शारदीय नवरात्र का शुभारंभ सोमवार को विधिवत कलश स्थापना के साथ हो गया। कोडरमा जिले भर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने और पूजा पंडालों को सजाने का कार्य तेज हो गया है। झुमरीतिलैया के विशुनपुर रोड स्थित मां दुर्गा मंदिर में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुबह से ही पूजा समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर की साफ-सफाई कर पूजा की शुरुआत की। मूर्तिकार अजय मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे रहे। 2004 से लगातार हो रहा आयोजन पूजा समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2002 में हुआ था और 2004 से यहां नियमित रूप से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। लगातार 21 वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है। इस उत्सव में मोहल्ले के साथ-साथ आसपास के इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। दक्षिण भारतीय शैली में सजेगा पंडाल समिति के सचिव उपेंद्र सिंह के अनुसार, इस बार विशुनपुर रोड का पंडाल दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध भगवती मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। पंडाल निर्माण और पूजा व्यवस्था पर लगभग आठ लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दस दिवसीय इस उत्सव में हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आएंगे। अष्टमी को डांडिया महोत्सव पूजा समिति के पदाधिकारी ओंकार पांडेय, मनोज कुमार और पंकज सिंह उर्फ बमबम सिंह ने बताया कि अष्टमी की शाम डांडिया महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें मोहल्ले की सैकड़ों महिलाएं और युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होकर उत्सव को भव्य बनाएंगी। प्रसाद वितरण और कन्या पूजन समिति के सदस्य उमेश वर्मा ने बताया कि महासप्तमी से दशमी तक प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के भोग प्रसाद का वितरण किया जाएगा। सप्तमी को बुंदिया, अष्टमी को सूजी का हलवा, महानवमी को खिचड़ी और दशमी को खीर का प्रसाद बांटा जाएगा। महानवमी को कन्या पूजन की परंपरा भी निभाई जाएगी, जिसमें आसपास की सैकड़ों कन्याओं का पूजन और भोजन कराया जाएगा। हाथी पर आगमन, नौका पर प्रस्थान पंडित पिंटू पांडेय ने जानकारी दी कि इस बार नवरात्रि 10 की बजाय 11 दिनों तक मनाई जाएगी, क्योंकि तृतीया तिथि दो दिनों तक है। इस नवरात्रि मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा, जिसे शुभ माना जाता है, जबकि विजया दशमी पर वे नौका पर सवार होकर विदा लेंगी।
कोडरमा में मां दुर्गा की पूजा की धूम:कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ दुर्गोत्सव, झुमरीतिलैया में 8 लाख की लागत से बना पंडाल
