NEET छात्र की मां बोलीं-सभी हत्यारों को गोली मारो:जब तक एक भी बदमाश जिंदा, शांति नहीं मिलेगी; गोरखपुर में फोटो सीने से लगाकर फफक पड़ीं

NEET छात्र की मां बोलीं-सभी हत्यारों को गोली मारो:जब तक एक भी बदमाश जिंदा, शांति नहीं मिलेगी; गोरखपुर में फोटो सीने से लगाकर फफक पड़ीं
Share Now

”रामपुर में मेरे बेटे के हत्यारे जुबैर उर्फ कालिया का एनकाउंटर किया गया है। ऐसे ही रहीम समेत सभी हत्यारों को गोली मारी जाए, तब मेरे मन को शांति मिलेगी। मेरे बेटे दीपक की आत्मा को शांत मिलेगी। सीएम योगी ने जो कहा है, वो करके दिखा रहे हैं। लेकिन, जब तक सारे हत्यारे जिंदा हैं, मेरा मन शांत नहीं होगा।” ये बातें NEET छात्र दीपक की मां सीमा गुप्ता ने कहीं। दरअसल, दीपक हत्याकांड में 26 सितंबर की देर रात रामपुर जिले में पुलिस मुठभेड़ में हत्यारा कालिया मारा गया। जब यह बात दीपक की मां को पता चली तो वह अपने बेटे की फोटो को सीने से लगाकर रो पड़ीं। पिता दुर्गेश का भी बुरा हाल है। घटना के 12 दिन बाद भी गांव में सन्नाटा पसरा है। दैनिक भास्कर टीम गोरखपुर के पिपराइच इलाके में दीपक की हत्या के बाद शनिवार को एक बार फिर पहुंची। गांव के बाहर पुलिस की एक जीप खड़ी दिखी। मगर पुलिस के जवान गांव के अंदर नहीं जा रहे थे। बताया गया कि लोगों में पुलिस को लेकर काफी नाराजगी है। कुछ चुनिंदा पुलिस वाले ही घर में सुरक्षा के लिए मौजूद हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जब तक सभी आरोपियों को पकड़ा नहीं जाता है, चैन नहीं मिलेगा जुबैर के एनकाउंटर के बाद शनिवार को दीपक की आत्मा की शांति के लिए परिवार ने जंगल धूसड़ स्थित एक मंदिर में अनुष्ठान कराया। बाबा खरबान, पिता दुर्गेश, चाचा सुरेंद्र और भाई प्रिंस समेत परिवार व गांव के कई लोग वहां मौजूद रहे। दीपक की हत्या के बाद गांववालों में आक्रोश और डर दोनों है। लोग कहते हैं कि जब तक सभी आरोपियों को पकड़ा नहीं जाता है, चैन नहीं मिलेगा। एक आरोपी के एनकाउंटर से लोगों को थोड़ी तसल्ली जरूर मिली है। लेकिन, परिवार का दर्द अब भी जस का तस है। मां सीमा देवी बार-बार यही दोहराती हैं कि उनका बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन जब तक उसके हत्यारों को सजा नहीं मिलेगी, उसकी आत्मा तड़पती रहेगी। दादी चीख रहीं- फंदे पर लटका दो इन बदमाशों को गांव के लोगों की बातचीत को समझते हुए हम दीपक के घर पहुंचे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। घर की दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं था। दरवाजे पर एक बुजुर्ग महिला बैठी थीं। लोगों ने बताया कि वो दीपक की दादी अमरावती हैं। वो रोते-रोते चीख पड़ती थीं। मेरे घर का बेटा चला गया। नाश हो इन बदमाशों का…। फंदे पर लटका दो ऐसे लोगों को…। घरों पर बुलडोजर चलवा दो। घर के अंदर भी महिलाएं इकट्‌ठा थीं। दीपक की मां सीमा भी बेहाल हो रही थीं, गांव की महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। वहां, मौजूद लोगों से हमने दीपक के परिवार के बारे में जाना। बताया गया कि दीपक के पिता दुर्गेश 3 भाई हैं। सुरेंद्र और वीरेंद्र के परिवारों को मिलाकर 16 सदस्य एक ही घर में रहते हैं। दुर्गेश के 2 बेटे हैं। बड़ा बेटा दीपक और छोटा प्रिंस 9वीं क्लास में पढ़ता है। सुरेंद्र के 3 बच्चे अदिति, आराधना और कृष हैं। छोटे भाई वीरेंद्र के 2 बच्चे अयांश और प्रियांश हैं। छोटे भाई बोले- तस्करों ने खुद को पुलिसवाला बताया… हमने घर के बाहर ही बैठे परिवार के बच्चों से बात की। वह बहुत मासूमियत से कहते हैं- दीपक हमारे भैया थे, अब वो भगवान के पास चले गए हैं। हमें सबने बताया कि उन्हें चोरों ने मार डाला है। दीपक के छोटे भाई प्रिंस गुप्ता कहते हैं- उस रात मैं चाचा की बाइक पर बैठकर गया था। मैं भी गांव के लोगों के साथ पशु तस्करों को मारने के लिए आगे बढ़ा था। तब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। तस्कर ने गुस्से से कहा- हम लोग पुलिस वाले हैं। तुम्हारे गांव जांच करने आए हैं। उसने मुड़कर अपने साथी से कहा- इसको पिकअप में लाद लो। यह सुनते ही मैंने पूरी ताकत लगाकर अपना हाथ छुड़ा लिया। पीछे की तरफ भाग निकला। चाचा बोले- बदमाशों के हाथ में तमंचा देखकर हम पीछे हटे दीपक के चाचा वीरेंद्र कहते हैं- 15 सितंबर को हम लोग घर पर खाना खाकर सो चुके थे। तभी मेरे भांजे मोनू का कॉल आया। उसने कहा कि गोदाम के पास सड़क पर 2 पिकअप लेकर चोर आए हैं। गाड़ी खड़ी करके सड़क पर टहल रहे हैं। मैंने उससे कहा कि बगल में ही रहने वाले परिचित से मदद मांगो। मोनू गांव के बाहर सड़क किनारे बने गोदाम में ही रहता था। मोनू रात के समय बाहर सड़क की तरफ निकला। तभी एक बदमाश ने उसे देख लिया। बदमाश तमंचा लेकर उसके पीछे दौड़ा। वह गोदाम के अंदर आ गया, दरवाजा बंद कर लिया। उसने फिर फोन कर सारी बात बताई। तब पूरा परिवार गोदाम के लिए निकला। वहां जाने पर बदमाश पत्थर मारने लगे। उनके हाथ में तमंचे भी थे। यह देखकर हम लोग पीछे हट गए। इसके बाद वे गाड़ी लेकर भागने लगे। तब दीपक स्कूटी से उनका पीछा करने लगा। करीब 250 मीटर आगे निकलने पर ही पशु तस्करों ने गाड़ी रोक दी। उन्होंने दीपक को पकड़ लिया। गांव के एक व्यक्ति ने बताया- दीपक पशु तस्करों से हाथ छुड़ाने के लिए लड़ रहा था। लेकिन, गाड़ी से 5-6 की संख्या में निकले बदमाशों ने मिलकर उसे पिकअप पर चढ़ा लिया। उसे मारा-पीटा। रात करीब 1.30 बजे उसकी लहूलुहान लाश मिली। क्रिकेट किट देखकर रोने लगते हैं दोस्त घर के ही एक कोने में दीपक की क्रिकेट किट रखी थी। जिसे छोटे भाई प्रिंस ने बाहर निकाला। बैग के अंदर से बैट, पैड और हेलमेट निकालते समय वह रोने लगा। इस दौरान दीपक के दोस्त भी वहां आ गए। दोस्तों ने बताया- दीपक बहुत अच्छा बैट्समैन था। कॉलेज के मैच में दूर-दूर से लोग सिर्फ देखने आते थे। गांव के कई मैच में ज्यादा पैसे लगते थे। तब लोग दीपक के ऊपर ही दांव लगाते थे, क्योंकि वो मैच जिताने वाली पारी खेलता था। दीपक मेडिकल कॉलेज रोड पर प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस करने जाता था। वहां कोच सूरज यादव से मुलाकात हुई। वह बताते हैं- दीपक ने एक महीने पहले अंडर-19 का ट्रॉयल भी दिया था। वो टैलेंटेड था, स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में अच्छा परफार्म करता था। वो T-20 में देश के लिए खेलना चाहता था, मगर इससे पहले ये हादसा हो गया। उसको इस तरह से नहीं मरना चाहिए था। टीचर बोले- डॉक्टर बनकर पिता का सपना पूरा करना चाहता था दीपक को पढ़ाने वाले टीचर कृष्ण पांडेय बताते हैं- दीपक पढ़ने में बहुत होशियार था। वह कहता था कि मेरे पापा को लोग कंपाउंडर कहकर बुलाते हैं। मुझे डॉक्टर बनकर उनका सपना पूरा करना है। अगले साल वह एक बड़ी कोचिंग में एडमिशन भी कराने वाला था। वह यूट्यूब से भी पढ़ाई करता था। मेरे कमरे पर आकर वह घंटों पढ़ता रहता था। उसे कुछ भी समझाओ, वह तुरंत समझ जाता था। दीपक को मारने वाले 4 तस्कर अरेस्ट, एक का एनकाउंटर SSP राज करन नय्यर ने जंगल धूषण चौकी इंचार्ज ज्योति नारायण तिवारी समेत 4 कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। पूरी चौकी के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी। इस मामले में पुलिस 4 पशु तस्करों को पकड़ चुकी है। इसमें बिहार के गोपालगंज के अजब हुसैन को गांव के लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने छोटू और राजू को बाद में सर्च ऑपरेशन के दौरान पकड़ा। कुशीनगर के रहीम के दोनों पैर में गोली मारकर अरेस्ट किया गया। वहीं, यूपी STF ने रामपुर में 25 साल के पशु तस्कर जुबैर उर्फ कालिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। ADG गोरखपुर ने उस पर एक लाख का इनाम रखा था। अब घटना वाले दिन की कहानी जानिए … ………………… यह भी पढ़ें : गोरखपुर में पशु तस्करों ने की NEET छात्र की हत्या:SP घायल, बवाल-आगजनी; पुलिस चौकी सस्पेंड, अमिताभ यश पहुंचे गोरखपुर में पशु तस्करों और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई। पशु तस्करों ने NEET की तैयारी कर रहे छात्र को खींच लिया। उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। लाश को घर से 4 किमी दूर फेंक दिया। साढ़े चार घंटे बाद घरवालों को छात्र की खून से लथपथ लाश मिली। उसका सिर कुचला हुआ था। पढ़िए पूरी खबर…


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *