पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू ने फिर पंजाब की सियासत में हलचल मचा दी है। सिद्धू ने अचानक दिल्ली में प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इसके बाद सिद्धू ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा- अपने मार्गदर्शक, प्रकाशस्तंभ और संरक्षक देवदूत से मिला। कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में साथ देने के लिए बस उनके और भाई के प्रति आभारी हूं। इस मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि नवजोत सिद्धू की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। वह फील्ड में भी एक्टिव होकर लोगों से मुलाकात करने लगी हैं। प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस मुलाकात के बाद सीएम भगवंत मान सिद्धू पर तंज कसा। सीएम भगवंत मान ने कहा- सिद्धू कितनी बार राजनीति में आएंगे, कितनी बार छोड़ गए। ना मैं प्रियंका गांधी की अपॉइंटमेंट लाकर देता हूं, ना मुझे पूछ कर मिलते हैं। कभी कहते हैं शोज में जाना है, कभी पंजाब के एजेंडे की फाइल से धूल हटाते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू को ऑल द बेस्ट। सिद्धू की इस मुलाकात से पंजाब कांग्रेस में भी हलचल मची हुई है। कांग्रेस पहले ही प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग, नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा समेत कई गुटों में बंटी है। लुधियाना से सांसद चुने जाने के बाद राजा वड़िंग के पास प्रधान पद की भी जिम्मेदारी है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि कहीं हाईकमान फिर सिद्धू परिवार को कोई बड़ी जिम्मेदारी देकर चौंका न दे। नवजोत सिद्धू की सोशल मीडिया पोस्ट… चुनावी हार के बाद राजनीति से दूर हुए सिद्धू
नवजोत सिद्धू ने 2022 में अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गए। इसके बाद वह राजनीति से दूर हो गए थे। 2024 के लोकसभा चुनावों में उनका नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में था। इसके बावजूद वे प्रचार पर नहीं पहुंचे थे। अब अचानक उनका प्रियंका से मिलना 2027 के चुनाव से पहले एक्टिव होने के संकेत माने जा रहे हैं। पहले कैप्टन, फिर चन्नी की मुश्किल बने रहे थे सिद्धू
नवजोत सिद्धू की पंजाब में पॉलिटिकल पारी खूब विवादों में रही। 2017-22 की कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। मगर, उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इसके बाद कैप्टन ने उनका मंत्रालय बदल दिया। नाराज सिद्धू ने मंत्रालय का कामकाज ही नहीं संभाला। इसके बाद कैप्टन के खिलाफ बगावत कर दी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अचानक कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटा दिया। इसके बाद सबको उम्मीद थी कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक चलेगा। कैप्टन की जगह करीब 3 महीने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनाए गए। कुछ समय तक सब ठीक चला लेकिन फिर अचानक सिद्धू ने चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिसमें डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति से लेकर सीएम चन्नी के लोगों के लिए घोषणाओं की तक वह आलोचना करने लगे। नवजोत कौर ने कहा था- टिकट मिले या नहीं, चुनाव लड़ूंगी
नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने 1 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से दावेदारी पेश की थी। नवजोत कौर ने कहा था कि वह जनता की सेवा करना चाहती हैं। यह काम विधायक बनकर ही बेहतर तरीके से हो सकता है। उनके क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें। मैं 2027 के चुनाव के लिए तैयार हैं। नवजोत कौर ने साफ किया कि चुनाव लड़ने के लिए टिकट देना या न देना पार्टी हाईकमान का अधिकार है, लेकिन उन्होंने खुद की तैयारियां पहले से शुरू कर दी हैं। 2012 से 2022 तक सिद्धू परिवार रहा अमृतसर ईस्ट सीट पर
2012 से 2022 तक सिद्धू परिवार का अमृतसर ईस्ट सीट पर कब्जा रहा। 2012 में नवजोत कौर सिद्धू भाजपा की उम्मीदवार थीं। उन्होंने अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनीं। 2017 में खुद नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू फिर से कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार थे, लेकिन आप की जीवनजोत कौर ने उन्हें 6,750 वोटों से हरा दिया और यह सीट अपने नाम कर ली।
नवजोत सिद्धू अचानक प्रियंका गांधी से मिले:पत्नी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकीं, पंजाब कांग्रेस में हलचल; CM मान बोले- ऑल द बेस्ट
