यूपी में 25% क्राइम घटा, भ्रष्टाचार के केस दोगुने हुए:अपहरण में लखनऊ, महिला अपराध में कानपुर और गाजियाबाद आगे; दंगे जीरो

यूपी में 25% क्राइम घटा, भ्रष्टाचार के केस दोगुने हुए:अपहरण में लखनऊ, महिला अपराध में कानपुर और गाजियाबाद आगे; दंगे जीरो
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में यूपी की कानून-व्यवस्था की तारीफ की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में यूपी में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों की संख्या जीरो रही है। यह योगी सरकार की साल-2017 से लागू जीरो टॉलरेंस नीति का नतीजा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2012-2017 के बीच यूपी में 815 दंगे हुए थे, जिनमें 192 लोग मारे गए। वहीं 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2017 के बाद कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बरेली और बहराइच में हुई 2 हिंसक घटनाओं को भी सरकार ने 24 घंटे के भीतर कंट्रोल कर शांति बहाल कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 2023 में प्रति लाख आबादी पर औसतन 448.3 अपराध दर्ज हुए, लेकिन यूपी में यह आंकड़ा सिर्फ 335.3 रहा। यह कमी राज्य की जनसंख्या करीब 23.6 करोड़ को ध्यान में रखते हुए और भी महत्वपूर्ण है। प्रदेश में कुल अपराध में 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत से एक चौथाई कम है। अब बात करते हैं यूपी पर आई NCRB रिपोर्ट की… यूपी में भ्रष्टाचार के मामले दोगुने हो गए हैं। वहीं, मर्डर और हिंसा के मामले घटे हैं। साइबर क्राइम के मामलों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। सभी अपराधों की बात करें, तो उसमें भी यूपी में पिछले 2 साल के मुकाबले बढ़ोतरी ही दर्ज की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी 2023 में हुए अपराध के आंकड़ों में महिला अपराध के अलावा किडनैपिंग, बच्चों के साथ अपराध, आर्थिक अपराध के मामले में भी बढ़े हैं। रिपोर्ट में 2021 और 2022 के साथ तुलनात्मक आंकड़े जारी किए गए हैं। 1- महिला अपराध में नंबर यूपी नंबर-1
2023 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 66,381 मामले दर्ज किए गए। ये पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। यूपी के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र (47,101), तीसरे पर राजस्थान (45,450) और चौथे पर मध्यप्रदेश (32,342) है। हालांकि, आबादी के हिसाब से देखें, तो दूसरे राज्यों के मुकाबले इसका प्रतिशत कम है। महिला अपराध के मामले में प्रदेश के 3 बड़े शहरों गाजियाबाद, कानपुर और लखनऊ पहले नंबर पर हैं। लखनऊ में 2022 के मुकाबले 30 फीसदी से ज्यादा अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। इन घटनाओं में से ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण से जुड़े हैं। इनमें अपराधी अक्सर परिवार के सदस्य ही निकलते हैं। 2- बच्चों से अपराध में तीसरे नंबर पर
बच्चों के साथ अपराध की घटनाओं में यूपी तीसरे नंबर पर है। 2023 में यहां 18,852 मामले दर्ज हुए। ये मध्यप्रदेश (22,393) और महाराष्ट्र (22,390) के बाद तीसरे स्थान पर हैं। 2021 में यूपी में बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या 16,838 और 2022 में अपराधों की संख्या 16,682 थी। इस बार इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं किशोरों (जुवेनाइल) के अपराध मामले भी 2022 की तुलना में बढ़े हैं। 2022 में 1,505 मामले दर्ज किए गए थे। इस बार ये संख्या 1,575 बताई जा रही है। 3- अपहरण के मामले भी बढ़े
जहां तक अपहरण के मामलों की बात है, तो ये संख्या 2023 में 16,663 है। इसमें सबसे बड़ी संख्या शादी के लिए लड़कियों के अपहरण की घटनाएं शामिल हैं। इनकी संख्या 10,627 है। वहीं इस अवधि में 2,380 बच्चों के किडनैप की घटनाएं हुई हैं। फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं केवल 16 हैं। राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा अपहरण की घटनाएं हुईं। यहां 2022 के 293 के मुकाबले 2023 में 720 घटनाएं हुईं। 4- साइबर अपराध में मामूली बढ़ोतरी
साइबर अपराध के मामलों में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है। 2023 में यूपी में 10,794 साइबर अपराध दर्ज हुए। ये 2022 के 10,117 से बढ़े हैं। पूरे देश में साइबर क्राइम 31% उछाल के साथ 86,420 मामलों तक पहुंच गया है। लेकिन यूपी में बढ़ोतरी बहुत मामूली है। 5- आर्थिक अपराध के मामले भी बढ़े
यूपी में आर्थिक अपराध के मामले भी बढ़े हैं। 2023 में यह आंकड़ा 23,428 तक पहुंच गया है। 2021 में यह आंकड़ा 20,026 और 2022 में यह आंकड़ा 22,409 बताया गया था। इन मामलों में हुआ सुधार ऐसा नहीं है कि NCRB के 2023 में अपराध को लेकर दिए आंकड़े सिर्फ यूपी के लिए नेगेटिव हैं। कुछ मामलों में सुधार भी देखने को मिला है। मर्डर, हिंसा, बुजुर्गों के साथ अपराध, दलितों के साथ अपराध के मामलों में कमी आई है। ———————— ये खबर भी पढ़ें… महिला SI बोली- रेपिस्ट की गोली बगल से निकली, सीतापुर में स्वाति ने एनकाउंटर कर पकड़ा लखनऊ जोन की महिला दरोगा स्वाति चतुर्वेदी पूरे यूपी में उन 4 एनकाउंटर करने वाली महिला अफसरों में शामिल हो गई हैं। अब हर तरफ उनकी चर्चा है। लोग दुर्गा तक की संज्ञा दे रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने उनसे इस एनकाउंटर पर, महिला पुलिस की चुनौतियों और उनके जीवन पर विस्तार से बात की। पढ़िए पूरी खबर…


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