फाजिल्का की अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद बुधवार से फिर शुरू की गई। खरीद एजेंसियों के इंस्पेक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद अनाज मंडी में अधिकारी फसल की बोली लगाने निकले। इस दौरान मंडी में कई जगह लगी धान की ढेरियां में नमी की मात्रा ज्यादा होने से फसलें रिजेक्ट कर दी गई और कई जगह नमी की मात्रा हद से ज्यादा कम पाई गई। जिसे लेकर किसानों ने सवाल खड़े किए हैं। मंडी सुपरवाइजर राजकुमार ने बताया कि खरीद एजेंसियों के इंस्पेक्टर के साथ आज बैठक हुई, जिसमें खरीद एजेंसी मार्कफेड के यादविंदर सिंह, पनगरेन के अरुण बब्बर (शंटी) और पुनसप के मनोज कुमार मौजूद रहे। बैठक के बाद मंडी में परमल धान की खरीद करने के लिए अधिकारी निकले हैं l उन्होंने कहा कि आज भी धान की कई दारी में नमी की मात्रा ज्यादा है जिस वजह से उन्हें नहीं खरीदा जा रहा। फसल सूखने के बाद ही खरीदी जा रही उन्होंने कहा कि इन्हें पंखा लगाया जाएगा और फसल सूखने के बाद खरीदा जाएगा। पिछले कुछ दिनों से यही दिक्कत आ रही है, जिस वजह से परमल धान की सरकारी खरीद नहीं हो पा रही। जिसके लिए किसानों को सूखी फसल मंडी में लाने की अपील की जा रही है । उधर, किसान सिमरनजीत ने बताया कि वह 25 सितंबर से मंडी में धान की फसल लिए बैठा है। अब हालात ये हैं कि उसकी फसल हद से ज्यादा सूख गई है और फसल में नमी की मात्रा 13 रह गई है। जबकि सरकार के नियमों के मुताबिक नमी की मात्रा 17 होनी चाहिए। ऐसे में उसकी फसल का वजन कम होने से उसे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। जिसकी जिम्मेदारी को लेकर उसमें सवाल खड़े किए हैं।
फाजिल्का मंडी में नमी वाला धान रिजेक्ट:फिर शुरू हुई खरीद, अधिकारी बोली लगाने निकले, किसानों ने खड़े किए सवाल
