बक्सर में रामायण केंद्र पर लेजर शो शुरू:विश्वामित्र चिकित्सा सेवा केंद्र का भी हुआ लोकार्पण, पर्यटन मंत्री मंत्री समेत कई लोग रहे मौजूद

बक्सर में रामायण केंद्र पर लेजर शो शुरू:विश्वामित्र चिकित्सा सेवा केंद्र का भी हुआ लोकार्पण, पर्यटन मंत्री मंत्री समेत कई लोग रहे मौजूद
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बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रामरेखा घाट स्थित रामायण केंद्र में आधुनिक लेजर लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ किया। इसी अवसर पर उन्होंने किला मैदान में महर्षि विश्वामित्र भवन और विश्वामित्र चिकित्सा सेवा केंद्र का भी लोकार्पण किया। मंत्री ने कहा कि बक्सर की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहचान को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना उनका संकल्प है। चौबे ने बताया कि इस रामायण केंद्र का शिलान्यास 22 जनवरी 2024 को किया गया था, जिस दिन अयोध्या में श्रीरामलला नए मंदिर में विराजमान हुए थे। इस परियोजना की लागत 6 करोड़ रुपये है। आधुनिक लेजर लाइट एंड साउंड शो का परीक्षण ट्रायल 11 मार्च 2024 को हुआ था, जिसमें तत्कालीन बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा भी दी जाएगी इस पूरे प्रोजेक्ट का उद्देश्य बक्सर की आध्यात्मिक महत्ता को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है। इसके लिए “श्रीराम कर्मभूमि न्यास” की स्थापना की गई, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बक्सर को रामायण सर्किट से जोड़ने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री ने इस आग्रह को स्वीकार कर बक्सर को राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने का कार्य किया। न्यास सिद्धाश्रम बक्सर के गौरव को पुनःस्थापित करने के लिए प्रयासरत है। विश्वामित्र चिकित्सा सेवा केंद्र का संचालन श्रीराम कर्मभूमि न्यास और सेवाभारती के सहयोग से होगा। यह केंद्र कैंसर और अन्य असाध्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श और नि:शुल्क उपचार सेवाएं उपलब्ध कराएगा। बक्सर की धार्मिक पहचान होगी मजबूत चौबे ने कहा कि बक्सर, जिसे प्राचीन काल में सिद्धाश्रम के नाम से जाना जाता था, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है। यह प्रथम मनुज अवतार भगवान वामन की जन्मभूमि और महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि रही है। यहीं वह भूमि है जहां भगवान श्रीराम ने महर्षि विश्वामित्र एवं अन्य ऋषियों से देव दुर्लभ सहस्र दिव्यास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की थी। इसी पुण्य भूमि पर रामराज्य की अवधारणा ने आकार लिया और यहीं से श्रीराम की अभ्युदय यात्रा प्रारंभ हुई थी। उन्होंने कहा कि सिद्धाश्रम बक्सर को भगवान श्रीराम की प्रथम कर्मभूमि एवं रणभूमि के रूप में विश्व स्तर पर पहचान दिलाना आवश्यक है। बिहार के अंग क्षेत्र से महर्षि श्रृंगी के पूजन आह्वान के साथ श्रीराम की आविर्भाव यात्रा प्रारंभ हुई थी और आगे बक्सर से उनकी तपस्या व कर्मभूमि का इतिहास जुड़ा रहा है। लेजर लाइट एंड साउंड शो और विश्वामित्र चिकित्सा सेवा केंद्र के लोकार्पण को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिला। उपस्थित जनसमूह ने कहा कि इससे न केवल बक्सर की धार्मिक पहचान मजबूत होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी एक नई दिशा मिलेगी।


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