा में समा गया है। अब खाने-पीने से लेकर रहने तक की समस्या है।” ग्रामीण भय और अनिश्चितता के माहौल में दिन गुजार रहे हैं, और महिलाएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
आचार संहिता उल्लंघन को लेकर विवादों में पूर्णिया सांसद:वैशाली में कटाव पीड़ितों के बीच बांटे 5 लाख रुपए, बोले- मैं राजनीति नहीं, इंसानियत कर रहा
