इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने मंगलवार को UN में ओम शांति शांति ओम, नमो बुद्धाय के नारे लगाए। उन्होंने अपने भाषण को खत्म करने के लिए मुस्लिम, यहूदी, हिंदू और बौद्ध संस्कृतियों के शांति संदेशों का उपयोग किया। सुबियांतो ने कहा, वस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाही वबराकातुह, शालोम, ओम शांति शांति शांति ओम, नमो बुद्धाय। इसके बाद उन्होंने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि भगवान हम सब पर कृपा करें, शांति हम पर बनी रहे। सुबियांतो ने गाजा की स्थिति का भी जिक्र किया और वहां शांति, समृद्धि और विकास की अहमियत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि लोग मदद के लिए रो रहे हैं, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे संकट में हैं। सुबियांतो ने कहा कि हमें स्वतंत्र फिलिस्तीन चाहिए, लेकिन साथ ही इजराइल की सुरक्षा और शांति भी सुनिश्चित करनी होगी। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जर्मनी ने भारतीय कामगारों को आने का न्योता दिया; अमेरिका के H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के बाद फैसला अमेरिका के H-1B वीजा फीस बढ़ाने के बाद जर्मनी ने भारतीय प्रोफेशनल्स को अपने देश का आने का न्योता दिया है। भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने सोशल मीडिया और एक वीडियो मैसेज के जरिए कहा कि जर्मनी भारतीय प्रतिभाओं के लिए बेहतर और स्थिर विकल्प है। एकरमैन ने बताया कि जर्मनी की इमिग्रेशन पॉलिसी अचानक नहीं बदलती, बल्कि यह भरोसेमंद है। उन्होंने इसकी तुलना जर्मन कार से की, जो भरोसमंद, एडवांस होती हैं। एकरमैन ने कहा कि हम कड़ी मेहनत में यकीन करते हैं और अपनी बेस्ट जॉब, बेस्ट लोगों को देना चाहते हैं। एकरमैन ने यह भी कहा कि भारतीय जर्मनी में सबसे ज्यादा कमाई करने वालों में गिने जाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां एक औसत जर्मन कामगार 3,945 यूरो (4.13 लाख रुपए) महीना कमाता है, वहीं भारतीय मूल के पेशेवर औसतन 5,359 यूरो (5.60 लाख रुपए) कमाते हैं। राजदूत ने कहा कि इसका मतलब है भारतीय न सिर्फ मेहनती हैं बल्कि जर्मन समाज और अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान भी देते हैं। जर्मनी को करीब 3 लाख प्रवासियों की जरूरत जर्मनी को यह पहल इसलिए भी करनी पड़ रही है क्योंकि वहां की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 2040 तक हर साल लगभग 2.88 लाख प्रवासियों की जरूरत होगी। इस कमी को पूरा करने के लिए जर्मनी ने 2024 से पेशेवर वीजा की संख्या 10 % से ज्यादा बढ़ाने और भारतीयों के लिए खास मौके दिए जाने की घोषणा की है। पिछले साल जर्मन सरकार ने 2025 में 2 लाख पेशेवर वीजा जारी करने का वादा किया था, जिनमें से 90,000 भारतीयों के लिए तय किए गए। यह संख्या पहले की सीमा 20,000 से कई गुना ज्यादा है। इस समय तकरीबन 1.3 लाख भारतीय पेशेवर जर्मनी में रहकर काम कर रहे हैं और उनकी औसत कमाई स्थानीय कामगारों से कहीं अधिक है। भारत बोला- पाकिस्तान अपने ही लोगों को बम गिराकर मार रहा; UN में राजनयिक बोले- भारत की जमीन पर कब्जा छोड़ो भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में पाकिस्तान पर हमला बोला। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जनता पर हवाई हमले कर रहा है और भारत पर झूठे आरोप लगा रहा है। त्यागी ने कहा, भारत की जमीन पर कब्जा छोड़ो और अपने देश की अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार और राजनीति सुधारो। आतंकवाद फैलाने और अपने ही लोगों को बम मारने में व्यस्त मत रहो। उनका यह बयान खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक के अगले दिन आया। इसमें कम से कम 30 नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इटली की पीएम मेलोनी बोलीं- जंग खत्म कराने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि भारत दुनिया में चल रहे संघर्षों को सुलझाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांति प्रयासों की सराहना की। मेलोनी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में मोदी से वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें यूक्रेन युद्ध और भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने निवेश, रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। इटली की पीएम ने फिलिस्तीन मुद्दे पर भी रुख साफ किया और कहा कि उनका देश केवल तभी फिलिस्तीन को मान्यता देगा जब हमास सरकार में शामिल न हो और सभी इजराइली बंधक रिहा किए जाएं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव हमास पर होना चाहिए, न कि इजराइल पर। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जफर एक्सप्रेस पटरी से उतरी, ट्रेक पर विस्फोट होने से कई डब्बे पलटे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को जफर एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेक में विस्फोट होने से कई डिब्बे पलट गए। कम से कम तीन डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए और मौके पर रेस्क्यू टीम भेजी गई। यह हमला पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर विस्फोट होने के कुछ घंटे बाद हुआ। इस साल 11 मार्च को भी इसी रूट पर जफर एक्सप्रेस पर हमला हुआ था, जिसमें छह सैनिक मारे गए और 450 से अधिक यात्री हथियारबंद मिलिटेंट्स द्वारा बंधक बनाये गए थे। उस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी और उन्होंने चेतावनी दी थी कि किसी भी सैन्य प्रतिक्रिया से स्थिति और बिगड़ सकती है। बलूचिस्तान में अलगाववादी हिंसा लंबे समय से जारी है और सुरक्षा बलों के लिए यह लगातार खतरा बना हुआ है।
वर्ल्ड अपडेट्स:UN में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने ओम शांति शांति ओम; नमो बुद्धाय के नारे लगाए
