करूर भगदड़, सुप्रीम कोर्ट का CBI जांच का आदेश:3 सदस्यीय कमेटी निगरानी करेगी; एक्टर विजय की रैली में 41 लोगों की मौत हुई थी

करूर भगदड़, सुप्रीम कोर्ट का CBI जांच का आदेश:3 सदस्यीय कमेटी निगरानी करेगी; एक्टर विजय की रैली में 41 लोगों की मौत हुई थी
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को करूर भगदड़ मामले में CBI जांच के आदेश दिए। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने एक्टर विजय की पार्टी TVK और भाजपा नेता उमा आनंदन की मामले की CBI जांच याचिका पर फैसला सुनाया। मद्रास HC ने मामले की जांच SIT को सौंपी थी। बेंच ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय कमेटी जांच की निगरानी करेगी। इसमें दो IPS अधिकारी (तमिलनाडु कैडर के हो, लेकिन यहां के मूल निवास नहीं) इसमें शामिल होंगे, जो IGP रैंक से नीचे के नहीं होने चाहिए। बेंच ने 10 अक्टूबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा था कि जब AIADMK को करूर में कम जगह होने के कारण रैली की अनुमति नहीं दी गई तो फिर TVK को 27 सितंबर की रैली को कैसे इजाजत दी गई। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि मद्रास हाईकोर्ट ने SIT जांच का आदेश कैसे दिया, जबकि मामला मदुरै बेंच में था। दरअसल, 27 सितंबर को तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी। 100 से ज्यादा लोग घायल थे। आदेश में क्या कहा गया… जस्टिस माहेश्वरी: हम इस सब पर विचार करेंगे। जरूरत पड़ी तो हम इसे सीबीआई को भी सौंप देंगे। एड. सिंघवी: जिन दो मामलों में आदेश दिए किए गए हैं, वे संबंधित पक्षों ने दायर नहीं किए गए हैं। जस्टिस माहेश्वरी: दो बातें स्पष्ट हैं। इन दो SLPs में CBI जांच की मांग की गई थी। हमने HC के इस प्रकार की फंक्शनिंग पर भी ध्यान दिया है। 10 अक्टूबर की सुनवाई- सिंघवी बोले- CBI जांच की जरूरत नहीं TVK की ओर से एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम और सीए सुंदरम ने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका केवल राजनीतिक रैलियों के लिए SOP (मानक प्रक्रिया) बनाने को लेकर थी, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही दिन SIT बना दी। उन्होंने कहा था कि विजय को पुलिस ने सुरक्षा कारणों से स्थल से हटाया था, लेकिन कोर्ट ने इसे ‘घटनास्थल छोड़कर भागने’ जैसा बताया, जो राजनीतिक रूप से गलत धारणा पैदा करता है। इधर, तमिलनाडु की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि CBI जांच की जरूरत नहीं है, क्योंकि पुलिस की बड़ी चूक साबित नहीं हुई है। वहीं, मुकुल रोहतगी और पी विल्सन ने कहा- भगदड़ इसलिए हुई क्योंकि भीड़ सुबह से जमा थी, जबकि विजय शाम 7 बजे पहुंचे। 4 अक्टूबर: मद्रास HC ने कहा- TVK जिम्मेदारी से नहीं बच सकती मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने 4 अक्टूबर को CBI जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दी थी। वहीं, अतिरिक्त मुआवजा राशि की मांग वाली याचिका पर स्टालिन सरकार को नोटिस जारी किया। यहां मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। साथ ही मद्रास हाईकोर्ट ने करूर भगदड़ की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है। इसकी अगुआई तमिलनाडु पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (IG) असरा गर्ग कर रहे हैं। विजय ने मृतकों के परिवार से वीडियो कॉल पर बात की विजय ने करूर भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना शुरू किया है। इंडिया टुडे के मुताबिक, विजय कई परिवारों से वीडियो कॉल पर बात कर चुके हैं। विजय बोले थे- बदला मुझसे लें, मेरे लोगों से नहीं विजय थलपति ने 30 सितंबर को एक वीडियो जारी किया था। इसमें विजय ने कहा, “क्या CM स्टालिन बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कुछ गलत नहीं किया। अगर बदला लेना है तो मेरे पास आओ। मैं घर में मिलूंगा या ऑफिस में। मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मैं CM से अपील करता हूं कि कृपया मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को नुकसान न पहुंचाएं।” भगदड़ के बाद की 2 तस्वीरें… विजय ने 20 अक्टूबर तक रैलियां रोकीं तमिलगा वेत्री कजगम (टीवीके) प्रमुख और एक्टर विजय ने 20 अक्टूबर तक सभी राजनीतिक रैलियां स्थगित कर दी हैं, जिससे उनके राज्यव्यापी चुनाव अभियान पर विराम लग गया है। TVK ने सोशल मीडिया पर अपनी रैलियों के अस्थायी निलंबन की जानकारी पोस्ट की। विजय की पार्टी ने मृतकों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है। वहीं, ​​​​​TVK महासचिव आनंद और निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी जस्टिस जोतिरमन की सिंगल बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट की गई थी। लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई। ————————————– ये खबर भी पढ़ें… विजय राजनीति के लिए फिल्में छोड़ रहे, कभी इससे दूर रहने के लिए माता-पिता पर केस किया था करूर भगदड़ से विवादों में आए तमिल अभिनेता जोसेफ विजय चंद्रशेखर उर्फ थलापति विजय का जीवन सिर्फ फिल्मों और ग्लैमर तक सीमित नहीं रहा। 2021 में राजनीति से दूर रहने की शर्त पर वे अपने माता-पिता के खिलाफ कोर्ट तक जा चुके थे। पूरी खबर पढ़ें…


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