गोपालगंज के सुप्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर में शारदीय नवरात्र के सातवें दिन, सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की विशेष पूजा-अर्चना की गई। यह सिद्धपीठ मंदिर पूरे बिहार और पड़ोसी राज्यों, यहाँ तक कि नेपाल के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का एक बड़ा केंद्र है। मां कालरात्रि की उपासना के लिए मंदिर में तड़के सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु घंटों कतारों में खड़े रहे, जिससे मंदिर परिसर और उसके आसपास का इलाका “जय मां थावेवाली” और “मां कालरात्रि तेरी सदा जय हो” के जयकारों से गूंज उठा। मान्यता है कि मां कालरात्रि दुष्टों का नाश करती हैं और अपने भक्तों को भय तथा संकटों से मुक्ति दिलाती हैं। मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना कर रहे भक्त श्रद्धालु मां के दरबार में नारियल, पेड़ा, चुनरी और फल-फूल लेकर पहुंचे और सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना की। अत्यधिक भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। नवरात्र के दौरान इस मंदिर की महिमा और भी बढ़ जाती है और हर भक्त यहाँ से माता का आशीर्वाद लेकर अपनी झोली भरकर जाता है।
थावे मंदिर में नवरात्र की सप्तमी पर भक्तों की भीड़:मां कालरात्रि की हुई विशेष पूजा-अर्चना, मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना कर रहे भक्त
