​​​​​​​एक अक्टूबर तक हल्के-मध्यम दर्जे की बारिश का अलर्ट:बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दवाब का असर, झारखंड में वज्रपात की भी चेतावनी

​​​​​​​एक अक्टूबर तक हल्के-मध्यम दर्जे की बारिश का अलर्ट:बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दवाब का असर, झारखंड में वज्रपात की भी चेतावनी
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बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दवाब का क्षेत्र एक बार फिर एक्टिव हो गया है। इसका असर झारखंड पर भी दिखेगा। मौसम विभाग ने 26 सितंबर से एक अक्टूबर तक कई क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना जताई है। इस दौरान गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने बारिश को लेकर 26 से 30 सितंबर तक यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार, इस बार दुर्गा पूजा में बारिश होने की संभावना है। क्योंकि, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर का नया सिस्टम बन रहा है। 30-40KM/H की रफ्तार से चल सकती है हवा इस वजह से 30 सितंबर तक कई बार हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। वज्रपात की भी संभावना है। वहीं, राज्य में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। सर्वाधिक बारिश 21 एमएम मंझारी पिछले 24 घंटे में मानसून कमजोर रहा। राज्य में कहीं-कहीं पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। वहीं, सर्वाधिक बारिश 21 एमएम मंझारी (पश्चिमी सिंहभूम) में दर्ज की गई। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस गोड्‌डा में जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस लातेहार में दर्ज की गई। राज्य में 18% अधिक बारिश हुई इधर, इस वर्ष 1 जून से 25 सितंबर तक झारखंड में औसत से बेहतर मानसूनी बारिश दर्ज की गई है। राज्य में कुल 1173.2 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य औसत 992 मिमी है। यानी झारखंड में 18% अधिक वर्षा हुई है। जिलेवार आंकड़े बताते हैं कि पूर्वी सिंहभूम में सबसे अधिक 1625.7 मिमी (53% अधिक) वर्षा हुई। इसके अलावा सरायकेला-खरसावां (51%), लातेहार (36%), रांची (50%), चाईबासा (33%) और चतरा में (11%) सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। हालांकि, कुछ जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम रही है। इनमें सबसे अधिक कमी पाकुड़ (−31%), गोड्डा (−14%), देवघर (−13%) और गढ़वा में (−7%) दर्ज की गई। बात सितंबर में बारिश की करें तो 1 से 25 सितंबर के बीच राज्य में 162.3 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य औसत 192.2 मिमी है। यानी इस अवधि में 16% कम बारिश हुई।


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