सारण, चंपारण और गोपालगंज में जहरीली शराब ने बरपाया कहर, 156 की मौत

सारण, चंपारण और गोपालगंज में जहरीली शराब ने बरपाया कहर, 156 की मौत
Share Now

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि जहरीली शराब से 266 मौतें दर्ज की गईं जिनमें अंतिम जांच के बाद 156 की मौत की पुष्टि की गई है।

इनमें सारण में सर्वाधिक 75, पूर्वी चंपारण में 55 और गोपालगंज में 33 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा नालंदा में 12, नवादा में 11, औरंगाबाद में आठ, गया में छह मौतें दर्ज की गई हैं। इस साल अप्रैल से अभी तक शराब से एक भी मौत रिपोर्ट नहीं हुई है।

8.43 लाख केस, निष्पादन को जल्द होगा बदलाव

राज्य में अब तक शराबबंदी अधिनियम के तहत आठ लाख 43 हजार से अधिक उत्पाद अभियोग दर्ज किए गए हैं। इस में दौरान 12 लाख 79 लाख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि जबकि तीन करोड़ 46 लाख लीटर शराब बरामद की गई है।

अगस्त माह तक 71 हजार से अधिक वाहनों की नीलामी की गई है। मद्यनिषेध अधिनियम के तहत 507 भवनों को सात करोड़ की जुर्माना राशि लेकर मुक्त किया गया है।

सचिव ने बताया कि लंबित कांडों के निष्पादन के लिए विशेष न्यायालयों की व्यवस्था की गई है। केस निष्पादन की गति को बढ़ाने के लिए जल्द ही कुछ बदलाव लाने की तैयारी है। इसके लिए कोर्ट के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।

मांझी बड़े नेता हैं तो बड़े नेता से बात करें : सदा

शराबबंदी पर लगातार हमलावर रहे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने बड़े नेता से बात करने की सलाह दी है। सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने मंत्री से सवाल किया कि मांझी लगातार कह रहे हैं कि दलित और गरीब ही शराब पीने के जुर्म में पकड़े जा रहे हैं।

बड़े अधिकारी और पैसे वालों को कोई नहीं पकड़ता। इसपर मंत्री ने कहा कि जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। वह बड़े नेता हैं, तो इस मुद्दे पर उन्हें बड़े नेता से बात करनी चाहिए।

मंत्री ने कहा कि घर में कौन क्या करता है, यह व्यक्तिगत मामला है। इसमें ताक-झांक नहीं की जा सकती। हां, अगर कोई भी व्यक्ति चाहे वह अधिकारी हो या कोई और जो भी शराब पीता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसपर कार्रवाई होती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वह शराबबंदी को लेकर सामाजिक जागरूता अभियान चला रहे हैं। अभी पांच जिलों में अभियान चला है, इसे पूरे बिहार में चलाया जाएगा।


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *